scriptबीएनपी के अधिकारियों में असंतोष | Dissent among BNP officials | Patrika News

बीएनपी के अधिकारियों में असंतोष

locationदेवासPublished: Apr 17, 2018 11:29:07 am

– सालों से कार्य करने वाले अधिकारियों पर तवज्जो नहीं

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जाहिद खान
देवास. सरकार ने वर्ष 2006 में सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मींटिंग कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) का गठन किया था। जिसमें चार प्रिंटिंग प्रेस, चार मिंट्स और एक पेपर मिल शामिल है। इन सभी ९ यूनिटों में प्रत्येक यूनिट का मुखिया महाप्रबंधक होता है। वर्ष 2013 में कार्पोरेशन ने सभी अधिकारियों के लिए नई प्रमोशन पॉलिसी लागू कर दी थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में कॉर्पोरेट ऑफिस द्वारा कई महाप्रबंधक के पदों को यूनिट में प्रमोशन द्वारा नहीं भर कर बाहर से डेपुटेशन द्वारा नियुक्त किया जा रहा है। इस कारण निगम की यूनिटों में अतिरिक्त महाप्रबंधक के पद पर कार्य कर रहे सभी अधिकारियों में असंतोष व्याप्त है।
डेपुटेशन पर अन्य विभागों से आने वाले महाप्रबंधक कम से कम चार-पांच वर्ष तक एसपीएमसीआईएल में कार्य करेंगे। जिस कारण निगम के ये अधिकारी प्रमोशन से वंचित रह जाएंगे। प्रतिनियुक्ति पर आए महाप्रबंधकों को करीब एक वर्ष तो कर प्रणाली को समझने में चला जाता है, जबकि इंटरनल अतिरिक्त महाप्रबंधक को प्रेस एवं मिनट्स की प्रणाली का पूरा ज्ञान होता है। इसी तरह देवास बैंक नोट प्रेस में एडिशनल जीएम आरसी मोटवानी है, जो नोट प्रेस में महाप्रबंधक की दौड़ में है। बताया जा रहा है इसी तरह मिंट कोलकाता एनसी मजूमदार व न्यू दिल्ली में राकेश कुमार एडिश्नल जीएम हैं, यह भी महाप्रबंधक के लिए परफेक्ट हैं। निगम कार्पोरेशन इस तरह के अधिकारियों की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है, जो सालों से यूनिटों में कार्य कर रहे हैं, जिन्हे यूनिटों में कार्य करने का बहुत ज्यादा ज्ञान है। इस संबंध में देवास बीएनपी एडिश्नल जीएम मोटवानी का कहना है कि हम कुछ नहीं कह सकते, कार्पोरेशन का निर्णय है।गौरतलब है कि देवास बीएनपी में पूर्व जीएम की पदोन्नति भी इसी तरीके से की गई थी। उसका परिणाम सबके सामने है ।इसलिए कारर्पोरेशन ने बाहर से पदोन्नति करने पर अब निर्णय लेना शुरू कर दिया है। देवास बीएनपी में नोटों का लाखों रुपए का घोटाला भी हो चुका है।
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