अपेक्स अस्पताल में हंगामा, आरोप… पहले रैफर नहीं किया फिर हृदयाघात के मरीज की हालत बिगाड़ी!
देवासPublished: Oct 15, 2019 11:17:55 am
-आईसीयू में मशीनें, एसी बंद होने व उचित देखभाल नहीं करने का आरोप, डॉक्टर से चर्चा के बाद शांत हुआ मामला
देवास. एबी रोड स्थित अपेक्स अस्पताल में भर्ती हृदयाघात के मरीज का ढंग से उपचार नहीं करने और आईसीयू में सुविधाएं नहीं होने, मशीनें बंद रहने की बात को लेकर सोमवार को हंगामा हो गया। मरीज के वार्ड के पार्षद सहित परिजनों व परिचितों ने नाराजगी जताई। पहले डॉक्टर को अस्पताल में बुलाने की बात पर सभी अड़े रहे, काफी देर बाद मोबाइल पर चर्चा हुई।मरीज का व्यवस्थित उपचार करने व आईसीयू में जब से मशीनें, एसी आदि बंद हैं तब से अन्य सभी मरीजों से सामान्य चार्ज लेने की बात होने के बाद मामला शांत हुआ। परिजनों ने डॉक्टर व स्टॉफ पर पहले रैफर नहीं करने और फिर तबीयत और बिगाड़ देने के आरोप लगाए।
गणेशपुरी बालगढ़ निवासी बाबूलाल सिसौदिया (५२) को हृदयाघात के बाद तीन दिन पहले अपेक्स अस्पताल में आईसीयू में भर्तीकरवाया गया था। रविवार रात को उनकी तबीयत बिगड़ गई। आईसीयू में उनकी ढंग से देखभाल नहीं होने व उपचार में ढीलपोल की सूचना मिलने पर भाजपा पार्षद अर्जुन चौधरी सुबह करीब १०.३५ बजे समर्थकों के साथ अस्पताल पहुंचे। यहां आईसीयू में जाकर देखा तो कई मशीनें बंद थीं, एसी भी नहीं चल रहा था। पूछताछ में पता चला कि भर्ती मरीज सिसौदिया की हालत बिगड़ गई है। इसके बाद पार्षद चौधरी ने डॉक्टर सुनील शर्मा को अस्पताल में बुलाने की बात स्टॉफ के कर्मचारियों से की। किसी कर्मचारी ने मोबाइल पर संपर्क भी किया लेकिन डॉक्टर आए नहीं जबकि पार्षद व मरीज के परिजन उनको अस्पताल बुलाने की जिद पर अड़े रहे। परिजनों ने बताया जब भर्ती किया था तो डॉक्टर ने कम से कम ४८ घंटे तक उपचार का बोला था, हमें इंदौर भी नहीं जाने दिया और हालत और बिगाड़ दी। दोपहर करीब १२.१९ बजे कुछ मध्यस्थों के माध्यम से डॉ. शर्मा से पार्षद चौधरी की बात हुई। चौधरी ने कहा जब से आईसीयू में सही सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं तब से सभी मरीजों से सामान्य वार्ड वाला चार्ज लिया जाए। सिसौदिया का बेहतर उपचार किया जाए, जरूरत पड़े तो अस्पताल के बाहर से डॉक्टर बुलवाकर दिखवाया जाए। उनकी मानसिक स्थिति का भी उपचार करवाया जाए। इसका अलग से शुल्क नहीं लिया जाए। आईसीयू की सुविधाएं भी दुरुस्त की जाएं। डॉक्टर से मोबाइल पर चर्चा के बाद फिर से पार्षद चौधरी, परिजन सहित परिचित आईसीयू में पहुंचे और वहां मौजूद अन्य डॉक्टर से चर्चा की।
हम बात करने आए हैं, धमकाने नहीं
जिस दौरान डॉक्टर को अस्पताल बुलाने व उनके नहीं आने का सिलसिला चल रहा था उस दौरान पार्षद चौधरी ने कहा हम बात करने आए हैं, धमकाने नहीं। डॉक्टर भगवान का रूप होता है, भगवान बनकर ही रहे तो अच्छा है। बेहतर उपचार मिलेगा तो अधिक मरीज जाएंगे। मुझे इस मामले से व्यक्तिगत रूप से कुछ लेना देना नहीं है लेकिन मरीजों को परेशान नहीं करना चाहिए।
वर्जन
आरोप निराधार, हमें मरीज की जान बचाने की खुशी
सभी आरोप निराधार हैं। मरीज की पुरानी बीमारी के संबंध में परिजनों द्वारा जानकारी नहीं दी गईथी। मरीज ने मशीनों को खींचना, हाथ-पैर चलाना शुरू कर दिया था, इसलिए बंद की थी। इंदौर ले जाने के संबंध में चर्चा हुई थी, रोका भी नहीं गया। जब मरीज हमारे यहां आया था तो हालत गंभीर थी, हमने फीस व चार्ज को भी इश्यू नहीं बनाया था और तुरंत उपचार दिया। हमें मरीज की जान बचाने की खुशी है।
-डॉॅ. सुनील शर्मा, अपेक्स अस्पताल।