दरअसल ताजा मामला सीवरेज का है जिसे लेकर नेता प्रतिपक्ष विक्रम पटेल प्रेसनोट जारी कर मांग की है कि 27 माह में बनने वाला सीवरेज प्रोजेक्ट अभी भी अधूरा है। पटेल ने कहा कि 2015 में सीवरेज प्रोजेक्ट के टेंडर हुए। टेंडर में प्रोजेक्ट को पूरा करने का समय 27 माह रखा गया था। बावजूद आज 38 माह हो चुके हैं फिर भी सीवरेज प्रोजेक्ट अधूरा है। ठेकेदारों की लापरवाही के चलते शहर के अधिकांश हिस्से के लोग परेशान हैं। जगह-जगह गड्ढे हो रहे हैं। अनेक गलियों में सीवरेज की पाइपलाइन आज भी नहीं डाली गई। जहां पाइपलाइन डाली गई है वहां पर सीसी रोड नहीं बनाया गया है। अगर सीवरेज प्रोजेक्ट के ठेकेदार समय पर काम नहीं कर रहे हैं तो उनका टेंडर निरस्त करके नए ठेकेदार को काम दिया जाए। नगर निगम के अधिकारी बार-बार इसी ठेकेदार को क्यों लाभ पहुंचा रहे हैं। ठेकेदार समय पर काम नहीं करता है तो उसका पेमेंट का काट कर भुगतान किया जाए या इसी रेट पर अन्य ठेकेदार को काम दिया जाए। सीवरेज प्रोजेक्ट को लेकर जो लापरवाही बरती जा रही है उसको लेकर 25 फरवरी को होने वाले निगम परिषद के सम्मेलन में कांग्रेस पार्षद दल द्वारा उक्त मुद्दा उठाए जाएगा एवं संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही करने या टेंडर निरस्त करने का प्रस्ताव रखा जाएगा।
कांग्रेसी ही कर रहे दबीजुबान चर्चा सीवरेज प्रोजेक्ट के अलावा ऐसे कई मामले हैं जिनको लेकर कांग्रेस ने विपक्ष में रहते प्रदर्शन किया। आरोप तक लगे कि भाजपा की सरकार होने के कारण कांग्रेस पार्षदों के वार्ड में काम नहीं हो रहे। अब जबकि कांग्रेस सरकार आ चुकी है और कांग्रेस पार्षद कमिश्नर से मुलाकात भी कर चुके हैं, बावजूद इसके हालात नहीं सुधर रहे। ऐसे में कई कांग्रेसी दबेस्वरों में कह रहे हैं कि अगर निगम में नियमविरुद्ध काम हुआ है या हो रहे हैं तो कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन कांग्रेस पार्षद अभी भी विरोध की आदत नहीं भूल पा रहे।