अनोखी पहल: भारतीय संस्कृति को जीवित रखने स्कूल में पढ़ाई के साथ सिखाया जा रहा झाड़ू बनाना
देवासPublished: Feb 20, 2020 05:41:34 pm
छात्र-छात्राओं को खजूर के खोडिय़ों से बनने वाली झाड़ू बनाना सिखाया जा रहा है
अनोखी पहल: भारतीय संस्कृति को जीवित रखने स्कूल में पढ़ाई के साथ सिखाया जा रहा झाड़ू बनाना
देवास/चापड़ा। सरकारी स्कूलों को तो वैसे अपनी खामियों व सुविधाओं की कमी के लिए याद किया जाता है, लेकिन शासकीय माध्यमिक विद्यालय झिकडाखेड़ा ने इस धारणा को बहुत हद तक बदला है। इस स्कूल में पढ़ाई के साथ ही अब भारतीय संस्कृति से जीवंत परिचय कराने के लिए बच्चों को झाड़ू बनाना सिखाया जा रहा है। शिक्षकों के अनुसार हमारी परंपरा में ये काम रहा है, जिसे अब छात्र-छात्राओं को सिखाया जा रहा है।
बागली विकासखंड के आखिरी छोर पर स्थित है शासकीय माध्यमिक विद्यालय झिकडाखेड़ा। ये स्कूल विकासखंड नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में एक अलग ही पहचान रखता हैं। यहां पर पदस्थ शिक्षकों की मेहनत के आगे हर चुनौती छोटी साबित होती आई है। कई प्रकार की सुविधाओं के अभाव में भी स्कूल ने एक अपनी अलग ही पहचान बनाई हुई है। यहां पर पदस्थ शिक्षक विष्णु जाधव व सुनील पाटीदार की मेहनत के चलते स्कूल में पढऩे वाले 51 छात्र-छात्राओं को प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर पढ़ाई का स्तर तो मिल ही रहा है साथ ही अन्य प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। साथ ही समय-समय पर शिक्षकों द्वारा भारतीय संस्कृति से जुड़े कार्यों से भी छात्र-छात्राओं अवगत कराया जाता है। इन दिनों स्कूल में बच्चों को झाडू बनाना सीखाया जा रहा है। ये बहुत ही कठिन कार्य हैं, लेकिन छात्र-छात्राओं का झाड़ू बनाना सीखने का जज्बा इतना है कि वह मात्र 2 से 3 दिन में ही झाड़ू बनाना सीख गए हैं। पदस्थ शिक्षक सुनिल पाटीदार द्वारा विद्यालय में पढऩे वाले छात्र छात्राओं को खजूर के खोडिय़ों से बनने वाली झाड़ू बनाना सिखाया जा रहा है। शिक्षक सुनिल पाटीदार ने बताया कि विगत तीन दिनों से बच्चों को खजूर के पत्ते खोडियों से झाड़ू बनाना सिखाया जा रहा है।