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बच्चों को बांटने के लिए आए चश्मे पड़े रहे स्टोर रूम में…लापरवाही के साथ गड़बड़ी की शिकायत

locationदेवासPublished: Jul 11, 2019 10:32:30 am

Submitted by:

mayur vyas

प्रशासन की टीम पहुंची जांच के लिए, चश्मों के आठ बॉक्स लिए सुपुर्दगी मेंएसडीएम करेंगे विस्तृत जांच

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देवास. लापरवारी का पर्याय बन चुके जिला अस्पताल में नया मामला सामने आया है। इस बार अंधत्व निवारण के लिए आए चश्मों के वितरण में लापरवाही हुई है। गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं। बुधवार को जब प्रशासन की टीम निरीक्षण के लिए पहुंची तो लापरवाही सामने आई। अब एसडीएम विस्तृत जांच करेंगे। चश्मों के आठ बॉक्स सील कर जब्ती में लिए हैं। इस मामले में अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। डीपीएम का कहना है कि मामला सिविल सर्जन के अधिकार क्षेत्र का है तो सिविल सर्जन का कहना है कि तत्कालीन सीएमएचओ के समय सब हुआ था।
जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल के स्टोर रूम में चश्मे रखे हैं। करीब आठ बॉक्स हैं। ये चश्मे अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत स्कूलों में वितरित करने थे। कुछ दिन पहले जब स्कूलों ने दबाव बनाया तो चश्मे बांटे गए। सूत्रों का कहना है कि चश्मे के लिए पिछले साल टेंडर हुए थे। इसके बाद इनको खरीदा गया। करीब सात-आठ लाख रुपए का बिल बना। स्टोर रूम में इनका रिकॉर्ड नहीं है। ये स्टोर रूम में ही रखे लेकिन स्कूलों की ओर से दबाव आने पर वितरण किया गया। यह पूरा मामला तत्कीलान सीएमएचओ एसके सरल के कार्यकाल का है। बुधवार को इस मामले की शिकायत कलेक्टर से की गई। कलेक्टर ने राजस्व विभाग की टीम को जांच के लिए भेजा। नायब तहसीलदार प्रवीण पाटीदार अपने सहयोगियों के साथ जिला अस्पताल गए। वहां स्टोर रूम में जाकर जांच की। इसका पंचनामा बनाया। चश्मे के बॉक्स जब्ती में लिए। अब एसडीएम जीवनसिंह रजक विस्तृत जांच करेंगे।
किसने क्या कहा-
इस मामले में नायब तहसीलदार प्रवीण पाटीदार ने कहा कि चश्मे वितरण में लापरवाही को लेकर शिकायत मिली थी। इस पर जांच के लिए अस्पताल गए थे। पंचनामा बनाकर जब्ती ली है। एसडीएम पूरी जांच करेंगे। डीपीएम कामाक्षी दुबे ने कहा कि ये चश्मे अंधत्व निवारण कार्यक्रम तहत आए थे। इस बारे में सिविल सर्जन बता सकेंगे। सिविल सर्जन डॉ. आरके सक्सेना ने बताया कि चश्मे तैयार होकर देर से आए थे तब तक स्कूल बंद हो चुके थे। इसलिए वितरण नहीं हो पाया। स्टोर रूम के रिकॉर्ड का मामला सीएमएचओ बता सकेंगे। ये मामला तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. एसके सरल के समय का है। वर्तमान सीएमएचओ डॉ. वीके सिंह ने बताया कि मेरी जानकारी में मामला आया था। मैं वीसी में था इस कारण जानकारी नहीं ले सका। जानकारी जुटाकर बताता हूंं।
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