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अब भी खुले में रखे हजारों क्विंटल गेहूं, खरीद के बचे दो दिन लेकिन कम नहीं हुई किसानों की कतारें

locationदेवासPublished: Jun 04, 2020 05:11:35 pm

राजोदा में दोपहर तक शुरू नहीं हुई थी खरीदी: हम्मालों की कमी के चलते समर्थन केंद्रों पर काम ठप पड़ा

अब भी खुले में रखे हजारों क्विंटल गेहूं, खरीद के बचे दो दिन लेकिन कम नहीं हुई किसानों की कतारें

अब भी खुले में रखे हजारों क्विंटल गेहूं, खरीद के बचे दो दिन लेकिन कम नहीं हुई किसानों की कतारें

देवास। जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी 5 जून तक होगी। किसानों की लंबी कतारें देखकर पूर्व में शासन ने खरीदी की तारीख बढ़ाई थी। किसानों की कतारें अब भी कम नहीं हुई है। शहर के अंदर बालगढ़ के खरीदी केंद्र व शहर के बाहर राजोदा खरीदी केंंद्र पर हालात एक जैसे ही बुधवार को भी नजर आए। दोनों जगहों पर किसानों की लंबी कतारें अब भी लगी है।
इन दोनों केंद्रों पर हजारों क्विंटल गेहूं खुले में बाहर रखा मिला, जिसे बारिश की आशंंका के बीच आनन फानन में हटाया जा रहा था। दोनों जगह पर हम्मालों की कमी से काम प्रभावित होता दिखा। दोनों जगहों पर ऐेसे कई किसान मिल गए जो पिछले सात से आठ दिनों से लाइन में लगे है लेकिन उनका नंबर अब भी नहीं आया। किसानों को उम्मीद भी नहीं है कि उनका नंबर आगे भी जल्द आएगा जिसके चलते किसान अपने वाहनों में लदी उपज को पालिथीन से ढंकते हुए मिले। इस बार प्रशासन ने भी किसानों को उनके हाल पर छोड़ रखा है। प्रशासन के पास कोरोना में उलझे रहने का तर्क है।
राजोदा : दोपहर 12.13 बजे तक शुरू नहीं हुई खरीदी : बुधवार को पत्रिका ने राजोदा खरीदी केंंद्र का जायजा लिया तो लापरवाही साफ नजर आई। दोपहर 12.13 बजे तक राजोदा स्थिति समर्थन मूल्य के केंद्र पर खरीदी शुरू नहीं हो सकी थी। देरी को लेकर खरीदी केंद्र के एक कर्मचारी ने बताया कि हम्मालों की कमी के चलते खासी परेशानी आ रही है। अभी 40 से 45 हम्माल है। अगर 80 से 85 हम्माल उपलब्ध हो जाते तो काम प्रभावित नहीं होता। वहीं इस केंद्र के अंदर के भी खुले में हजारों क्विंटल गेहूं रखा मिला, जिन्हें हम्मालों दरा अंदर रखा जा रहा था। खुले में गेहूं को समटने में हम्मालों के व्यस्त रहने से किसानों की उपज की खरीदी दोपहर तक शुरू नहीं की गई थी। अपनी उपज बेचने के लिए अंतरालिया से आए किसान जावेद पटेल ने बताया कि वे पिछले चार दिन से लाइन में लगे हैं। लेकिन अभी तक चार-पांंच ट्रैक्टर-ट्राली ही आगे खिसकी है। अकबर पटेल को भी पांंच दिन हो गए वे भी दो ट्राली उपज बेचने के लिए परेशान हो रहे थे। मंूगावदा के किसान जितेंद्र सिंह पिछले छह दिनों से कतार में लगे हैं। चांदना के बुजुर्ग किसान होमीदाइजी भी पिछले पांच दिनों से कतार में लगे थे। किसानों का कहना था कि केंद्र पर खरीदी बेहद धीमी चल रही है। रोजाना केवल 20 से 25 ट्राली ही उपज तौली जा रही है, इतने धीमे स्तर से तुलाई होने से किसान नाराज दिखे। इस केंद्र पर अब भी किसानों के वाहनों की लंबी कतार नजर आ रही है। किसान सिर्फ हौैसले व आशा के साथ खरीदी केंद्र के बाहर डंटे है कि आज नहीं तो कल उनका नंबर आ ही जाएगा। किसानों का कहना था कि परेशानी के चलते हमने पिछले रविवार को चक्काजाम भी किया था, तब एसडीएम सहित अन्य अधिकारी मौके पर आए थे लेकिन परेशानी तो अब भी खत्म नहीं हुई है। किसान अरब अली का कहना था कि जब कतार में लगे किसानों की ही उपज नहीं खरीदी जा रही है तो फिर नए किसानों को एसएमएस कर क्यों बुलाया जा रहा है। इस केंद्र पर पुलिस की ड्यूटी लगी है लेकिन धीमी गति से तुलाई होने के कारण वे भी कुछ कर नहीं पा रहे।
बालगढ़ : हम्मालों को नहीं उठाने दिया गेहूं
बालगढ़ में शारदा वेयर हाउस में किसानों की उपज खरीदी जा रही है। वहीं वेयर हाउस के बाहर हजारों क्विंटल गेहूं खुले में रखा मिला। शिप्रा सोसायटी के सहायक सचिव आनंदसिंह चौहान ने पत्रिका को बताया कि वेयर हाउस के निजी कर्मचारी खुले में रखा गेहूं हम्मालों को नहीं उठाने दे रहे हैं। उनका कहना है कि गीला गेहूं नहीं रखा जाएगा, इस पर वे गेहूं की ढेरी हाथ में लेकर बोले कि क्या ये गीला गेहूं है। अन्य किसानों का भी कहना था कि अगर समय रहते खुले में रखा गेहूं उठाने में लापरवाही की गई तो फिर बारिश में ये गेहूं खराब हो जाएगा। मेढकीचक के किसान किशोर पटेल ने बताया कि वे 8 दिन से लाइन में लगे है लेकिन अभी तक उनका नंबर नहीं आया है। पटेल के अनुसार सोसायटी व वेयर हाउस के कर्मचारियों के मध्य गीले गेहूं को लेकर चल रहे विवाद में किसान का नुकसान हो रहा है। ग्राम नागूखेड़ी के किसान कल्याण जलोदिया भी पिछले गुरुवार से कतार में लगे हैं।
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