कॉलेजों में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया होने से विद्यार्थियों को कुछ सुविधा व भागदौड़ भले ही कम हो रही हो लेकिन छोटी-छोटी गलतियों के बड़े परिणाम भुगतना पड़ रहे हैं। देवास व आलीराजपुर में यूपीएससी परीक्षा परिणाम में आयशा नाम की युवतियों के बीच चयन के दावे का पटाक्षेप होकर देवास की आयशा की पुष्टि होने के बीच देवास के लीड केपी कॉलेज में नाम व सरनेम की समानता होने व पिता के नाम दोनों के एक जैसे रिकॉर्ड में दर्ज हो जाने से अजीबोगरीब स्थिति बन गई। जिस विद्यार्थी ने परीक्षा फॉर्म ही नहीं भरा था वो इतिहास विषय का पेपर दे आया और जिसने फॉर्म भरा था वो परीक्षा से वंचित हो गया। बाद में जब कॉलेज प्रबंधन ने आनलाइन डेटा की जांच की तो गड़बड़ी पकड़ में आई। इसके बाद जिसका पेपर छूटा उसे एक विषय में फेल होने से बचाने के लिए उसकी मर्जी से उसका विषय संशोधित कर दिया गया। अब वो अगले माह २१ जून को समाजशास्त्र का पेपर देगा।
विषय इतिहास से बदलकर उसकी मर्जी से समाजशास्त्र करवाया केपी कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष में मनोज सोलंकी नाम के दो विद्यार्थी हंै। इनमें एक के पिता का नाम लीलाधर सोलंकी जबकि दूसरे के पिता का नाम आप सिंह सोलंकी है। मनोज आप सिंह ने परीक्षा फॉर्म जमा किया था लेकिन जब वो गुरुवार को परीक्षा देने गया तो उसको प्रवेश नहीं दिया गया, जबकि फॉर्म नहीं भरने वाले मनोज लीलाधर ने पेपर दे दिया। इसके बाद मामला कॉलेज प्रबंधन तक पहुंचा तो जांच कर शुक्रवार को मनोज लीलाधर से लेट फीस के साथ फॉर्म भरवाया गया वहीं मनोज आप सिंह का एक विषय इतिहास से बदलकर उसकी मर्जी से समाजशास्त्र करवाया गया।
वर्जन मामला मेरे संज्ञान में आने के बाद दोनों विद्यार्थियों का ऑनलाइन डेटा चेक किया गया। इसमें पिता के नाम एक जैसे मिले थे। विक्रम विवि से मार्गदर्शन लेकर सुधार करवाकर जिसने फॉर्म नहीं भरा उससे भरवाया गया। जिसका पेपर छूट गया था, उसकी सहमति से इतिहास की जगह समाजशास्त्र विषय दिलवाया गया है।
-डॉ. संजय गाडगे, विक्रम विवि क्षेत्रीय सहायता प्रकोष्ठ समन्वयक देवास। नाम-पिता का नाम सही इसलिए मनोज लीलाधर को परीक्षा में बैठाया कॉलेज प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार चूंकि मनोज लीलाधर के प्रवेश पत्र व ऑनलाइन फॉर्म की रसीद में नाम व पिता का नाम सही था इसलिए उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी गई। इन दोनों ही विद्यार्थियों का इतिहास माइनर सब्जेक्ट था, इसका एक-एक ही पेपर होना था।
फॉर्म भरने गया था तो सीधे प्रिंट आउट निकला था परीक्षा के बाद कॉलेज प्रबंधन ने मनोज लीलाधर से परीक्षा फॉर्म जमा करने के संबंध में पूछताछ की तो उसने बताया जब वो एमपी ऑनलाइन में फॉर्म भरने गया था तो सीधे प्रिंट आउट निकल आया था कि फॉर्म भरा हुआ है, उसने सोचा यह अच्छा रहा फीस भी नहीं लगी। उधर मनोज आपसिंह ने जब फॉर्म भरा था तो पिता का नाम गलत था लेकिन उसने गंभीरता से नहीं लिया और सोचा बाद में चेक करवा लूंगा।