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आगे आए धर्मगुरु, लोगों से कहा-घर में रहें, फालतू बाहर न घूमें, सेवा कर रहे लोगों का हौसला बढ़ाएं

locationदेवासPublished: Apr 04, 2020 06:05:51 pm

पुलिसकर्मियों व अन्य ड्यूटी कर्मचारियों को जरूरी सामग्रियों का किया वितरण, सेहत का ध्यान रखने का भी दिया सुझाव

आगे आए धर्मगुरु, लोगों से कहा-घर में रहें, फालतू बाहर न घूमें, सेवा कर रहे लोगों का हौसला बढ़ाएं

आगे आए धर्मगुरु, लोगों से कहा-घर में रहें, फालतू बाहर न घूमें, सेवा कर रहे लोगों का हौसला बढ़ाएं

देवास। लॉकडाउन के दौरान कलेक्टर डॉ. श्रीकांत पांडेय व पुलिस अधीक्षक कृष्णावेणी देसावतु ने शुक्रवार को कलेक्टर कार्यालय में शहर के विभिन्न धर्मों के धर्मगुरुओं, गणमान्य नागरिकों एवं मीडियाकर्मियों के साथ बैठक ली। कलेक्टर ने शहरवासियों से आग्रह किया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु अपने अपने घरों में रहे तथा लॉक डाउन हेतु प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करें। जिले में सभी डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस, प्रशासन स्वयंसेवी संस्थाएं, मीडियाकर्मी तथा प्रशासन की टीमें जो लोगों की सुरक्षा के लिए दिन-रात कार्यरत हैं, उनका प्रोत्साहन बढ़ाने हेतु अपनी-अपनी गली, मोहल्ले व कॉलोनी में ताली बजाकर उनका सहयोग व स्वागत करें।
धर्मगुरुओं ने की अपील- सभी अपने घर में रहें
बैठक में उपस्थित सभी धर्मगुरुओं द्वारा अपने-अपने समुदाय के लोगों से प्रशासन का सहयोग करते हुए अपने घरों में ही रहने की अपील की गई। इनमें खेड़ापति मंदिर एमजी रोड के पुजारी लीलाधर उपाध्याय, नायब काजी शहर सीनियर नोमान मोहम्मद अशरफी, द ग्रेस चर्च देवास के फादर अर्जुन सिंह, शहर काजी जूनियर देवास अबुल कलाम फारुकी, गुरुसिंघ सभा देवास के अध्यक्ष दिलीप सिंह जुनेजा, नारायण कुटी संन्यास आश्रम के स्वामी सुरेशानंद तीर्थ एवं योगेंद्र पुजारी, प्रेस क्लब अध्यक्ष श्रीकांत उपाध्याय द्वारा शहर के लोगों से घरों में रहने एवं प्रशासन का सहयोग करने की अपील की गई।
डॉक्टर बैठे घरों में, परेशान हो रहे लोग
लॉकडाउन के चलते सबसे बड़ी समस्या लोगों को यह हो रही है कि वे रूटीन बीमारियों का इलाज भी नहीं करवा पा रहे। प्राइवेट क्लिनिक बंद हैं। डॉक्टर भी घर से बाहर नहीं निकल रहे। कुछ डॉक्टर जरूर क्लिनिक आ रहे हैं और कुछ आना चाहते हैं लेकिन सख्ती के चलते नहीं आ पा रहे। मेडिकल स्टोर्स भी अनियमित रूप से चल रहे हैं और कई मेडिकल तो खुल ही नहीं रहे। इसकी एक वजह यह भी है कि जब डॉक्टर ही नहीं आ रहे तो मेडिकल संचालक भी घर बैठ गए क्योंकि डॉक्टर अपने मरीजों को जिस मेडिकल पर भेजते हैं वहीं से दवाएं मिलती हैं। ऐसे में शहरवासियों को दिक्कत हो रही है। बाजार में कुछ मेडिकल चालू हैं तो कुछ कॉलोनियों में खुल रहे हैं लेकिन सख्ती के कारण ये भी जल्दी बंद हो जाते हैं। जिन लोगों का पुराना इलाज चल रहा है वे अब आगे का इलाज निरंतर नहीं कर पा रहे क्योंकि क्लिनिक ही बंद है। यही हाल पैथोलॉजी लैब का है। लॉकडाउन के कारण पैथोलॉजी भी बंद है और लोगों को जांच के लिए परेशान होना पड़ रहा है। इस विसंगति की ओर प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा।
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