ट्रेनों के मामले में देवास पूरी तरह से इंदौर पर निर्भर है। सभी ट्रेनें इंदौर से ही देवास आती हैं, वर्तमान में सभी ट्रेनें इंदौर से ही फुल होकर आ रही हैं। नियमित चलने वाली ट्रेनों में तो कुछ राहत भी है लेकिन साप्ताहिक ट्रेनों या फिर सप्ताह में दो-तीन दिन चलने वाली ट्रेनों में भीड़ अधिक होने के कारण परेशानी आ रही है। भीड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई ट्रेनों के महिला कोच में भी पुरुष नजर आ रहे हैं जो अपने घर की किसी महिला सदस्य के साथ प्रवेश कर रहे हैं। भीड़भाड़ के कारण कई बार चेन पुलिंग की स्थिति भी रेलवे स्टेशन पर बन रही है। यह स्थिति सामान्य डिब्बों में सफर करने वालों की है। उधर रिजर्वेशन करवाकर आने-जाने वालों की स्थिति भी कुछ ठीक नहीं है। जिनके पहले से रिजर्वेशन हैं, उनका सफर तो अच्छा रहता है लेकिन जो अब रिजर्वेशन के लिए प्रयास कर रहे हैं उनको निराशा हाथ लग रही है क्योंकि अधिकांश ट्रेनों में वेटिंग चल रही है। वेटिंग की सूची लंबी होने के कारण कई ट्रेनों में सामान्य डिब्बों जैसी भीड़ रिजर्वेशन वाले कोच (स्लीपर श्रेणी) में नजर आ रही है। सोमवार दोपहर अंबेडकरनगर महू से आने वाली मालवा एक्सप्रेस में चढऩे के लिए भागदौड़ की स्थिति की बनी।
कई लोग खतरे में डाल रहे जान कुछ ट्रेनों में भीड़ की अधिकता के कारण डिब्बे में चढऩे के लिए कई लोग जल्दबाजी मचाते हैं जिससे हादसे का खतरा बना रहता है। चलती ट्रेन में चढऩे-उतरने से भी लोग बाज नहीं आ रहे हैं। पिछले महीने चलती ट्रेन में उतरने का प्रयास करने पर गांधीधाम-इंदौर एक्सप्रेस से गिरकर एक महिला यात्री घायल हो गई थी। सोमवार दोपहर १.१९ बजे जब मालवा एक्सप्रेस इंदौर से देवास आई तो प्लेटफॉर्म १ पर तीन किशोर बिल्कुल किनारे लापरवाहपूर्ण तरीके से खड़े थे, ट्रेन का इंजन बिल्कुल पास आने पर यह एक ओर हटे।
और इधर… रोजाना बदल रहा बसों का किराया ट्रेनों में भीड़भाड़ के चलते बसों में भी यात्रियों का दबाव बढ़ा है। लंबी दूरी की कई बसों का किराया निर्धारित नहीं है। कई रूटों पर रोजाना किराया बदल रहा है। सबसे अधिक भीड़ देवास से कानपुर, देवास से ग्वालियर रूट पर है। वहीं इटावा के लिए वर्तमान में एक ही बस उपलब्ध है। कानपुर के लिए करीब आधा दर्जन बसें चल रही हैं। सिटिंग व स्लीपर के किराए में १०० रुपए का अंतर है। देवास से शिर्डी, मुंबई, पुणे के लिए एसी बसें उपलब्ध हैं, इनके किराए में भी स्थिरता नहीं है। जिस दिन यात्रियों का दबाव अधिक रहता है उस दिन किराया बढ़ता जाता है।