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मां नहीं है, लॉकडाउन में छूटी पिता की नौकरी, पुलिस बनी मामा और करवाई भांजी की शादी, वर-वधू को दी दहेज सामग्री, अफसर एवं अमला रहा मौजूद

locationदेवासPublished: May 26, 2020 05:57:49 pm

देवास में हुई अनूठी शादी, पुलिस की पाठशाला की छांव में हुआ कन्यादान

मां नहीं है, लॉकडाउन में छूटी पिता की नौकरी, पुलिस बनी मामा और करवाई भांजी की शादी, वर-वधू को दी दहेज सामग्री, अफसर एवं अमला रहा मौजूद

मां नहीं है, लॉकडाउन में छूटी पिता की नौकरी, पुलिस बनी मामा और करवाई भांजी की शादी, वर-वधू को दी दहेज सामग्री, अफसर एवं अमला रहा मौजूद

देवास। पुलिस का नाम आते ही जेहन में रौबदार और कठोर चेहरे की तस्वीर उभरती है।कभी-कभी तो सख्त मिजाज, मारने-पीटने वाली पुलिस की छवि आती है मगर ऐसा नहीं है।पुलिस के भीतर कोमल भावनाओं वाला ऐसा मन भी है जो संवेदनाओं सेभरा हुआ है। जो न केवल जरुरत पढऩे पर मदद करता है बल्कि असहायों का सहारा भी बनता है। पुलिस की मानवीयता, आत्मीयता का ऐसा ही चेहरा सोमवार को शहर में दिखा जब एक अनूठी शादी पुलिस ने करवाई। निर्धन युवती की शादी में पुलिस ने हरसंभव मदद की।पुलिस ही मामा बनकर आई और बैंड-बाजे की जगह सायरन बजाया।वर-वधू को आशीर्वाद देकर सुखी दांपत्य जीवन की कामना की।
दरअसल पुलिस की पाठशाला की छांव में एक गरीब परिवार की बेटी का विवाह पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ। लॉकडाउन के कारण बैंड-बाजे नहीं बज सके तो पुलिस के वाहनों का सायरन बजाया गया। पुलिस की पाठशाला चलाकर झुग्गी बस्ती के बच्चों को पढ़ाने वाले प्रधानारक्षक जितेद्र दुबे ने बताया कि हम पुलिस की पठशाला के नाम से झुग्गी के बच्चों को पढ़ाते हैं। लॉकडाउन में राशन वितरणकर रहे हैं। बेटी कविता की बुआ मेरी परिचित है।उसने मुझे बताया था कि पैसों की जरुरत है।उससे कारण पूछा तो कहा कि कविता की मां नहीं है।उसकी शादी करनी है।हम सब बुआ मिलकर यह काम करेंगी।मैंने उससे कहा कि कर्जमत लीजिए।पुलिस परिवार यह शादी करेगा।मां नहीं है तो क्या हुआ पुलिस मामा बनेगी और पूरी जिम्मेदारी उठाएगी।वरिष्ठअधिकारियों से इसकी चर्चा की और सभी ने पूरा सहयोग किया।इसके बाद सोमवार को यह अनूठी शादी संपन्न हुई।
पुलिस अधीक्षक कृष्णावेणी देसावतु ने बताया कि कविता की मां नही है और पिता की नौकरी भी लॉकडाउन के चलते छूट गई थी। जिसके चलते पुलिस विभाग ने बिटिया की शादी करने का जिम्मा उठाया था। इसके चलते सोमवार को उसकी शादी में घर की जरूरत का सामान पुलिस विभाग की ओर से दिया गया है। उप-पुलिस अधीक्षक किरण शर्मा ने बताया कि बिटिया की शादी त्रिलोक नगर के रहने वाले युवक जितेंद्र पिता देवकरण के साथ हुई है। जितेंद्र व उसके पिता फर्नीचर के कारीगर है। बिटिया की शादी में सभी देवास के पुलिस अधिकारी एवं समस्त कर्मचारियों ने बच्ची के मामा बनकर इस कन्यादान में भाग लिया। इस कन्यादान की एक विशेषता यह भी है रही कि इसमें पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों से भी अधिक योगदान न लेते हुए सभी से थोड़ा-थोड़ा योगदान लेकर इस कार्य की रूप रेखा बनाई। बिटिया कविता के मन में एक बात थी कि मेरी शादी में ढोल धमाके और शहनाई नहीं बज पा रहे हैं। जिस पर पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों ने उस बच्ची से कहा कि तुम्हारी शादी में ऐसा संगीत बजेगा की तुम्हारे मन मस्तिष्क में मधुर स्मृतियों में हमेशा-हमेशा के लिए अंकित हो जाएगी और वहां पुलिस के अधिकारियों द्वारा पुलिस के सायरन को शहनाई के रूप में बजाया।
मां नहीं है, लॉकडाउन में छूटी पिता की नौकरी, पुलिस बनी मामा और करवाई भांजी की शादी, वर-वधू को दी दहेज सामग्री, अफसर एवं अमला रहा मौजूद
एसडीएम से पुलिस ने ली थी अनुमति
पुलिस ने कविता के विवाह को लेकर लॉकडाउन के चलते एसडीएम से विवाह करने की अनुमति ली। इसके बाद विवाह में शामिल हुए। वहीं मेहमानों के हाथों को सेनेटाइजर से धुलवाया। पुलिस विभाग की ओर से दुल्हन कविता को फ्रिज, टीवी, कूलर, बर्तन, भगवान श्रीकृष्ण व सिंहासन, पूजन सामग्री दी व फलदान किया। इसके बाद पुलिस विभाग के अधिकारियों ने वर-वधू को आशीर्वाद देकर उन्हें विदा किया। इस दौरान एएसपी जगदीश डावर, सीएसपी अनिल सिंह राठौर सहित थानों के थाना प्रभारीगण, पुलिस का अमला मौजूद था।
मां नहीं है, लॉकडाउन में छूटी पिता की नौकरी, पुलिस बनी मामा और करवाई भांजी की शादी, वर-वधू को दी दहेज सामग्री, अफसर एवं अमला रहा मौजूद
मां नहीं है, लॉकडाउन में छूटी पिता की नौकरी, पुलिस बनी मामा और करवाई भांजी की शादी, वर-वधू को दी दहेज सामग्री, अफसर एवं अमला रहा मौजूद

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