प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी का कार्य निजी क्षेत्र के बिल्डरों के भरोसे छोड़ दिया गया है
पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस महासचिव
अशोक गहलोत ने कहा है कि भाजपा नीत केन्द्र सरकार ने वर्ष 2022 तक सबको आवास देने का वादा किया है, जो एक दिवास्वप्न से अधिक कुछ नहीं। इसके लिए आज तक समयबद्ध कार्यक्रम तय नहीं किए गए। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी का कार्य निजी क्षेत्र के बिल्डरों के भरोसे छोड़ दिया गया है। इसका लाभ कमजोर, अल्प एवं मध्यम वर्ग के लोगों को नहीं मिल पा रहा।
गहलोत ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में बीपीएल परिवारों के आवास की समस्या के समाधान के लिए राज्य स्तर पर सबसे बडी आवास योजना लागू की थी। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 3 जून 2011 को बांसवाड़ा में इसे लागू किया। योजना में सरकार ने हुडको से 3400 करोड़ रुपए का ऋण सहयोग जुटाया और इंदिरा आवास योजना को सम्मिलित करते हुए 10 लाख ग्रामीण बीपीएल परिवारों को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया था।
इसके तहत सितंबर 2013 तक साढ़े 4 लाख से ज्यादा आवासों का निर्माण किया गया। वर्ष 2011-12 से 2015-16 के दौरान राज्य में स्वीकृत आवासों में से 1.60 लाख से अधिक आवास अभी भी निर्माणाधीन हैं। आज राज्य की भाजपा सरकार ने इस योजना को भी अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं की तरह ठप कर दिया है।
याद आई दलितों कीजयपुर शहर कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि आखिर भाजपा को दलितों के सम्मान की बात याद आ गई। सुशीलपुरा में दलित के यहां भोजन ग्रहण किया, लेकिन उनके थाली-गिलास तक काम में नहीं लिए। उन्होंने कहा, सुशीलपुरा में जब गंदा पानी पीने से दो बच्चों की मौत हो गई थी तो क्षेत्रीय विधायक और मुख्यमंत्री इस बस्ती में नहीं पहुंचे थे।