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हवा में काम मत करो…व्यक्तिवाद की राजनीति नहीं राष्ट्रहित को देखो…बातें तो 10-15 हजार की करते हैं लेकिन आधे भी नहीं आते…

locationदेवासPublished: Apr 22, 2019 12:06:43 pm

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Amit S mandloi

–लोकसभा प्रभारी बोले- पार्टी में ये स्थिति बन गई कि कार्यकर्ताओं को चुप करवाने के लिए बोलना पड़ता है भारत माता की जय

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देवास. लोकसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में रविवार को भाजपा कार्यालय पर अहम बैठक हुई। हालांकि बैठक का जो समय दिया गया उससे करीब आधे घंटे देरी से बैठक शुरू हुई। देवास विधायक समेत कई पदाधिकारी बैठक में नहीं पहुंचे। संगठन उनसे जवाब मांगेगा। हालांकि संगठन पदाधिकारी खुद ही बचाव की मुद्रा में बात करते हुए कह रहे हैं कि कोई बीमार था तो कोई निजी कारणों के चलते गैरमौजूद था। इधर पार्टी के ही एक पदाधिकारी ने नसीहतभरे लहजे में कह दिया कि व्यक्तिवाद की राजनीति नहीं होनी चाहिए, राष्ट्रहित को देखना है। भाजपा में हावी व्यक्तिवाद पर दुख भी जताया। पिछली बैठकों की असफलता का जिक्र भी हुआ। खास बात यह भी रही कि जब कार्यकर्ता आपस में बात कर रहे थे तो उन्हें चुप करवाने के लिए भारत माता की जय के नारे लगाने पड़े।
दरअसल भाजपा जिला कार्यालय पर रविवार को लोकसभा की तैयारियों को लेकर बैठक थी। देवास-शाजापुर लोकसभा के प्रभारी पंकज जोशी, सह प्रभारी गोविंद मालू बतौर अतिथि मौजूद थे। बैठक में मुख्य रूप से तीन विषयों को लेकर चर्चा हुई। पहला विषय मतदान केंद्रों की बैठक था, दूसरा विषय ग्राम केंद्रों का सम्मेलन और तीसरा विषय २५ अप्रैल को भाजपा प्रत्याशी का नामांकन था। पंकज जोशी ने विषय रखा और पदाधिकारियों से हाथ खड़े करवाए कि किस किसने कितनी बैठकें ली हैं। इसमें यह तय किया गया कि मतदान केंद्रों की बैठक, ग्राम केंद्रों के सम्मेलन अनिवार्य रूप से करने हैं। २५ अप्रैल की नामांकन रैली में देवास, सोनकच्छ व हाटपीपल्या विधानसभा से कितने लोग जाएंगे इस पर बात हुई। विधानसभावार टारगेट तय किए गए। इसके लिए तीनों विधानसभा की अलग-अलग बैठकें भी हुईं। बैठक में जिलाध्यक्ष नंदकिशोर पाटीदार, जिला संगठन प्रभारी वीरेंद्र कावडिय़ा, जिला महामंत्री फूलसिंह चावड़ा, पूर्व महापौर शरद पाचुनकर, पूर्व विधायक दीपक जोशी, राजेंद्र वर्र्मा, सुरेंद्र वर्मा, जिला उपाध्यक्ष विजयसिंह रघुवंशी, मदनलाल कहार समेत मंडलों के अध्यक्ष, महामंत्री व अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। आभार मंडल अध्यक्ष ओम जोशी ने माना।
न संगठन मंत्री आए न विधायक

बैठक की शुरुआत में जिलाध्यक्ष ने हाजिरी ली। कार्यालय के जिस हॉल में बैठक हुई वह पीछे तक पूरा भर चुका था लेकिन फिर भी कई पदाधिकारी ऐसे थे जो बैठक में नहीं पहुंचे। संभागीय संगठन मंत्री प्रदीप जोशी बतौर अतिथि बैठक में आने वाले थे लेकिन वे नहीं आए। देवास विधायक गायत्रीराजे पवार भी अनुपस्थित थीं। मंडल व मोर्चों के कई अन्य पदाधिकारी भी गैरमौजूद रहे। जब जिलाध्यक्ष हाजिरी ले रहे थे तो प्रभारी ने कहा कि जो उपस्थित हैं वे खड़े हो जाएं ताकि मैं भी तो देख लूं कि कौन आया है। मेरी भी पहचान हो जाएगी। इधर संगठन पदाधिकारियों ने कहा कि जो नहीं आए उनसे जवाब लेंगे, लेकिन बचाव की मुद्रा में आकर यह भी कहा कि देवास विधायक का स्वास्थ्य खराब है। संभागीय संगठन मंत्री दूसरे कार्यक्रम में थे। अन्य पदाधिकारीगण पारिवारिक कारणों से नहीं आ सके।
किसने किया बूथ मजबूत करने का काम

बैठक में संबोधन के दौरान संगठन प्रभारी वीरेंद्र कावडिय़ा ने कहा कि आपमें से किसने बूथ को मजबूत करने का काम किया। इसका आकलन करना। जब तक बूथ मजबूत नहीं होगा तब तक पार्टी को बहुमत नहीं मिलेगा। बारीकी से बूथ मैनेजमेंट करना है। २५ को नामांकन रैली के बाद पार्टी की गतिविधियां तेज होंगी। मतदान केंद्रों तक की संरचना करना है। लोकसभा के सहप्रभारी गोविंद मालू ने कहा कि सोशल मीडिया का उपयोग करें। केंद्र की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करें। पार्टी के पक्ष में माहौल बनाएं। लोकसभा प्रभारी पंकज जोशी ने जब पदाधिकारियों से पूछा कि कितना काम कर चुके हैं तो कुछ ही खड़े हुए। शेष सब बैठे रहे। इस पर दुख जताया कि यह स्थिति ठीक नहीं है।
नाराजगीभरे लहजे में बोले- हवा में काम मत करो…

कार्यालय में बैठक समापन की ओर बढ़ रही थी एवं संचालन कर रहे जिला महामंत्री फूलसिंह चावड़ा आभार प्रदर्शन के लिए मंडल अध्यक्ष को बुला रहे थे तभी पूर्व महापौर शरद पाचुनकर ने उन्हें टोका और कहा कि आप लोगों ने अपनी बात कर ली। मेरी बात भी सुन लो। जो कुछ हो रहा है वह ठीक नहीं है। कुछ दिन पहले लोकसभा सम्मेलन हुआ था। दस-पंद्रह हजार लोगों की बात कही थी लेकिन कुर्सियां सिर्फ १५०० थीं। उसमें से भी कुर्सियां खाली थी। केवल हवा में काम मत करो। जितनी संख्या जाने वाली हो उतनी ही बताओ। मप्र में नुकसान उठा चुके हैं अब ऐसा न हो कि केंद्र में नुकसान हो जाए। यहां तो सब बोल देंगे कि इतने लोग ले जाएंगे लेकिन जाते कितने हैं। सबकी गिनती होनी चाहिए। पाचुनकर ने भाजपा के मौजूदा हालात पर दुख भी जताया और कहा कि व्यक्तिवाद की राजनीति हावी है। इससे पार्टी को नुकसान हो रहा है। देवास की ओर इशारा करते हुए पाचुनकर ने भाजपा संगठन की लचरता और पार्टी की अंतर्कलह पर पीड़ा भी जताई और राष्ट्रहित को तरजीह देने की बात कही। उम्मीदवार को मत देखो, उम्मीदवार में मोदी को देखो तब जाकर स्थिति सुधरेगी। जिले के ही एक पदाधिकारी ने पिछले दिनों हुई संचालन समिति की बैठक को लेकर नाराजगीभरे लहजे में बात रखी।
पार्टी की जगह व्यक्ति हुआ अहम

सूत्रों के मुताबिक बैठक में पदाधिकारियों का जो दर्द छलका उसकी बड़ी वजह कुछ नेताओं की हठर्धिर्मता और संगठन की विवशता भी है। खुद के हितों को साधने के प्रयास में सबको साधने की नीति पीछे छूट गई है और संगठन पदाधिकारी भी कुछ नहीं कर पा रहे। भाजपा मेंं पार्टी से ज्यादा व्यक्ति अहम हो गया है। यही वजह है कि होली मिलन समारोह में पूर्व विधायक दीपक जोशी नाराज हुए और समर्थकों के साथ बहिष्कार किया। गत दिनों हुई संचालन समिति की बैठक में जिले के पदाधिकारियों को नहीं बुलाया जिसमें लोकसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी संभालने वाले एक पदाधिकारी के खिलाफ नाराजगी उभरी और सोशल मीडिया पर पीड़ा भी व्यक्त की गई। देवास, सोनकच्छ और हाटपीपल्या तीनों ही विधानसभाओं में स्थिति फिलहाल विकट है और वर्चस्व की लड़ाई चल रही है।
पार्टी में अब ये स्थिति आ गई है…

खुद को अनुशासित कहने वाली भाजपा को अपने कार्यकर्ताओं को चुप करवाने के लिए भी भारत माता की जय बोलना पड़ रहा है। दरअसल जब पंकज जोशी पदाधिकारियों को खड़ा करके उनसे जानकारी ले रहे थे तो दूसरे पदाधिकारी आपस में बात कर रहे थे। इससे बैठक में व्यवधान होने लगा। यह सब देखकर जिलाध्यक्ष पाटीदार ने भारत माता की जयकारे लगाए। इस पर उपस्थितों ने उसे दोहराया। बाद में जोशी को कहना पड़ा कि पार्टी में अब ये स्थिति आ गई है कि कार्यकर्ताओं को चुप करवाने के लिए भारत माता की जय बोलना पड़ रहा है।
इनका दुपट्टा उनके गले में

बैठक को लेकर पदाधिकारी उत्साहित थे और दावे कर रहे थे कि संख्या अच्छी रहेगी। हॉल भी भर गया था लेकिन बावजूद इसके कई पदाधिकारी नहीं आए और जो आए वे भी गंभीर नहीं दिखे। बैठक को लेकर संगठन ने पार्टी के दुपट्टे भी मंगवाए थे लेकिन संख्या का ध्यान नहीं रखा और गणित बिगड़ गया। पूर्व विधायक दीपक जोशी बैठक शुरू होने के बाद पहुंचे और शुरू में बिना दुपट्टे के ही बैठे रहे। बाद में जिला महामंत्री ने अपने गले का दुपट्टा उन्हें पहनाया।
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