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समीर राय की दिनदहाड़े गोली मारकर की थी हत्या, 5 को आजीवन कारावास

locationदेवासPublished: May 26, 2022 10:33:05 pm

-करौलीनगर में पिछले साल हुई थी वारदात, पंचम अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाई सजा

समीर राय की दिनदहाड़े गोली मारकर की थी हत्या, 5 को आजीवन कारावास

समीर राय की दिनदहाड़े गोली मारकर की थी हत्या, 5 को आजीवन कारावास


देवास. दो माह की पैरोल पर जेल से बाहर आए हत्या के आरेापी युवक की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या करने के करीब एक साल पुराने मामले में न्यायालय ने 5 आरोपियों को दोषी पाते हुए दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही विभिन्न धाराओं में सजा व अर्थदंड किया गया है।
एक जून 2021 को शाम करीब 4.30 बजे समीर राय मोबाइल पर बात करता हुआ करौलीनगर में घर से बाहर गया तभी गोली चलने की आवाज आई थी। आवाज सुनकर उसकी पत्नी व सास बाहर आईं तो देखा कि दो लड़के उनके घर के सामने से भागकर जा रहे हैं जिनमें से एक के हाथ में बन्दूक थी व एक लड़का दो पहिया वाहन से भाग रहा था। समीर राय की छाती पर दाहिनी तरफ गोली लगी थी। पत्नी उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंची थी जहां डॉक्टर ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया था। मामले में सिविल लाइन पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या व अन्य धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। आरोपियों की पहचान रोहित शर्मा उर्फ बच्चा, गोविन्द चौधरी, विवेक सिंह उर्फ बबल, विजय उर्फ गंजू एवं कपिल चौधरी के रूप हुई थी। आरोपियों को गिरफ्तार कर अन्य आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। इस प्रकरण को गंभीर जघन्य सनसनीखेज प्रकरण की श्रेणी में चिन्हित किया गया था। पंचम अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा गुरुवार को फैसला सुनाया गया। आरोपियों को धारा 302/34 एवं 120-बी में आजीवन कारावास एवं 50000-50000 रुपए के अर्थदंड से दण्डित किया। आरोपी रोहित एवं कपिल को धारा 29(क) आयुध अधि. में 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000-5000 रुपए का अर्थदंड व आरोपी गोविन्द को 27(1)(ए) एवं 29(क) आयुध अधि. में 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास व 5000-5000 रुपए के अर्थदंड से दण्डित किया। शासन की ओर से अभियोजन का संचालन राजेन्द्र सिंह भदौरिया ने किया।
भाजपा नेता का उछला था नाम
इस हत्याकांड में शहर के एक भाजपा नेता नाम खूब उछला था। समीर की पत्नी ने इस संबंध में स्थानीय से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक इसकी शिकायत की थी, सीबीआई जांच की मांग भी की थी। हालांकि पुलिस ने उक्त नेता के खिलाफ सबूत नहीं मिलने की बात कही थी। इस हत्याकांड की कड़ी एक पुराने हत्याकांड से जुड़ी हुई थी। पुलिस ने इस मामले को वर्चस्व की लड़ाई में हुआ हत्याकांड बताया गया था। समीर के खिलाफ की कई प्रकरण दर्ज थे, हत्या के मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी।
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