जुगाड़ की नाव पर चढक़र बजाए ढोल नगाड़े ताकि जिम्मेदारों की सुस्ती टूटे
देवासPublished: Sep 14, 2019 11:17:00 am
– हिरली व सिमरोल के ग्रामीणों ने शिप्रा नदी किनारे किया प्रदर्शन- नदी पर पुलिया निर्माण की मांग लेकर लामबंद हुए ग्रामीण
देवास. ग्रामीण नदी किनारे ढोल, झांझ मंजीरे बजाते हुए जि?मेदारों की आंखें खोलने की कोशिश करते रहे। नदी में उतरकर प्रदर्शन करना था लेकिन भारी बारिश के चलते इरादा बदला व नदी किनारे ही खड़े रहकर ग्रामीण विरोध प्रदर्शन के लिए लामबंद हुए। जिस जुगाड़ की नाव से स्कूली बच्चे व ग्रामीण नदी पार करते हैं उस पर चढक़र जरूर प्रदर्शन किया गया। जुगाड़ी की नाव पर चढक़र ग्रामीण जि?मेदारों की सुस्ती तोडऩा चाहते थे।
इस दौरान हिरली के युवाओं के कौशल का प्रदर्शन भी किया गया, जिसमें 8 से 10 युवाओंं ने महज 2 मिनट में शिप्रा नदी को तैरकर पार किया। युवाओं को इसलिए तैराया गया ताकि खेल मंत्री जीतु पटवारी कम- से कम तैराकी में ही गांव के युवाओं को भी आगे बढ़ा दें।
शुक्रवार दोपहर को हिरली व सिमरोल के ग्रामीण शिप्रा नदी के किनारे एकत्रित हुए व शिप्रा नदी पर पुलिया निर्माण की मांग के लिए प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने आंदोलन की सूचना विधायक मनोज चौधरी, लोक निर्माण मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, देवास जिले के प्रभारी मंत्री जीतु पटवारी, सांवेर से विधायक व प्रदेश सरकार में मंत्री तुलसी सिलावट को भी दी थी। इसी के साथ ही जिला प्रशासन को भी पानी में उतरकर आंदोलन करने की सूचना दी गई थी। इसके बावजूद कोई नेता मौके पर ग्रामीणों से चर्चा के लिएनहीं पहुंचा। भारी बारिश के चलते शिप्रा उफान पर है लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से किसी ने भी ग्रामीणों से आंदोलन को लेकर चर्चा नहीं की। आखिरकार ग्रामीणों ने स्वयं के विवेक से ही जोखिम नहीं लेते हुए नदी किनारे ही अपना प्रदर्शन किया जबकि पूर्व में नदी में उतरकर जलसत्याग्रह करने की सूचना जिला प्रशासन को भी दी गई थी। आंदोलनकारियों का कहना था कि उनके जरूरी मुद्दे पर संवेदनशीलता नहीं दिखाई जा रही है जबकि नदी पर पुलिया निर्माण से हमेशा का जोखिम खत्म हो सकता हैं। इस दौरान हिरली के ग्रामीण डोल, नगाड़ें व झांझ मंजीरे बजाते रहे। आंदोलन में वे स्कूली बच्चे भी शामिल हुए जो जुगाड़ की नाव पर सवार होकर अपने भविष्य की राह खोज रहे हैं। आंदोलन में शामिल पूर्व ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष हंसराज मंडलोईने बताया कि हमने आंदोलन की सूचना सभी को दी थी लेकिन फोन पहले एसपी कार्यालय व बाद में संबंधित क्षेत्र के थाने से आया था, जिसमें हमसे आंदोलन के बारे में जानकारी ली गई, लेकिन आया कोई नहीं। उ?मीद थी कि शुक्रवार को जब ग्रामीण प्रदर्शन करने के लिए उतरेंगे तो कोई न कोई अफसर या नेता जरूर आकर चर्चा करेगा लेकिन कोई भी नेता नहीं आया।
ग्रामीण।