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देवास के खिवनी अभयारण्य में दिखे पांच टाइगर

एक नर, दो मादा सहित दो बच्चे आएनजर, तीन अन्य टाइगर होने का वन विभाग का दावापुलिस व वन विभाग की टीम करेगी सुरक्षा का प्रबंध, कैबिनेट की बैठक में भी उठा मुद्दा

देवासJun 24, 2019 / 11:17 am

mayur vyas

patrika

चंद्रप्रकाशशर्मा
देवास. जिले के लिएबड़ी उपलब्धि और गर्वभरी खबरहै।यहां खिवनी अभयारण्य में पांच टाइगर नजर आएहैं।इनमें से एक नर व दो मादा हैं। दो बच्चे हैं। सभी पूरी तरह स्वस्थहैं।तीन अन्य टाइगर भी नजर आए हैं।ऐसे में वन विभाग का दावा है कि टाइगर की संया आठ से अधिक हो सकती है। वन विभाग अब इनकी सुरक्षा के इंतजाम में जुटा है।खास बात यह है कि पुलिस विभाग ने भी वन विभाग को आश्वस्त किया है कि वे सुरक्षा के लिएपूरी तरह साथदेंगे। खिवनी अभयारण्य को नेशनल पार्क बनाने की चर्चाभी शुरू हुई है और कैबिनेट की बैठक में यह मुद्दा उठाया गया है।
दरअसल जिले के कन्नौद क्षेत्र के खिवनी अभयारण्य में ये पांच टाइगर देखे गएहैं। इनमें एक नर, दो मादा व दो बच्चे हैं।वन विभाग द्वारा लगाए गए नाइट विजन कैमरे में ये कैद हुएहैं।टाइगर पानी पीते हुएव विचरण करते हुएनजर आएहैं। वन विभाग का दावा है कि टाइगर की संया और ज्यादा भी हो सकती है क्योंकि बीच में तीन टाइगर और देखे गएथे।उन पर भी नजर रखे हुए हैं।खिवनी अभयारण्य करीब १२५ स्क्वेयर किमी क्षेत्रमें फैला है।यहां हिरण, नील गाय के अलावा चीतल, चिंकारा, चीते, तेंदुए व अन्य जंगली जानवर देखे गए हैं।घास खाने वाले हर्बीवोरा जानवरों की संयाभी अधिक है, जिनके लिएघास के मैदान बनाए गएहैं।
नागदा की पहाड़ी पर दिखा था टाइगर
गौरतलब है कि करीब डेढ साल पहले देवास में नागदा की पहाड़ी के आसपास टाइगर दिखा था।उसे पकडऩे के काफी प्रयास किए गए लेकिन वह हाथनहीं आया। वन विभाग के अनुसार उक्त टाइगर रेसीडेंट नहीं था इसलिएवह विचरणकरते हुएगुजर गया।जो टाइगर खिवनी अभयारण्य में देखे गएहैं वे रेसीडेंट है क्योंकि लंबे समय से वे यहीं पर हैं। इसी दौरान दो बच्चों का भी जन्म हुआ जो अब करीब दो साल के हो चुके हैं और पूरी तरह स्वस्थहैं।
तमिलनाड़ू की टीम ने किया था ऑडिट
खिवनी अभयारण्य में वन्य प्राणियों के लिएबेहतर वातावरण है।तमिलनाड़ू की टीम इसका ऑडिट करके गईथीऔर पॉजिटिव नोट लगाया था।भोपाल की टीम भी निरीक्षण कर चुकी है और यहां काफी संभावनाएं बताई हैं।हालांकि सबसे बड़ी चुनौती और चिंता बाघों के संरक्षण की है। शासन की ट्रांसलोकेशन नीति की समीक्षा की बात उठ रही है ताकि बाघों की संया बढ़ती रहे और उन्हें बेहतर वातावरण मिल सके। सुरक्षा को लेकर फंडिंग व स्टाफबढ़ाए जाने की बात उठ रही है।सेंचुरी के आसपास से आबादी क्षेत्रको हटाने व जंगल व खेत के बीच तार फेंसिंग की योजना बनाई जा रही है ताकि टाइगर व वन्य जीवों को किसी तरह का खतरा न हो।
पांच टाइगर आए हैं नजर
डीएफओ पीएन मिश्रा ने बताया कि जिले के लिएयह बहुत गर्व की बात है कि खिवनी अभयारण्य में पांच टाइगर देखे गए हैं।ये पूरी तरह स्वस्थहैं।तीन अन्य टाइगर होने की भी संभावना है। इनकी सुरक्षा के लिए जरुरी कदम उठाएजाएंगे।वरिष्ठअधिकारियों से बात हुई है।जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा की है।देवास एसपी के साथबैठक हुई थी जिसमें उन्होंने सुरक्षा के लिएपुलिस बल उपलब्धकराने की बात कही है। टाइगर सेल की बैठक लेकर इस दिशा में और कदम उठाए जाएंगे।
वर्जन-
देवास जिले के लिएयह बहुत गर्व की बात है।मैंने पिछली कैबिनेट में इस मुद्दे को उठाया थाऔर खिवनी अभयारण्य को नेशनल पार्क बनाने की मांग की है।वन विभाग के अधिकारियों के साथबैठक कर आगे की रुपरेखा बनाएंगे। टाइगर सफारी, टूरिज्म को लेकर भी योजना बनाएंगे।
सज्जन सिंह वर्मा, मंत्री पर्यावरणव लोनिवि मप्र

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