दरअसल मामला शहर के एक प्रसिद्ध हनुमान मंदिर का है। प्रतिदिन यहां दर्शन के लिए हजारों लोग आते हैं। हनुमान जन्मोत्सव पर लाखों लोग दर्शन के लिए आए। सुबह से रात तक भक्तों का तांता लगा रहा। लोगों ने अपनी श्रद्धानुसार मंदिर में चढ़ावा चढ़ाया। यहां तक तो ठीक था लेकिन जब दान पेटी खुली तो उसमें से बच्चों के मनोरंजन वाले नोट निकले। यह देखकर पुजारी भी दंग रह गए। नोटों में दो हजार से लेकर पांच सौ, दो सौ, सौ, पचास आदि नोट थे। इन नोटों पर लिखा था भारतीय बच्चों का बैंक। चढ़ावा गिनने के बाद नोटों को अलग किया गया। इसी तरह शहर के एक राम मंदिर में भी कोई दो हजार का नकली नोट चढ़ा गया।
टेकरी की दानपेटी से मिले थे पुराने नोट मंदिरों की दानपेटी में नकली नोट चढ़ाने का यह पहला मामला नहीं है। जब नोटबंदी हुई थी तब माता टेकरी पर भी बंद हो चुके पुराने नोट निकले थे। इनमें हजार और पांच सौ के नोटों की संख्या अधिक थी। तब भी तरह-तरह की चर्चाएं हुई थी। टेकरी की दान पेटी से बच्चों के मनोरंजन वाले नोट निकलते रहते हैं।
माता टेकरी पर जब दानपेटियां खुलती हैं तो हर बार बच्चों के मनोरंजन वाले (मनोरंजन बैंक) नोट निकलते हैं। नकली नोट नहीं निकलते। पहले कुछ पुराने नोट निकले थे जो बंद हो चुके हैं, अब ऐसे नोट नहीं निकले।-पूनम तोमर, नायब तहसीलदार देवास