इन पांच गांवों में मिली गड़बड़ी
-शिप्रा से लगे क्षेत्र के गांव टुमनी में जिस रकबे को खेत के रूप में दर्ज किया गया था वहां मौके पर शिप्रा नदी है।
-ग्राम सुनवानी महाकाल में सत्यापन वाली जगह में अधिकांश रकबे में गेहूं की फसल की इंट्री की गई जबकि वास्तव में आधी भूमि पर गेहूं व शेष भूमि पर चना व अन्य फसल बोई थी।
-ग्राम बांगड़दा में जिस किसान के रकबे पर अन्य फसल का जिक्र भी था वहां पर भौतिक सत्यापन में सिर्फ चने की फसल ही मिली।
-ग्राम केलोद की गिरदावरी में भी लापरवाही सामने आई। यहां 0.90 हेक्टेयर में गेहूं मिला, शेष अन्य में चना व अन्य फसलें थीं जबकि रिकॉर्ड में अलग जानकारी दर्ज की गई थी।
-ग्राम लोहारी में जहां का टीम ने भौतिक सत्यापन किया वहां मात्र 0.4 हेक्टेयर में गेहूं, 5 हेक्टेयर में आलू, 1.85 हेक्टेयर में प्याज की फसल थी, जो ऑनलाइन गिरदावरी दर्ज हुई थी उसमें आंकड़े काफी अलग थे।
-शिप्रा से लगे क्षेत्र के गांव टुमनी में जिस रकबे को खेत के रूप में दर्ज किया गया था वहां मौके पर शिप्रा नदी है।
-ग्राम सुनवानी महाकाल में सत्यापन वाली जगह में अधिकांश रकबे में गेहूं की फसल की इंट्री की गई जबकि वास्तव में आधी भूमि पर गेहूं व शेष भूमि पर चना व अन्य फसल बोई थी।
-ग्राम बांगड़दा में जिस किसान के रकबे पर अन्य फसल का जिक्र भी था वहां पर भौतिक सत्यापन में सिर्फ चने की फसल ही मिली।
-ग्राम केलोद की गिरदावरी में भी लापरवाही सामने आई। यहां 0.90 हेक्टेयर में गेहूं मिला, शेष अन्य में चना व अन्य फसलें थीं जबकि रिकॉर्ड में अलग जानकारी दर्ज की गई थी।
-ग्राम लोहारी में जहां का टीम ने भौतिक सत्यापन किया वहां मात्र 0.4 हेक्टेयर में गेहूं, 5 हेक्टेयर में आलू, 1.85 हेक्टेयर में प्याज की फसल थी, जो ऑनलाइन गिरदावरी दर्ज हुई थी उसमें आंकड़े काफी अलग थे।