किसान प्लॉट या खेती भूमि खरीदने के बाद सीमांकन के लिए जाता है तो भू-राजस्व विभाग द्वारा कहा दिया जाता है कि नागदा का नक्श कटा-फटा होने से आपकी भूमि का सीमांकन नहीं हो सकता है।
नागदा का किसान देवकरण पिता पुंजराज भी अपनी भूमि के सीमांकन के लिए वर्ष 2014 से देवास तहसील कार्यालय के चक्कर लगा-लगाकर थक गया है, किंतु उसका भूमि का सीमांकन नहीं हो सका है। बार-बार शिकायत करने से सीमांकन के लिए जरूर तीन बार पटवारी ने तहसीलदार की सहमति से नक्शा जारी कर दिया।
नक्शा जारी करने के बाद उस पर लिख दिया गया कि यह नक्शा सीमांकन करने योग्य नहीं है। मतलब की किसान चार साल से शिकायत कर रहा है, किंतु कोई भी अधिकारी-कर्मचारी उसका निराकरण नहीं कर पा रहा है। किसान ने तहसील के इतने चक्कर लगा लिए हैं कि निचले क्रम के कर्मचारी देवकरण को पहचानने लगे हैं।
किसान देवकरण ने सबसे पहले तहसील में वर्ष 2014 में भूमि का सीमांकन करवाने के लिए आवेदन किया था। आवेदन में बताया, मेरी नागदा के पटवारी हल्का नंबर z} में कृषि भूमि सर्वे नं. 1581/1/2 रकबा 0-993 करीब 4 बीघा भूमि का सीमांकन किया जाए। किसान को आवेदन करते-करते चार साल गुजर गए, किंतु अभी तक निराकरण नहीं हो सका है।
सीमांकन के लिए फिर से किसान ने नवागत कलेक्टर डॉ. श्रीकांत पांडे को आवेदन देकर अपनी पीड़ा के साथ ही पूरे नागदा की पीड़ा बताई है। इस पर कलेक्टर ने तत्काल ही सीमांकन में आ रही परेशानियों को दूर करने के अधिनस्थों को निर्देश दिए हैं। पटरवारियों ने भी चार साल में देवकरण की भूमि सीमांकन के मामले का पंचनामा बनाकर टीप लिख दी है, नक्शा सही नहीं होने पर हम सीमांकन नहीं कर सकते हैं।
इस संबंध में वार्ड पार्षद प्रतिनिधि कैलाश पटेल का कहना था कि भूमि के लिए हमने राजस्व मंडल ग्वालीयर को आवेदन लिखकर दिया है कि यहां का नक्शा फट गया है, जिससे किसानों की भूमि का सीमांकन नहीं हो रहा है।
ग्वालीयर से नागदा का नक्शा भेजा जाए, जिससे की किसानों को परेशानी नहीं हो सके। किसान देवकरण ने बताया, नागदा में मेरी एक अन्य डेढ़ बीघा भूमि में सर्वे नंबर गलत दर्ज हो गया था। इसे सही करवाने के लिए तीन साल तक केस लड़ा था, तब जाकर सही किया गया था। अब सीमांकन के लिए लगातार अधिकारियों से गुहार लगा रहा हूं।
निराकरण का समय आता तब तक अधिकारी बदल जाते
दिलचस्प बात यह है कि किसान देवकरण चार साल से तहसीलदार, एसडीएम व कलेक्टर से लिखित में सीमांकन को लेकर शिकायत कर रहे हैं। शिकायत जब आगे बढ़ती है तो अधिकारियों के तबादले हो जाते हैं, इसके बाद फिर से नए सीरे से शिकायतें करना पड़ती है। शिकायत के बाद जांच शुरू होती है और फिर अधिकारी बदल जाते हैं।
दिलचस्प बात यह है कि किसान देवकरण चार साल से तहसीलदार, एसडीएम व कलेक्टर से लिखित में सीमांकन को लेकर शिकायत कर रहे हैं। शिकायत जब आगे बढ़ती है तो अधिकारियों के तबादले हो जाते हैं, इसके बाद फिर से नए सीरे से शिकायतें करना पड़ती है। शिकायत के बाद जांच शुरू होती है और फिर अधिकारी बदल जाते हैं।
मैं दो आरआई के साथ पहले किसान के खेत पर सीमांकन के लिए गया था। किसान ने फिर से आवेदन देकर मांग की है कि पड़ोसी किसानों की उपस्थिति में सीमांकन किया जाए। हम जल्द ही मौके पर पहुंचकर दोबारा सीमांकन करेंगे।
प्रवीण पाटीदार, नायाब तहसीलदार देवास।
प्रवीण पाटीदार, नायाब तहसीलदार देवास।