कलेक्टर ने बातें सुन महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी को मौके से ही फोन लगाकर कई निर्देश दिए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी 12 सूत्री मांगों के आवेदन में उल्लेख है किया कि आंगनवाड़ी की महिला कर्मचारियों को महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ ही केंद्रीय व राज्य शासन के समस्त कार्य जो उन्हें सौंपे जाते हैं वह संपन्न करती हैं। अन्य विभाग के जो काम कर्मचारी नहीं कर पाते वे चुनौतीपूर्ण कार्य भी कार्यकर्ताओं को दिए जाते हैं। आईसीडीएस योजना को 40 साल पूरे होने के बाद भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है। आवेदन देने वालों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संघ की केंद्रीय उपाध्यक्ष रंजना राणा, जिलाध्यक्ष स्नेहलता गौड़, जिला कोषाध्यक्ष उमा यादव, नगर अध्यक्ष रानी सिंह, अलका देशमुख सहित भारतीय मजदूर संघ के एलएन मारू, ओपी रघुवंशी, अजय उपाध्याय, रामभानसिंह सहित जिलेभर की कार्यकर्ता शामिल थीं।
ये प्रमुख मांगें रखीं
1. आंगनवाड़ी कायकर्ता व सहायिका को सरकारी कर्मचारी घोषित कर तृतीय व चतुर्थ वर्ग का दर्जा दें।
2. कार्यकर्ता को 18 हजार व सहायिका को 15 हजार रु. प्रतिमाह न्यूनतम वेतन लागू किया जाए।
3. आईसीडीएस के अलावा अन्य विभाग के कार्य कराने पर अलग से भुगतान हो।
4. महंगाई भत्ता, भविष्य निधि, पेंशन, शासकीय अवकाश, स्थानांतरण, ग्रेज्युटी, मेडिकल, ईएसआई आदि
की सुविधाएं दें।
5. वेतन में विसंगतियां हैं, जो मानदेय रुक जाता है वह कभी नहीं मिलता। एक तारीख को मानदेय दिया
जाए, वेतन पर्ची अनिवार्य रूप से दी जाए।
6. 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने वालों को बाहर न निकाला जाए। जिन्हें निकाला है उन्हें वापस लिया जाए।
महिला सशक्तीकरण व एकीकृत बाल विकास में अलग से भर्ती न करें। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को
सुपरवाइजर और सहायिका को कार्यकर्ता के पद पर पदोन्नत करें।
7. मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका दोनों ही कार्य करती हैं। मिनी कार्यकर्ता को कार्यकर्ता का दर्जा
दिया जाए।
मप्र लघु वेतन कर्मचारी संघ ने दिया आवेदन
देवास. मध्यप्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ ने गुरुवार को 10 सूत्री मांगों को लेकर सांसद प्रतिनिधि राजीव खंडेलवाल को संघ के अध्यक्ष जगदीश तंवर के नेतृत्व में देवास-शाजापुर सांसद मनोहर ऊंटवाल के नाम आवेदन सौंपा। तंवर ने बताया, मप्र लघु वेतन कर्मचारी संघ द्वारा प्रदेश में कार्यरत सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, आकास्मिक व कार्यभरित सेवा, दैनिक वेतन भोगी, स्थाईकर्मी, अंशकालीन भृत्य, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, कोटवार, रसोइया के मांगों के संबंध में समय-समय पर आवेदन व पत्र के माध्यम से अपनी जायज मांगों के लिए शासन को अवगत कराता रहा है, किंतु आज तक मांगों पर न तो विचार किया गया न ही निर्णय जारी किया। इस कारण संघ द्वारा प्रदेश व्यापारी आंदोलन करने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के सुरेश शिंदे ने आवेदन का वाचन करते हुए बताया, प्रदेश में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का वृत्तिकर पूर्णत: समाप्त किया जाए। प्रदेश में कार्यरत भृत्य का पद नाम परिवर्तन किया जाए। आकास्मिक कार्यभरित सेवा के कर्मचारियों को समयमान वेतन देने के आदेश शीघ्र दिए जाएं। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाईकर्मी का दर्जा दिया जाए। अंशकालीन भृत्यों को भी स्थाईकर्मी का दर्जा दिया जाए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को नियमित श्रेणी का दर्ज दिया जाए सहित अन्य मांगें रखी। इस अवसर पर राज्य कर्मचारी संघ के सचिव प्रेमनारायण खाटवा, कोषाध्यक्ष गोपाल कुशवंशी, बनेसिंह राजपूत, सुरेंद्र जाधव, मुकेश चौधरी, शंकर नरवले, मनोहर नागर आदि उपस्थित थे।