विस्थापित हुए दर्जनों परिवारों के बच्चों की बंद है पढ़ाई, इसी सत्र से शुरूआत के लिए बना रहे झोपड़ी
देवासPublished: Jan 01, 2023 06:43:38 pm
-नागदा के प्रावि से दो शिक्षकों को दी जाएगी अध्यापन कराने की जिम्मेदारी
-डीपीसी, एपीसी व बीआरसी कर चुके हैं निरीक्षण, क्षेत्र में नहीं है कोई भवन


विस्थापित हुए दर्जनों परिवारों के बच्चों की बंद है पढ़ाई, इसी सत्र से शुरूआत के लिए बना रहे झोपड़ी
सत्येंद्रसिंह राठौर देवास. शहर से करीब 7-8 किमी दूर वार्ड क्रमांक-45 के ग्राम नागदा के समीप सातखोरी क्षेत्र में 50 से अधिक परिवार एक निजी जगह से विस्थापित होकर यहां बसे हैं। कई माह बीत गए लेकिन इन परिवारों के बच्चों के लिए प्राथमिक शिक्षा का कोई प्रबंध नहीं हो पाया था जिससे पढ़ाई बंद थी। पिछले दिनों मामला कलेक्टर ऋषव गुप्ता के सामने आने के बाद अब इस दिशा में काम शुरू हो गया है। डीपीसी, एपीसी, बीआरसी आदि ने वहां का दौरा कर लिया है जहां 6 से लेकर 11 साल तक के करीब 46 बच्चे सर्वे में मिले हैं। इनके लिए जल्द ही कक्षाओं की शुरुआत की जाएगी। चूंकि उस क्षेत्र में कोई पक्का भवन नहीं है इसलिए अभी वैकल्पिक जगह के रूप में एक झोपड़ीनुमा जगह वहां के लोग तैयार कर रहेे हैं, जल्द ही यहां पर स्कूल भवन की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
कुछ माह पहले नागदा के समीप निजी जमीन पर रहने वाले परिवारों को प्रशासन द्वारा हटा दिया गया था। बाद में इनको नागदा से करीब दो किमी दूर सातखोरी क्षेत्र में भेजा गया था। यहां पर न तो कोई भवन पहले से मौजूद है न ही कुछ अन्य साधन, ऐसे में यहां पर बच्चों की पढ़ाई को लेकर कुछ पहल नहीं हो पाई। पिछले दिनों कुछ परिजनों ने एक आवेदन कलेक्टर के नाम दिया था जिसके बाद डीपीसी राजेंद्र सक्सेना को इस दिशा में कदम उठाने के लिए निर्देशित किया गया। डीपीसी ने बीआरसी के माध्यम से 6-11 आयु वर्ग के बच्चों का सर्वे करवाया जिसमें संख्या 46 के आसपास निकली। अब इनकी पढ़ाई इसी सत्र से शुरू करवाई जाएगी, इसके लिए रहवासी झोपड़ी तैयार कर रहे हैं। यहां दरी, ब्लैक बोर्ड आदि की व्यवस्था करके अध्यापन शुरू कर दिया जाएगा।
वर्जन
जिम्मेदारों से की गई है चर्चा
सातखोरी क्षेत्र में अध्यापन सहित अन्य सुविधाओं को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों से चर्चा की गई है। जो भी संभव होगा वहां के रहवासियों के लिए प्रयास किए जाएंगे।
-मंजू मोदी, पार्षद वार्ड क्रमांक-45
जल्द शुरू होगी पढ़ाई
सातखोरी में नई बसाहट हुई है। वहां कोई भवन नहीं है, रहवासी एक झोपड़ी तैयार कर रहे हैं। यहां दरी, ब्लैक बोर्ड आदि उपलब्ध करवाकर नागदा प्रावि से दो शिक्षकों को अध्यापन की जिम्मेदारी दी जाएगी। जल्द ही स्कूल भवन निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
-राजेंद्र सक्सेना, डीपीसी देवास।