बिहार में रविवार को संपन्न हुए चौथे चरण में रिकॉर्ड मतदान से भाजपा के नेता और रणनीतिकार बेहद उत्साहित हैं। बीजेपी नेता इसे अपने पक्ष में मान रहे हैं। रणनीतिकारों का आकलन है कि चौथे चरण की वोटिंग के बाद एनडीए महागठबंधन पर बढ़त बना चुका है।
वहीं दूसरी ओर महागठबंधन के नेता पांचवे चरण में होने वाली वोटिंग को अपने पक्ष में मान रहे हैं। इस चरण में मुस्लिम बहुल इलाकों में वोटिंग होनी है।
महागठबंधन के नेताओंं का मानना है कि पांचवे चरण की वोटिंग के बाद महागठबंधन एनडीए से आगे निकल जाएगा।
वहीं दूसरी ओर बीजेपी के रणनीतिकारों का मानना है कि रामविलास पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा जैसे अपने सहयोगियों के साथ वह शुरू से ही महागठबंधन पर बढ़त बनाए हुई थी।
बीजेपी सूत्रों का यह भी मानना है कि पहले दो चरणों के चुनावों के दौरान बढ़त बहुत मामूली हो सकती है। पार्टी का मानना है कि धीरे-धीरे एनडीए के पक्ष में बढ़त में इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी ओर महागठबंधन की जीत का दारोमदार पिछड़ी जाति के वोटों का उसके पक्ष में धुव्रीकरण पर है। वरिष्ठ जेडीयू नेताओं का मानना है कि बीजेपी का विकास का मुद्दा और स्वयं को प्रतिनिधि गठबंधन के तौर पर पेश करने की रणनीति कारगर साबित नहीं हुई है।
महागठबंधन के नेताओं का मानना है कि बीजेपी में पिछड़ी जाति के किसी बड़े नेता का न होना और आरएसएस चीफ मोहन भागवत के आरक्षण को रिव्यू करने की टिप्पणी का एनडीए को इस कांटे की टक्कर में भारी नुुकसान हुआ है।