ये था मामला
जानकारी के अनुसार 7 नवंबर 2021 को बागड़ी कॉलोनी के एक निर्माणाधीन मकान में 10 वर्षीय बच्ची का शव संदिग्ध अवस्था में मिला था। जिसे देखकर परिजनों ने दुष्कर्म की संभावना जताई थी। इस मामले में पुलिस ने पहले हत्या का मामला दर्ज किया और फिर 2 दिन बाद दुष्कर्म/पॉक्सो एक्ट की धाराएं बढ़ाई गईं थी। इस मामले में पता चला कि आरोपी गंदी नियत के चलते मासूम को उठाकर ले गया था, जब वह उसके साथ जबरदस्ती करने लगा तो वह चिल्लाने लगी, इस कारण उसका मुहं बंद करने के लिए आरोपी ने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी, इसके बाद मासूम के शव के साथ बलात्कार किया, फिर उसके शव को वहीं पड़ी सीमेंट की बोरियों में छुपाकर भाग गया, इस ममाले में फैसला देते समय जज ने कहा कि ऐसी विकृत मानसिकता वाले व्यक्ति से समाज को बचाना बहुत जरूरी है।
6 माह में सुना दिया कोर्ट ने फैसला
वैसे तो कोर्ट में अधिकतर केस लंबे समय तक चलते हैं, लेकिन इस मामले में कोर्ट ने करीब ६ माह में ही फैसला सुना दिया है, जिसमें आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है, इस मामले में उस समय खातेगांव में तैनात थाना प्रभारी एमएस परमार ने महज 24 घंटे में आरोपी को धर दबोचा था, मासूम के पिता की रिपोर्ट पर आरोपी गोलू उर्फ नरेन्द्र पिता भेरू सितोले (24) निवासी बड़ी बरछा के खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया था। इसके बाद आरोपी को कोर्ट में पेश कर प्रकरण शुरू कर दिया गया था। जिसका फैसला गुरुवार को सुनाया गया।
यह भी पढ़ें : पीएम मोदी की अकबर से की तुलना, गुना एनकाउंटर पर सिंधिया बोले- दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए
कल्पना से परे है, दुनिया देखना बाकी था
इस मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आरोपी का यह कृत्य उसकी निर्दयतापूर्ण कामेच्छा को प्रकट करती है। उसने ऐसी बालिका को अपना लक्ष्य बनाया, जिसका दुनिया देखना शेष था। आरोपी ने मृत बालिका को जो पीड़ा व यंत्रणा दी है, वह कल्पना से परे है। यह हिंसा की एक पराकाष्ठा है। इस कारण अभियुक्त के साथ नरमी बरतना न्यायोचित नहीं है, बल्कि अभियुक्त से समाज को बचाने के लिए उसे समाज से अलग करना जरूरी है, क्योंकि वह समाज के लिए घातक बन चुका है।