देवास. सोमवार शाम को कलेक्टर अचानक जिला अस्पताल के दौरे पर पहुंचे। उनके साथ एसडीएम भी थे। २३ मिनट तक उन्होंने विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया। स्टॉफ व मरीजों, परिजनों से चर्चा भी की। उन्होंने कहा यदि मरीजों के प्रति अच्छा व्यवहार होता है, हंस के बात कर ली जाती है तो उससे उन्हें ठीक होने में काफी मदद मिलती है।
शाम ५.३७ बजे कलेक्टर डॉ. श्रीकांत पांडेय व एसडीएम जीवनसिंह रजक जिला अस्पताल पहुंचे। सबसे पहले इमरजेंसी वार्ड के बाहर स्लिप काउंटर पर खड़े एक व्यक्ति से पूछा कोई दिक्कत तो नहीं है, उसने कहा नहीं। इसके बाद स्लिप बनवाने वाले कर्मचारी से मरीजों के आंकड़ों की जानकारी ली। यहां से इमरजेंसी डॉक्टर के कक्ष होने के बाद महिलाओं के वार्ड में पहुंचे। यहां दो-तीन मरीजों से बात की, पूछा कोई पैसे तो नहीं मांगता, दवा मुफ्त में मिल रही है। यहां से गायनिक वार्ड पहुंचे, बाहर शिकायत व सुझाव पेटी लगी थी लेकिन खाली नजर आ रही थी, कलेक्टर ने सुझाव दिया कागज, पेन रखवाने के भी इंतजाम करवाओ। इसके बाद वार्ड के अंदर गए, यहां सीजर वाली दो महिलाओं बबीता व ममता के परिजनों से चर्चा की। इसके बाद लेबर रूम यूनिट से होते हुए नवजात गहन चिकित्सा इकाई पहुंचे। यहां निरीक्षण के दौरान उन्होंने वार्ड की व्यवस्थाओं की सराहना की। इस दौरान कुछ कर्मचारियों ने वेतन नहीं मिलने के बारे में कलेक्टर को बताया। यहां से फिर लेबर रूम यूनिट होते हुए नीचे आईसीयू में पहुंचे। आईसीयू में कलेक्टर ने कहा डॉक्टरों व स्टॉफ का अच्छा व्यवहार मरीज को जल्द ठीक करता है। यदि उससे अच्छा व्यवहार नहीं होता तो वह कोसता रहता है।
कोई दिक्कत तो नहीं, मरीज बोला बुखार आ रहा है
इमरजेंसी वार्ड के डॉक्टर कक्ष के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने एक मरीज से पूछा कोई दिक्कत तो नहीं है, मरीज बोला बुखार आ रहा है। इसके बाद कलेक्टर ने कहा अस्पताल की व्यवस्थाओं से कोई दिक्कत तो नहीं है, फिर मरीज को समझ में आया, उसने कहा नहीं।
पलंग पर मरीज का नाम लिखकर टांगें
गायनिक वार्ड के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने प्रभारी नर्स व अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिए कि महिलाओं के पलंग पर उनका नाम लिखा हुआ टांगने की व्यवस्था करें, यदि सीजर से बच्चा हुआ है तो नाम के साथ सीजर भी लिखें।
गंदगी देख हुए नाराज, कहा सुधार जल्द करें
गायनिक वार्ड से लगे सुविधाघर में अंदर गंदगी का नजारा था, पानी भी भरा हुआ था, इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई और सिविल सर्जन को सुधार के लिए कहा। अस्पताल से प्रथम मंजिल जाते समय रेलिंग झुकी नजर आई, उसे सुधारने के लिए भी कहा।
सुविधाएं भी तो अच्छी होना चाहिए
नवजात गहन चिकित्सा इकाई से बाहर निकलते समय एसडीएम रजक ने कलेक्टर से कहा सर अस्पताल बहुत बड़ा है, इस पर कलेक्टर बोले सुविधाएं भी तो अच्छी होना चाहिए।
आपका फोन ही नहीं लग रहा था…
जिला अस्पताल में कलेक्टर-एसडीएम के पहुंचते ही सिविल सर्जन डॉ. आर.के. सक्सेना भी पहुंच गए। इमरजेंसी स्लिप कक्ष के बाहर उनके आते ही एसडीएम रजक ने कहा आपका फोन ही नहीं लग रहा था, तो सिविल सर्जन बोले और मैं आपको लगा रहा था।
इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड पर दे जानकारी
कलेक्टर ने नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में ड्यूटी डॉक्टर व स्टॉफ की जानकारी डिस्प्ले न होने पर नाराजगी प्रकट की तथा सिविल सर्जन को ड्यूटी डॉक्टरों व स्टॉफ की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड लगवाकर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मौजूद ड्यूटी डॉक्टर ने बताया कि आउटवॉर्न यूनिट में 07 तथा इनवॉर्न यूनिट में 9 बच्चे भर्ती हैं।
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