देवास से करीब 6-७ किमी दूर नागधम्मन नदी स्थित है। इस पर बने पुल (नंबर-68) को बने हुए पांच दशक से भी ज्यादा बीत गए हैं। वर्तमान में इस पुल की छत स्लैब वाली है जिसे तोड़कर अब गर्डर वाला किया जाएगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार इस कार्य में चार से पांच घंटे का समय लगेगा। इसके लिए ब्लॉक लिया जाएगा। ब्लॉक का समय ऐसा रखा जाएगा जिस दौरान इंदौर-देवास ट्रैक पर ट्रेनों का दबाव कम रहेगा। सामान्यत: यह स्थिति रात में ही बनती है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि पुल के नवीनीकरण का काम रात में किया जा सकता है। रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार २९ मार्च को करीब छह घंटे का ब्लॉक लिए जाने की तैयारी है हालांकि काम को चार घंटे में पूर्ण करने के प्रयास रहेंगे ताकि ट्रेनों की लेटलतीफी वाली स्थिति न बनने पाए। गौरतलब है कि करीब छह माह पहले शिप्रा वाले ब्रिज पर भी काम चला था तब कई घंटे का ब्लॉक लेना पड़ा था पर चूंकि वह ब्रिज लंबा था इसलिए समय अधिक लगा। वहीं नागधमम्मन नदी वाला ब्रिज अपेक्षाकृत छोटा है जिससे काम जल्द हो जाएगा। श्रमिक, मशीनें आदि भी शिप्रा वाले ब्रिज के काम की तुलना में नागधम्मन वाले पुल में कम उपयोग होंगी।
सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए नवीनीकरण
नागधम्मन नदी का रेलवे ट्रैक पुल काफी पुराना हो चुका है। सुरक्षा को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर इसका नवीनीकरण किया जाना है। आगामी कुछ दिनों में काम पूर्ण कर लिया जाएगा। काम के लिए ऐसा समय निर्धारित किया जाएगा जिस समय ट्रेनों का अधिक आवागमन अधिक नहीं रहता हो।
-ए.एच. सिद्दीकी, सीनियर सेक्शन इंजीनियर रेलवे देवास।
सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए नवीनीकरण
नागधम्मन नदी का रेलवे ट्रैक पुल काफी पुराना हो चुका है। सुरक्षा को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर इसका नवीनीकरण किया जाना है। आगामी कुछ दिनों में काम पूर्ण कर लिया जाएगा। काम के लिए ऐसा समय निर्धारित किया जाएगा जिस समय ट्रेनों का अधिक आवागमन अधिक नहीं रहता हो।
-ए.एच. सिद्दीकी, सीनियर सेक्शन इंजीनियर रेलवे देवास।