
इधर, भिलाड़ पुलिस ने कार की सीएनजी टंकी में शराब ले जा रहे दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बताया गया है कि पुलिस ने वाहनो की जांच के दौरान शंका के आधार पर एक कार को रोककर तलाशी लेकर डेढ़ लाख की शराब बरामद की। पुलिस के अनुसार बूटलेगरों ने सीएनजी टंकी में शराब छुपाने के लिए चोरखाना बनाया था। जांच के दौरान उसमें से 144 बोतल शराब बरामद कर बुटलेगर अनीश तथा ईश्वर को गिरफ्तार कर लिया है।
फरार घूसखोर आयकर अधिकारी ने किया सरेंडर
वलसाड. ब्याज पर रुपए देने का धंधा करने वाले शख्स से 1.55 लाख रुपए की रिश्वत लेने के बाद पकड़े जाने के डर से पुलिस कर्मी को कार से टक्कर मार कर फरार आयकर अधिकारी रविन्द्र बाकड़े ने 12 दिन बाद कोर्ट में सरेन्डर कर दिया। जहां से कोर्ट ने उसे एसीबी को सुपुर्द कर दिया।
वलसाड. ब्याज पर रुपए देने का धंधा करने वाले शख्स से 1.55 लाख रुपए की रिश्वत लेने के बाद पकड़े जाने के डर से पुलिस कर्मी को कार से टक्कर मार कर फरार आयकर अधिकारी रविन्द्र बाकड़े ने 12 दिन बाद कोर्ट में सरेन्डर कर दिया। जहां से कोर्ट ने उसे एसीबी को सुपुर्द कर दिया।
पकड़े जाने से पुलिसकर्मी को टक्कर मारी थी
वापी में तैनात आयकर अधिकारी रविन्द्र बाकड़े ने ब्याज का धंधा करने वाले महावीर परमार को वर्ष 2011-12 के दौरान अकाउन्ट में 12 लाख रुपए के लेनदेन मामले में नोटिस दिया था। बाद में उसने महावीर से पूरे मामले को निपटाने के लिए तीन लाख की घूस मांगी थी। अंत में मामला 1.55 लाख पर तय हुआ, लेकिन बाद में इसकी शिकायत सूरत एसीबी में कर दी गई। इसके बाद एसीबी की टीम ने ट्रेप लगाया और चला में प्रमुख ग्रीन सोसायटी के पास फरियादी ने आयकर अधिकारी को 1.55 लाख रुपए भी दिए। लेकिन एसीबी के पकडऩे से पहले ही भनक लगने से रविन्द्र अपनी कार से वहंा से भागने लगा। उसे रोकने गए एसीबी टीम के पुलिसकर्मी को टक्कर मारकर वह फरार हो गया था। इस संबंध में टाउन थाने में उसके खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ था। इस घटना के बाद से फरार चल रहे रविन्द्र ने 12 दिन बाद वलसाड कोर्ट में सरेन्डर कर न्यायिक हिरासत में भेजने का अनुरोध किया था। कोर्ट ने उसे नामंजूर करते हुए एसीबी की कस्टडी में सौंप दिया। एसीबी आगे की जांच में जुटी है।
वापी में तैनात आयकर अधिकारी रविन्द्र बाकड़े ने ब्याज का धंधा करने वाले महावीर परमार को वर्ष 2011-12 के दौरान अकाउन्ट में 12 लाख रुपए के लेनदेन मामले में नोटिस दिया था। बाद में उसने महावीर से पूरे मामले को निपटाने के लिए तीन लाख की घूस मांगी थी। अंत में मामला 1.55 लाख पर तय हुआ, लेकिन बाद में इसकी शिकायत सूरत एसीबी में कर दी गई। इसके बाद एसीबी की टीम ने ट्रेप लगाया और चला में प्रमुख ग्रीन सोसायटी के पास फरियादी ने आयकर अधिकारी को 1.55 लाख रुपए भी दिए। लेकिन एसीबी के पकडऩे से पहले ही भनक लगने से रविन्द्र अपनी कार से वहंा से भागने लगा। उसे रोकने गए एसीबी टीम के पुलिसकर्मी को टक्कर मारकर वह फरार हो गया था। इस संबंध में टाउन थाने में उसके खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ था। इस घटना के बाद से फरार चल रहे रविन्द्र ने 12 दिन बाद वलसाड कोर्ट में सरेन्डर कर न्यायिक हिरासत में भेजने का अनुरोध किया था। कोर्ट ने उसे नामंजूर करते हुए एसीबी की कस्टडी में सौंप दिया। एसीबी आगे की जांच में जुटी है।