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घायल युवक पत्नी के साथ लगाता रहा थाने-अस्पताल के चक्कर और फिर हो गई मौत

locationदेवासPublished: Apr 13, 2019 12:20:57 pm

Submitted by:

Amit S mandloi

पुलिस और अस्तपाल का असंवेदनील चेहरा-शव लेकर परिजन पहुंचे औद्योगिक थाने, कहा केस दर्ज हो जाता और उपचार मिल जाता तो आज जिंदा होता राधेश्याम

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देवास. पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाहियों के बीच उलझकर एक घायल युवक की मौत हो गई। रंगपंचमी पर कुछ लोगों ने उसके साथ मारपीट की थी, इसी दौरान कान के पास व सिर में गंभीर चोट आ गई थी। नाराज परिजन व परिचित शुक्रवार को शव के साथ औद्योगिक थाने पर प्रदर्शन की तैयारी में थे लेकिन पुलिस कुछ अधिक ही सक्रिय नजर आई और थाने पहुंचने से पहले ही उनको समझाईश देकर पास के चौराहे से रवाना कर दिया। हालांकि बाद में इंदौर से शव सीधे एंबुलेंस से लेकर कुछ परिजन थाना परिसर पहुंच गए और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। बिखलती हुई पत्नी ने युवक की मौत के लिए पुलिस व डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराया। इस दौरान मौके पर उपस्थित पुलिस अधिकारियों ने उचित व त्वरित कार्रवाई का आश्वासन देकर न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया।
25 मार्च को रंगपंचमी पर दोपहर में संजयनगर में कुछ युवक हुड़दंग कर रहे थे। इसी दौरान राधेश्याम सोलंकी पिता भेरूलाल सोलंकी (28) के घर पर कुछ लोगों ने टंकी के पानी में रंग घोला और पानी बहाने लगे। यह देख राधेश्याम की मां शैतानबाई आईं और ऐसा करने से मना किया तो किसी ने उनको थप्पड़ मार दिया और झूमाझटकी की। इसके बारे में जब राधेश्याम को पता चला तो उसने संबंधितों के पास जाकर समझाइश देने का प्रयास किया तभी करीब आधा दर्जन लोगों ने मिलकर उसे पीटा और इसी दौरान किसी ने उसके कान के पास पत्थर मार दिया। परिजनों के अनुसार उस दौरान पास में ही पुलिस भी मौजूद थी, डायल १०० पर फोन भी किया गया, उससे भी पुलिस आई लेकिन समझाइश देकर टाल दिया गया। बाद में राधेश्याम जिला अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचा लेकिन वहां ढंग से उपचार नहीं किया गया। वहीं जब प्रकरण दर्ज करवाने के लिए औद्योगिक थाने पहुंचा तो पुलिस ने उसे टालकर रवाना कर दिया, प्रकरण दर्ज नहीं हुआ, एमएलसी आदि में उलझाया गया। कुछ दिन बाद जब राधेश्याम की तबीयत अधिक बिगड़ी तो उसे देवास से इंदौर भेज दिया गया।
वहां कई दिनों तक उपचार चला लेकिन गुरुवार शाम को उसने दम तोड़ दिया। शुक्रवार को नाराज परिजनों ने शव के साथ थाने पर प्रदर्शन की तैयारी की लेकिन पुलिस पहले ही सक्रिय हो गई और संजयनगर से लोडिंग वाहन व बाइक आदि से आ रहे परिजनों, परिचितों को रास्ते में रोकने का प्रयास किया गया। इसके बाद भी लोग थाने वाले चौराहे तक पहुंच गए। यहां दोपहर करीब तीन बजे भारी फोर्स की उपस्थिति में उनको रोका गया और औद्योगिक थाना टीआई ब्रजेश श्रीवास्तव समझाइश देकर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन देते रहे। परिजन पुलिस व स्वास्थ्य विभाग पर आरोप लगाते रहे और मौत के लिए इनको ही जिम्मेदार ठहराते रहे। इस दौरान मारपीट करने वालों के नाम भी पुलिस को बताए गए। इसी दौरान कोतवाली टीआई महेंद्र सिंह परमार भी पहुंचे। काफी देर की समझाइश के बाद सभी लोग वहां से वाहन हटाकर इंदौर की ओर वाले रास्ते के किनारे रुक गए लेकिन इंदौर से शव आने में देरी होने के कारण कुछ देर बाद यह लोग संजयनगर की ओर रवाना हो गए।
एक घंटे तक डीजे की आवाज पर पीटा

परिजनों ने बताया राधेश्याम के साथ करीब एक घंटे तक मारपीट की गई। इस दौरान डीजे इतना तेज बजाया जा रहा था कि आसपास उसके चिल्लाने की आवाज भी नहीं पहुंची, लोग समझ रहे थे कि लड़के हुड़दंग कर रहे हैं। डीजे वाले पर भी कार्रवाई की मांग की गई। इसके अलावा मामले को हल्के में लेकर समझाइश से टालने व एफआईआर नहीं करने वाले पर कार्रवाई की गुहार भी लगाई। राधेश्याम के मौसेरे भाई किशोर राठौर के अनुसार मौके पर आई पुलिस की ढीलपोल ने राधेश्याम की जान ली है, उसी समय आरोपितों पर कार्रवाई हो जाती और सही उपचार हो जाता तो वह बच जाता।
चंदा करके उपचार, अंतिम संस्कार का इंतजाम

परिचितों ने बताया उन्होंने चंदा करके, गेहूं बेचकर राधेश्याम के उपचार का इंतजाम किया। कफन व अन्य सामग्री भी जुटाई गई। राधेश्याम के ऊपर माता-पिता, पत्नी, दो बच्चों सहित अन्य रिश्तेदारों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी थी। वह मकान बनाने का काम करके रोजी-रोटी चला रहा था, उसके जाने से परिवार के भूखों मरने की स्थिति बन गई है। बेटा तो चला गया अब हमें न्याय चाहिए। राधेश्याम का परिवार मूल रूप से ग्राम आंवल्यापिपल्या का रहने वाला है।
4.20 बजे एसपी पहुंचे औद्योगिक थाने
शाम करीब 4.20 बजे एसपी चंद्रशेखर सोलंकी थाने पहुंचे और यहां औद्योगिक थाना टीआई, कोतवाली टीआई की उपस्थिति में मामले को लेकर चर्चा की। एएसपी जगदीश डावर भी थाने पहुंचे।
4.50 बजे एंबुलेंस से थाने पहुंचा शव

शाम को 4.50 बजे एंबुलेंस से शव इंदौर एमवाय अस्पताल से सीधे औद्योगिक थाने पहुंचा। यहां परिसर में एंबुलेंस खड़ी करके परिजनों ने त्वरित कार्रवाई की मांग की। कहा पूर्व में ही एफआईआर हो गई होती, सही उपचार मिल जाता तो आज राधेश्याम जिंदा होता। यहां एएसपी, दोनों टीआई ने परिजनों को समझाया और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। परिजनों को पता नहीं था कि बड़े स्तर के अधिकारी भी मौजूद हैं, इसलिए जब त्वरित कुछ कार्रवाई नहीं हुई तो वो कहने लगे हम शव लेकर एसपी कार्यालय जा रहे हैं, बाद में उनको समझाया गया।
बिलखती पत्नी बोली पुलिस ने नहीं सुनी मेरी

एंबुलेंस में राधेश्याम के शव के साथ बैठी पत्नी बिखलकर रोती रही। कहा कि उस समय पति को लेकर थाने आई थी, पुलिस ने नहीं सुनी मेरी। मेरे दो छोटे बच्चे हैं, अब कैसे क्या करूं।
राधेश्याम के थाने आने का वीडियो मोबाइल पर दिखाया
परिजनों ने पुलिस की लापरवाही का प्रमाण भी बताया। उन्होंने वह वीडियो दिखाया जब राधेश्याम घायल अवस्था में प्रकरण दर्ज करवाने के लिए औद्योगिक थाने पहुंचा था लेकिन उसकी सुनवाई नहीं की गई।
जांच के बाद दोषियों पर होगी कार्रवाई
प्रथमदृष्टया सिर व जबड़े में गंभीर चोट आने के कारण स्थिति बिगडऩे का पता चला है। जिला अस्पताल में बाइक से गिरने के कारण चोट आने की बात का जिक्र था, हालांकि परिजन इस बात से इनकार कर रहे हैं। इस बिंदु सहित अन्य सभी पर गंभीरता से जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पीएम रिपोर्ट व मर्ग जांच के बाद जो स्पष्ट होगा उसके हिसाब से संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया जाएगा।
-ब्रजेश श्रीवास्तव, औद्योगिक थाना टीआई।
कहीं न कहीं चूक हुई है
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार घटना के कई दिन बाद पीडि़त पक्ष उपचार के लिए अस्पताल गया था। वहां से डॉक्टरों ने थाने को कोई सूचना भी नहीं दी। मर्ग डायरी मिलते ही त्वरित जांच की जाएगी, पीएम रिपोर्ट व जांच के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। एफआईआर नहीं होने संबंधी बातों को लेकर भी संबंधितों की भूमिका की जांच की जाएगी। मामले में कहीं न कहीं चूक हुई है।
-जगदीश डावर, एएसपी देवास।
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