जनता नहीं सुन सकी सीएम का लाइव प्रसारण
देवासPublished: Jun 14, 2018 10:41:25 am
– कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि भी नहीं पहुंचे
चापड़ा/बागली. प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार बुधवार के दिन मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना 2018 हितलाभ वितरण समारोह का आयोजन जनपद पंचायत द्वारा उत्कृष्ट विद्यालय परिसर में आयोजित किया गया था, जिसमें शासन की योजनाओं के तहत कई हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। इस आयोजन में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुर्इं। उक्त आयोजन में मुख्य रूप से मुख्यमंत्री का लाइव उद्बोधन उपस्थित जनता को दिखाना व सुनाना था, लेकिन जनपद द्वारा लगाई गई एलसीडी का सुचारु रुप से संचालन न होने के कारण मुख्यमंत्री का उद्बोधन लाइव उपस्थित जनता नहीं देख पाई। लाइव प्रसारण दोपहर 12.30 बजे शुरू हो चुका था लेकिन अव्यवस्थाओं के चलते 12.52 बजे लाइव प्रसारण शुरू हुआ जो कि बार बार बंद होता रहा। वही 20 से 25 मिनट तक मुख्यमंत्री का लाइव प्रसारण उपस्थित जनता को देखने को मिला। लेकिन 1.20 बजे के बाद अव्यवस्थाओं के चलते सिर्फ उपस्थित जनता को मुख्यमंत्री की आवाज सुनकर ही संतुष्ट होना पड़ा। उक्त आयोजन में बुलाए गए अतिथियों में से मात्र जनपद अध्यक्ष के अलावा कोई भी अन्य जनप्रतिनिधि उक्त आयोजन में नहीं पहुंचे जो की एक चर्चा का विषय बना रहा। वही आयोजन की शुरुआत में मंडल अध्यक्ष व नगर पंचायत अध्यक्ष कार्यक्रम में सम्मिलित हुए लेकिन कुछ समय बाद वह भी कार्यक्रम छोड़ अपने निजी कामों के लिए निकल गए।
मंत्री जोशी का जन्मदिन आयोजन पर पड़ा भारी
एक और उक्त आयोजन के दिन ही मंत्री दीपक जोशी का जन्मदिन भी था जिसके चलते आयोजन में आने से अधिक रुचि जनप्रतिनिधियों ने मंत्री के जन्मदिन कार्यक्रम में पहुंचने में अधिक रुचि दिखाई। मंच पर अनुविभागीय अधिकारी ही नजर आ रहे थे
मीडिया की फिर उपेक्षा
बागली विकासखंड में प्रशासन द्वारा आयोजित सभी कार्यक्रमों में मीडिया से दूरी बनाई जाती है। उसी के चलते बुधवार के दिन आयोजित कार्यक्रम में भी आयोजन कर्ताओं द्वारा मीडिया से दूरी बनाए रखी। कार्यक्रम स्थल पर मीडिया कर्मियों के लिए किसी भी प्रकार की बैठने की व्यवस्था नहीं की गई थी साथ ही उक्त आयोजन को लेकर प्रचार प्रसार का भी अभाव नजर आया। आयोजन में लगे टैंट के कई हिस्से हवा में लगे पर्दे हवा में उड़ चुके थे। वही बार.बार बिजली बंद होने के कारण कार्यक्रम प्रभावित हो रहा था। कार्यक्रम के अंत में मीडिया कर्मियों ने जिम्मेदार अधिकारियों से चर्चा करनी चाहिए तो सभी एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोपते हुए अव्यवस्थाओं से बचते नजर आ रहे थे अव्यवस्थाओं को लेकर किसी ने भी चर्चा करना जरूरी नहीं समझा।