सालों से नहीं भरा था डायवर्शन शुल्क, एसडीएम हुए सख्त तो जमा करवाए करीब 40 लाख
देवासPublished: Jul 19, 2019 12:44:34 pm
शहर के कॉलोनाइजरों सहित अन्य पर बकाया है डायवर्शन शुल्कएसडीएम खुद निकले वसूली के लिए, राजस्व अमले की टीमें बनाई
देवास. शहर में कई धन्ना सेठ व्यापार-व्यवसाय तो बढ़ाते जा रहे हैं लेकिन प्रशासन को डायवर्शन शुल्क नहीं दे रहे। कई बार कहे जाने के बाद भी इन लोगों द्वारा डायवर्शन शुल्क जमा नहीं किया जा रहा। इसके चलते प्रशासन ने कार्रवाई का मन बनाया। मुहिम शुरू की है जिसका जिम्मा खुद एसडीएम ने संभाला है। तहसीलदार-नायब तहसीलदारों की टीम बनाई है।
गुरुवार को इस मुहिम के तहत एसडीएम जीवनसिंह रजक वसूली के लिए निकले। उनके साथ तहसीलदार-नायब तहसीलदार भी थे। टीम ने बकायादारों की सूची निकाली और हल्के नंबर के हिसाब से कार्रवाई के लिए पहुंचे। जैसे ही पता चला कि प्रशासनिक अफसर अब रियायत नहीं देंगे तो बकायादार रुपयों की व्यवस्था करने में जुटे। एक ही कार्रवाई में प्रशासन को करीब ४० लाख रुपए का डायवर्शन शुल्क जमा किया। कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी।
२०१२ से नहीं किया था जमा
एसडीएम जीवनसिंह रजक ने बताया कि कई लोगों ने २०१२ के बाद से डायवर्शन शुल्क जमा नहीं किया था। इसके चलते विशेष अभियान शुरू किया है। गुरुवार को चंद्रतारा कॉलोनी के सयाजीराव, टीआर त्रेहन कंस्ट्रक्शन प्रालि, बोहरा समाज के हैदर अली, हुजैमा, संजय व कुछ अन्य बकायादारों के पास गए। उनको बकाया डायवर्शन के बारे में बताया। इस पर सभी का मिलाकर कुल ३९ लाख ९१ हजार डायवर्शन शुल्क जमा करवाया गया। एसडीएम रजक ने कहा कि सभी बकायादारों से अपील है कि वे अपना डायवर्शन शुल्क अविलंब जमा करवाएं अन्यथा प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी पड़ेगी।