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VIDEO मंडी से भागे व्यापारी से दिलाओ पैसा, और धरने पर बैठ गए किसान, फिर क्या हुआ देखे

locationदेवासPublished: May 02, 2019 08:34:39 pm

Submitted by:

Amit S mandloi

–एसडीएम से बात करते हुए रो पड़ा किसान तो दूसरा बोला- घर में है शादी, कहां से करेंगे खरीदारी

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देवास. कृषि उपज मंडी में व्यवस्थाएं सुधर नहीं पा रही है। व्यापारियों के भागने की घटना से किसान डरे हुए हैं। नकद भुगतान की मांग कर रहे हैं। मंडी प्रशासन पर मिलीभगत के आरोप लगाए जा रहे हैं। समझाइश काम नहीं आ रही और किसान चाहते हैं कि उन्हें उनका भुगतान हो। गुरुवार को भी नाराज किसान मंडी पहुंचे और मंडी गेट पर ताला लगाकर धरना दे दिया। नारेबाजी की। एसडीएम को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। एसडीएम मंडी पहुंचे और नाराज किसानों से चर्चा की। एसडीएम खुद किसानों के साथ जमीन पर बैठे और इत्मीनान से किसानों की बात सुनी। करीब पौन घंटे तक चर्चा हुई जिसके बाद किसानों ने एसडीएम जिंदाबाद के नारे लगाए और एक किसान की आंखों में बात करते-करते आंसू तक आ गए।
दरअसल सोमेश्वर ट्रेडर्स का व्यापारी किसानों का करीब 90 लाख रुपए का भुगतान किए बगैर भाग गया। पूरा अप्रैल माह बीत गया लेकिन व्यापारी का कोई पता नहीं चला। किसानों का भुगतान कब और कैसे होगा इसकी भी जानकारी नहीं मिल पा रही। इसके चलते गुरुवार को किसानों का सब्र टूट गया। उज्जैन मंंडी के उपाध्यक्ष शेरू पटेल के साथ किसान कृषि उपज मंडी पहुंचे और गेट पर ताला लगा दिया। गेट पर ही किसान धरने पर बैठे। मंडी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। बीएनपी थाना प्रभारी तारेश सोनी सहित पुलिस बल भी तैनात था लेकिन किसानों का धरना जारी रहा।
इसी बीच एक तुलावटी आया तो किसान उस पर भड़क गए। बाद में तुलावटी को पुलिस वहां से रवाना किया। करीब 20 मिनट बाद एसडीएम जीवन सिंह रजक मंडी पहुंचे और किसानों की बात सुनी। एसडीएम रजक खुद जमीन पर बैठे और किसानों से चर्चा करने लगे। किसान अड़े रहे कि नकद भुगतान की व्यवस्था लागू करवाई जाए। व्यापारियों द्वारा मंडी समिति में जो प्रतिभूति राशि जमा करवाई जाती है उससे किसानों का पेमेंट दिलवाया जाए। हम यहां से तब तक नहीं उठेंगे जब तक किसानों को भुगतान नहीं हो जाता। बाद में एसडीएम ने समझाइश दी और आश्वासन दिया कि तीस दिन में सभी किसानों का भुगतान हर हाल में कर दिया जाएगा। इसके बाद किसान माने और एसडीएम जिंदाबाद के नारे लगाने लगे।
प्रतिभूति राशि से किया जाए भुगतान

शेरू पटेल ने बताया कि 10 दिसंबर 2018 को विद्या ट्रेडर्स का व्यापारी 48 किसानों के साढ़े 22 लाख रुपए लेकर भाग गया था। 7 जनवरी तक मंडी सचिव ने कोई कार्रवाई नहीं की। बाद में किसानो ंंको मंडी समिति से चेक दिलवाए। मंडी समिति में व्यापारियों की प्रतिभूति राशि जमा रहती है उसी से किसानों का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा। किसानों की 82-2 की पर्ची कटती है। हमारी मांग यही है कि प्रतिभूति की राशि से भुगतान किया जाए। हमांग नहीं मानी तो हम चक्काजाम करेंगे। जो कुछ भी हुआ है और हो रहा है वह मंडी प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा है। व्यापारी, कर्मचारी, अधिकारी सब मिले हुए हैं। अभी और भी व्यापारी भागेंगे। मंडी समिति को इनकी जांच करनी चाहिए। जिस समय किसान धरने पर बैठे थे उसी समय किसान कांग्रेस के नेता हफीज घोसी भी वहां आकर किसानों की समस्या को लेकर धरने पर बैठ गए। इसके चलते कानाफूसी भी हुई कि क्या आचार संहिता में कांग्रेस नेता धरना-प्रदर्शन कर सकते हैं।
एक महीने में कर देंगे भुगतान

एसडीएम जीवनसिंह रजक ने बताया कि किसानों की मांग थी कि जल्द से जल्द भुगतान किया जाए। नकद भुगतान की व्यवस्था लागू की जाए। मैंने उन्हें समझाइश दी और आश्वासन दिया कि एक माह में पेमेंट दिलवा देंगे। मंडी के चेक देने की बात भी कर रहे थे लेकिन यह संभव नहीं है। किसानों का पैसा हर हाल में देंगे। व्यापारी का मकान कुर्क किया है। उसकी संपत्ति का पता लगा रहे हैं। गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम लगी हुई है। प्रतिभूति का मामला हर मंडी का अलग रहता है। कुछ जगहों पर व्यापारी सामूहिक प्रतिभूति जमा करवाते हैं लेकिन देवास मंडी में सामूहिक प्रतिभूति प्रणाली नहीं है इसलिए प्रतिभूति राशि से भुगतान नहीं किया जा सकता। हमने यह व्यवस्था लागू कर दी है कि किसानों की उपज खरीदने के बाद जब तक व्यापारी किसानों को भुगतान नहीं करेगा उसकी उपज मंडी से बाहर नहीं ले जा सकेगा।
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किसानों को लिखित आश्वासन दिया

मंडी सचिव अश्विन सिन्हा ने बताया कि किसानों की मांग यही थी कि भुगतान किया जाए। एसडीएम मंडी आए थे। मुझे आदेशित किया है कि लिखित में आश्वासन दो। इसके बाद मैंने एक माह का लिखित आश्वासन दिया है। एक माह में हर हाल में भुगतान कर देंगे। व्यापारी का ८० क्विंटल माल नीलाम करने की कार्रवाई की। शेष माल की जानकारी मिल रही है उसे भी जब्त करेंगे। संपत्ति भी नीलाम की जाएगी।
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तम तो हमारे जेल में डाल दो…

जिस समय किसान एसडीएम से बात कर रहे थे तो उनका सब्र जवाब दे रहा था। एक किसान कह रहा था कि म्हारा घर ब्याव है। जेब में पइसा नी है। ब्याऊ की खरीदी कां से करूंगा। तम तो एक काम करो हमारे सबके जेल में डाल दो। आज अगर पइसा नी दिया तो यां से नी हटांगा। मंडी में रिश्वत ली के तो लाइसेंस बांटी रिया है। सब पइसा खई रिया है। व्यापारी उण से मिल्या हुआ है सब। बिचारो किसान मरे नी तो कईं करे। इसी तरह मंडी समिति कार्यालय के गेट पर एसडीएम से बात करते करते एक किसान की आंख भर आई। आंसू बह निकले। वह कहने लगा कि साहब घर का खर्च कैसे चलाएं। जो उपज थी वह बेची थी कि पैसे मिल जाएंगे लेकिन व्यापारी लेकर भाग गया। अब क्या करें। बाकी किसानों ने उसे समझाया कि हम अन्नदाता हैं। हमारे आंसू अनमोल है। एसडीएम ने भी उसे ढांढस बंधाया। बाद में सभी किसान मंडी सचिव अश्विन सिन्हा के पास पहुंचे।
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