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देवास: अंचल के किसी स्कूल-कॉलेज में नहीं एनसीसी: युवाओं की सेना भर्ती की तैयारी पर पड़ रहा असर

locationदेवासPublished: Sep 22, 2022 04:46:09 pm

-शहर के दो कॉलेज व तीन स्कूल में है एनसीसी, सी-सर्टिफिकेट धारकों को सेना भर्ती मेंं लिखित परीक्षा से मिलती है छूट, बी-सर्टिफिकेट में बोनस अंक

देवास: अंचल के किसी स्कूल-कॉलेज में नहीं एनसीसी: युवाओं की सेना भर्ती की तैयारी पर पड़ रहा असर
देवास: अंचल के किसी स्कूल-कॉलेज में नहीं एनसीसी: युवाओं की सेना भर्ती की तैयारी पर पड़ रहा असर
देवास. शहर के कुछ स्कूलों व दो कॉलेज को छोडक़र अंचल में कहीं पर भी स्कूल-कॉलेज में एनसीसी (नेशनल कैडेट कोर) की सुविधा नहीं है। ऐसे में इच्छा होने के बाजवूद विद्यार्थी इसमें प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं, वहीं सेना में भर्ती होने की तैयारी पर भी इसका असर पड़ रहा है। एनसीसी से सी-सर्टिफिकेट लेने वाले युवाओंं को सेना की लिखित परीक्षा से जहां छूट रहती है वहीं बी-सर्टिफिकेट धारी को 20० बोनस अंक लिखित परीक्षा में मिलते हैं।
शहर में वर्तमान में नारायण विद्या मंदिर क्रमांक-एक, उत्कृष्ट विद्यालय, चिमनाबाई हायर सेकंडरी स्कूल सहित एक निजी स्कूल में एनसीसी संचालित है। वहीं लीड केपी कॉलेज व साइंस कॉलेज में भी एनसीसी है। स्कूलों में सामान्यत: दो साल की एनसीसी रहती है और यहां से परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को ए-सर्टिफिकेट मिलता है। उधर कॉलेज स्तर पर तीन साल की एनसीसी रहती है जिसमें पहला साल प्रशिक्षण का, इसके बाद बी और सी सर्टिफिकेट की परीक्षा होती है। एनसीसी में सबसे महत्वपूर्ण सी-सर्टिफिकेट है जो कैडेट इसे प्राप्त कर लेता है उसे सेना की तैयारी में सिर्फ फिजिकल टेस्ट ही देना रहता है, लिखित परीक्षा से छूट रहती है। वहीं बी-सर्टिफिकेट वालों को लिखित परीक्षा में 20 बोनस अंक मिलते हैं। देवास में वर्तमान में जहां भी एनसीसी संचालित है वो सभी १० एमपी बटालियन एनसीसी उज्जैन से संबद्ध है। वर्तमान में नारायण विद्या मंदिर क्रमांक एक व उत्कृष्ट विद्यालय में 100-100 सीटे हैं। वहीं लीड केपी कॉलेज में एनसीसी की दो यूनिट जबकि साइंस कॉलेज में एक यूनिट है। चिमनाबाई हासे स्कूल में सीटों की संख्या 50 है, यहां पूर्व में एनसीसी की गतिविधि कई साल तक ठप रही थी, बाद में पिछले साल फिर से शुरूआत की गई है। जानकारों की मानें तो नए स्कूल या कॉलेज में एनसीसी की शुरुआत करने की प्रक्रिया जटिल होने व बाद में प्रति विद्यार्थी के मान से खर्च अधिक होने के कारण नई जगहों पर शुरुआत हीं हो पा रही है। कुछ दशक पहले सोनकच्छ के कॉलेज में भी एनसीसी गतिविधि कुछ साल तक चली थी फिर बंद हो गई थी।
वर्जन
एनसीसी के सी व बी सर्टिफिकेट कैडेट को सेना व कुछ अन्य सुरक्षा बलों की भर्ती में सुविधा मिलती है। जिला मुख्यालय के अलावा अंचल में कही पर भी एनसीसी की गतिविधियां संचालित नहीं हैं। इसकी स्वीकृति संबंधी प्रक्रिया दिल्ली स्तर से होती है।
-संजय गाडगे, लेफ्टिनेंट लीड केपी कॉलेज एनसीसी यूनिट।
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