मुंबई। भारत का रियल्टी सेक्टर फिर से विदेशी निवेशकों का पसंदीदा डेस्टिनेशन बनकर उभरा है। वैश्विक कंसल्टैंट कंपनी प्राइसवाटरहाउसकूपर्स (पीडब्ल्यूसी) के सर्वे के अनुसार सरकार द्वारा एफडीआई नियमों को सरल बनाने का असर रियल्टी सेक्टर पर दिखाई देने लगा है। विदेशी निवेशकों का भरोसा भारत पर बढ़ा है, जिसके चलते उनके लिए इंडियन रियल्टी मार्केट पसंदीदा इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन बन गया है।
पीडब्ल्यूसी के अनुसार एफडीआई के नियमों में बदलाव के बाद रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सेंटिमेंट पॉजिटिव हुआ है। विदेशी निवेशकों ने निवेश बढ़ाया है। 80 फीसदी निवेश बड़े इंस्टीट्यूशनल प्लेयर्स की ओर से रियल्टी मार्केट में किया गया है। विदेशी निवेशक एक बार फिर से भारतीय रियल एस्टेट मार्केट की ओर अपना रुख कर रहे हैं, जिन्होंने 2006-07 में नुकसान उठाया था। विदेशी निवेशकों के लिए एक बार फिर से भारत पसंदीदा निवेश डेस्टिनेशन बन गया है।
बेंगलुरू का रियल एस्टेट मार्केट इंडियन रियल एस्टेट मार्केट का कैपिटल के रूप में उभरा है। बेंगलुरू निवेशकों के बीच सबसे पसंदीदा इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन बन कर उभरा है। वहीं, मुंबई और दिल्ली बहुत कम मार्जिन से इन्वेस्टमेंट रैंकिंग में पिछड़ गए हैं। बेंगलुरू ने मुंबई को पीछे छोड़ते हुए यह मुकाम हासिल किया है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर अभिषेक गोयनका ने सर्वे रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि निवेश संभावना में दिल्ली दूसरे और मुंबई पांचवें स्थान पर है। इस सर्वे में 22 शहरों को शामिल किया गया था। ऑफिस और रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीदने की रेकमेंडेशन में मुंबई का स्थान आठवां और नौंवां हैं। यह इस बात का इशारा करता है कि आने वाले साल में इन्वेस्टमेंट प्रॉसपेक्टिव रैंकिंग में टॉप टेन में शामिल होगा। सर्वे के अनुसार मुंबई रियल्टी रिकवरी की राह पर है।
दुनिया की टॉप 5 लिस्ट में भारत का कोई शहर नहीं
अभी भी मार्केट में रेजिडेंशियल यूनिट की ओवर सप्लाई है, लेकिन नए प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग कम होने से आने वाले समय में स्थिति बेहतर होगी। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को बड़ी उम्मीद से देखा जा रहा है। टोक्यो, सिडनी, मेलबर्न,ओसाका और हो ची मिन्ह सिटी रियल्टी मार्केट में निवेश और विकास की संभावनाओं के मामले में दुनिया के शीर्ष पांच शहरों के रूप में उभरेंगे।