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सैनेटाइजर गोली में गोलमाल…कई स्कूलों में पहुंचाई गोलियां फिर उपयोग से पहले ही वापस करवा लीं जमा

-एक गोली की कीमत करीब 74 रुपए, एक गोली में 10 लीटर सैनेटाइजर तैयार करने की क्षमता
-कई प्रावि व मावि में किया वितरण, कई में नहीं भेजी, गवर्नमेंट सप्लाय लिखा है गोलियों के डिब्बे में, कई स्कूलों के बिल का भुगतान वरिष्ठ स्तर से हुआ

देवासNov 03, 2022 / 02:36 pm

Satyendra Singh Rathore

सैनेटाइजर गोली में गोलमाल...कई स्कूलों में पहुंचाई गोलियां फिर उपयोग से पहले ही वापस करवा लीं जमा

सैनेटाइजर गोली में गोलमाल…कई स्कूलों में पहुंचाई गोलियां फिर उपयोग से पहले ही वापस करवा लीं जमा

सत्येंद्रसिंह राठौर. देवास
कोरोना संक्रमण काल की विषम परिस्थितियों के बाद भी सरकारी स्कूलों खासकर प्राथमिक व माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों को संक्रमण से मुक्त बनाए रखने के प्रयास के तहत उनके हाथ धुलाने के लिए वरिष्ठ स्तर से सैनेटाइजर की गोलियां उपलब्ध करवाई गईं। जिन डिब्बों में यह गोलियां आई थीं उनमें गवर्नमेंट सप्लाई लिखा था लेकिन इसके बाद भी हजारों रुपए के बिल भी बनाए गए, कई स्कूलों के बिल का भुगतान बीआरसी कार्यालयों से हो भी गया लेकिन गोलियों का उपयोग अधिकांश स्कूलों में नहीं हो सका है।
कुछ माह पहले ये गोलियां कुछ स्कूलों में वितरित की गई थी, उपयोग शुरू होता उससे पहले ही इनको मौखिक आदेश से वापस जमा भी करवा लिया गया। जो बिल तैयार किए गए थे उनके हिसाब से एक गोली की कीमत करीब 74 रुपए है और एक गोली में 10 लीटर सैनेटाइजर बनाने की क्षमता है। शहर सहित अंचल के कई प्राथमिक व सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या के मान से ये गोलियां चार-पांच माह पहले उपलब्ध करवाई गई थीं। 10 से लेकर कई स्कूलों में 100 से अधिक गोलियां पहुंचाई गई। बीआरसी कार्यालय स्तर से इनके बिल भी तैयार किए गए, हालांकि स्कूलों से भुगतान नहीं हो सका क्योंकि स्कूलों के बैंक खाते नई व्यवस्था के तहत पहले ही बंद हो चुके थे। पिछले साल स्कूलों की राशि संबंधित बीआरसी के खाते में जमा करवाई गई थी। यहीं से खेल सामग्री की किट, सैनेटाइजर गोली व अन्य सामग्री के भुगतान किए गए। इसमें काफी गड़बड़ी होने की आशंका है।
कई स्कूलों में न तो वापस लौटाईं, न ही किया उपयोग
मौखिक आदेश मिलने के बाद अधिकांश स्कूलों ने इन गोलियों को वापस जनशिक्षा केंद्रों में जमा करवा दिया था लेकिन कुछ गिने-चुने स्कूल ऐसे हैं जहां से इन गोलियों को लौटाया नहीं गया, हालांकि स्कूल प्रबंधनों ने इनका उपयोग भी नहीं किया है और गोलियां अभी भी रखी हुई हैं।
वर्जन
मैंने पिछले माह ही पदभार संभाला है। यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है, पता करवाते हैं कि कितने स्कूलों में गोलियोंं का वितरण हुआ और वापस आने के बाद इनका क्या हुआ। बिल भुगतान की स्थिति भी दिखवाते हैं। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
-राजेंद्र सक्सेना, डीपीसी देवास।

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