scriptस्वच्छता का तमगा सिर्फ कागजों हकीकत में गंदगी से जूझरहा शहर –नाले-नालियों में जमा है गाद, अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान | Cleanliness is a matter of mere paperwork, in reality, dirt has been f | Patrika News

स्वच्छता का तमगा सिर्फ कागजों हकीकत में गंदगी से जूझरहा शहर –नाले-नालियों में जमा है गाद, अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

locationदेवासPublished: May 05, 2019 12:39:18 pm

Submitted by:

Amit S mandloi

–पुराने कमिश्नर के जाते ही बिगड़े हालात, अब याद कर रहे निगमकर्मी पुराने दिन

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देवास. शहर स्वच्छ हो रहा है।देशमें दसवें नंबर पर आ गया है लेकिन यह सब हुआ है कागजों में। शहर के मौजूदा हालात देखकर यही चर्चा हो रही है कि क्या सच में स्वच्छता के मामले में देवास देशमें नंबर-१० पर आया है।पुराने अधिकारी के जाते ही निगम की व्यवस्था बिगड़ चुकी है।निचला अमला तो साफ सफाई कर भी रहा है लेकिन बड़े अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।नतीजा यह है कि शहर में कईजगहों पर गंदगी का अंबार है।नाले खुले पड़े हैं। साफ-सफाईका अभाव है।पक्के नालों में कचरा पड़ा हुआ है। वार्ड ४५ में सरकारी शौचालय अब तक नहीं बन सका है और लोग परेशान हो रहे हैं।इधर निगम के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि साफ सफाईकर रहे हैं।
दरअसल शहर में एक या दो नहीं बल्कि ऐसी कई जगह हैं जहां गंदगी का अंबार लगा हुआ है।खाली प्लॉटों पर पानी जमा होने की शिकायतें लंबे समय से मिल रही है लेकिन निगम प्रशासन ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहा।इसी तरह सड़कों पर फैले कचरे के साथही नालियों में जमा गंदगी की भी समस्या है लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नही हो पा रही है।शहर में कईजगह यह हाल है जहां गंदगी की शिकायत मिल रही है लेकिन निगम अफसर ध्यान नहीं दे रहे।निचले स्तर के कर्मचारी जरुर काम में जुटे हैं और अपनी ड्यूटी निभा भी रहे हैं लेकिन बड़े अधिकारी उदासीन रवैया अपना रहे हैं जिसके चलते निगम की छवि खराब हो रही है। इधर ननि के स्वच्छता निरीक्षक हरेंद्र ठाकुर का कहना है कि साफ-सफाई का काम निरंतर चल रहा है। नाले नालियों की बारिशपूर्व सफाई भी की जा रही है।सफाईकर्मी काम में जुटे हैं। जो लोग रोड पर ही गिट्टी रेत आदि मटेरियल रख देते हैं उन पर भी कार्रवाई की जा रही है।
अब तक नहीं बन सका शौचालय
वार्ड 45 में स्थिति और खराब है।कहने को इस वार्ड में प्रसिद्धगणेशमंदिर है और प्रति बुधवार को हजारों लोग दर्शन के लिए जाते हैं लेकिन इस वार्ड की भी उपेक्षा की जा रही है।यहां टैंपो स्टैंड पर एकमात्र शासकीय शौचालय है जो अब तक अधूरा पड़ा है।पूर्व कमिश्नर विशाल सिंह चौहान की पहल पर निर्माण शुरू हुआथा लेकिन चौहान के तबादले के बाद से निगम की स्थिति बिगड़ गईऔर वर्तमान में जो अफसर हैं वे ध्यान नहीं दे रहे।इंजीनियरों की भी मनमानी बढ़ रही है और शहर की हालत बिगड़ती जा रही है।र्वाडवासी बताते हैं कि इस शौचालय के सामने ही स्कूल है।शौचालय में दरवाजे नहीं लग सके हैं जिस कारण यहां से बदबू भी आती रहती है।पानी की व्यवस्था भी नहीं हो पाई है।
उज्जैन रोड पर बुरे हाल
उज्जैन रोड पर हाल बुरे हैं।ब्रिज के नीचे रेलवे पटरी से लगे हिस्से में नाले मं गंदगी भरी पड़ी है।स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे।कुछसमय पहले ननि सभापति ने इस नाले के मामले में अफसरों की क्लास भी ली थी लेकिन बाद में वे भी चुप बैठ गए। बारिश में नाला ओवर?लो होता है और लोगों के घरों में पानी घुसने का भय बना रहता है।इसी तरह उज्जैन रोड पर ही पुराने आरटीओ ऑफिस के पास नाले में गंदगी जमा है।उज्जैन की ओर से देवास आने वाले लोग जब इस नाले को देखते हैं तो शहर की स्वच्छता पर सवाल उठाते हैं।गंदगी की चपेट में आ चुके शहर को साफकरने के लिएन तो निगम अफसर ध्यान दे पा रहे हैं न ही जनप्रतिनिधि जिस कारणशहर की छवि खराब हो रही है।
वर्जन-
वार्ड 45 में शौचालय निर्माण शुरू करवाया था।काम भी चल रहा है।यदि काम बंद है तो मैं दिखवाता हूं कि क्या वजह है।संबधित से बात करेंगे।बारिशसे पहले सभी नाले-नालियां साफ करवाए जाएंगे।
सुभाषशर्मा,
महापौर देवास

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