तहसील कार्यालय के ही बाहर चल रहे झोलाछाप डॉक्टर मुकेश कीमती के क्लीनिक पर छापामार कार्रवाई की । टीम ने जिस समय कार्रवाई की उस दौरान डॉक्टर मुकेश कीमती व उनका पुत्र रजत कीमती मरीजों का उपचार कर रहे थे। उक्त डॉक्टर के पास आयुर्वेद के इलाज करने के दस्तावेज तो थेए लेकिन एलोपैथिक इलाज करने के कोई दस्तावेज नही थे साथ ही क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन नहीं पाए जाने के बाद उपस्थित मरीजों की इलाज की पर्ची पर एलोपैथिक दवाईयां लिखी हुई थी। जिन्हें जब्त किया गया। क्लीनिक से एलोपैथी इंजेक्शनए दवाई आदि जब्त कर पंचनामा बनाकर क्लीनिक को सील किया गया। उक्त डॉक्टर पूर्व में भी इस तरह इलाज करते हुए पाया गया था। जिसके विरुद्ध पुलिस में प्रकरण दर्ज किया था। सोनकच्छ न्यायालय में दोषी पाए जाने के बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। कार्रवाई के दौरान एसडीएम अंकिता जैन, तहसीलदार गोपलशरण पटेल ,नायब तहसीलदार सुनील पडियार , डॉ ऋतु चोरे तथा स्टाफ शामिल रहा। पूर्व में प्रशासनिक उदासीनता से फल फूल रहे झोलाछाप तहसील से लेकर गांव गांव में ऐसे झोलाछाप डॉक्टर इलाज कर रहे है। ये सर्दी बुखार से लेकर असाध्य रोगों का जड़ से इलाज करने का दावा करते हैं।
अपने ही पास से मनमानी दवाई देकर मरीजों को जमकर लूटते हैं। भोले भाले ग्रामीण इनकी बातों में आकर अपना सब कुछ लुटा बैठते हैं। लेकिन जब मरीज की हालत बिगडने लगती है तो झोलाछाप उन्हें बाहर ले जाने को कह देते हैं। वहीं कई बार ऐसे गलत इलाज से मरीज की हालत इतनी बिगड़ चुकी होती है कि जान बचाना भी मुश्किल पड़ जाता है। हालांकि एसडीएम के दल के द्वारा की गई इस कार्रवाई की सराहना की जा रही है। एसडीएम जैन का कहना है किए आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले लोगों के विरुद्ध कार्रवाई जारी रहेगी।