जियोस में की थी शिकायत जिला योजना समिति की 22 जनवरी को संपन्न बैठक में प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने राजोदा समिति के कृषकों के ऋणमाफी की राशि बढ़ा-चढ़ाकर ग्राम पंचायत में प्रदर्शित करने की शिकायत की थी। शिकायत के संदर्भ में प्रभारी मंत्री जीतू पटवारी द्वारा कलेक्टर देवास को जांच कराने के लिए आदेशित किया था। जिला सहकारी बैंक के प्रबंधक पीएस पुरी एवं उपायुक्त सहकारिता कार्यालय के अंकेक्षक एवं संस्था प्रशासक को भेजकर संस्था के रेकॉर्ड, सदस्यता पंजी, कैशबुक, लेजर, एपेक्स बैंक के यूटिलिटी पोर्टल पर संस्था द्वारा प्रविष्टि जानकारी एमपी ऑनलाइन पोर्टल पर प्रदर्शित जानकारी से प्रदर्शित सूची का मिलान किया गया। शिकायतकर्ताओं के कथन लिए गए।
शिकायत पर हस्ताक्षर करने वाले 21 सदस्यों में से 18 सदस्य सहकारी समिति राजोदा के न तो सदस्य हैं और न ही समिति से कोई ऋण प्राप्त करते हैं। 3 सदस्य किसानों में से उपस्थित दो किसान रमेश परमार व स्वरूप आशाराम को संस्था का रिकार्ड, लेजर दिखाने पर किसानों के अनुसार, राशि उन्होंने संस्था से प्राप्त की है, वहीं राशि समिति के खातों में हैं। समिति स्तर पर कम्प्यूटर ऑपरेटर अमित नागर द्वारा 31 मार्च 2018 की स्थिति में चालू खातों को गलती से सभी 345 सदस्यों जिन पर ऋण बकाया था, ओवरड्यू समझ कर ब्याज की गणना कर दी। जबकि शासन ने इस बार खरीफ 17 एवं रबी 17-18 की ड्यू डेट दो बार बढ़ाकर 30 जून 2018 कर दी थी, अत: 30 जून तक ब्याज नहीं लगाया जाना था। दोषी ऑपरेटर की सेवाएं 25 जनवरी से तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी तथा संस्था के समिति प्रबंधक महेश जैन को ऋणमाफी जैसे संवेदनशील एवं कृषक हितैषी मुद्दे पर लापरवाही बरतने, सूची को पोर्टल पर डालने से पहले चेक न करने पर प्रशासक समिति राजोदा द्वारा 25 जनवरी से प्रबंधक पद से हटाने का आदेश पारित किया हैं।
कलेक्टर डॉ. श्रीकांत पांडेय ने बताया कि, सहकारी समिति एवं बैंकों के कर्मचारी सजगता से कार्य करें, कोई अपात्र व्यक्ति ऋणमाफी का लाभ न लेने पाए, साथ ही कोई पात्र किसान ऋणमाफी से छूटे नहीं। कलेक्टर द्वारा जिला स्तर पर सतर्कता सेल का उप संचालक कृषि कार्यालय में गठन किया है, जिसका फोन नं. 07272-22206 0 हैं, जिस पर सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक शिकायत दर्ज कर समाधान प्राप्त किया जा सकता है।