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वन अमले की निष्क्रियता के चलते फल फूल रहे जंगल माफिया, विरान हो रहे जंगल

locationदेवासPublished: Jun 09, 2019 12:32:25 pm

Submitted by:

mayur vyas

हरे भरे पेडों की कटाई अवैध तरीके से हो रही हैं।

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चापडा. रवि पाटीदार
उपवन मंडल बागली के परिक्षेत्र जिनवानी मुयालय कमलापुर की सबरेंज के जंगल मे वन विभाग के जिमेदार अधिकारियों की साठगांठ के चलते अवैध कटाई के चलते जंगल अंदर से खोखले होते जा रहे हैं। जिस तरह तेजी से जंगल विरान होते नजर आ रहे हैं ऐसे में कैसे पर्यावरण दिवस मनाया जा सकता है।
अवैध कटाई से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।लेकिन वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस ओर अंकुश लगाने मे विफल साबित हो रहे हैं । देखा जाए तो जंगल मे वन सीमा क्षेत्र मे पौधारोपण वन्य प्राणियों के संरक्षण पेयजल आपूर्ति के लिए कराए गए कार्य केवल कागजी खानापूर्ति कर मात्र नजर आते है।कागजों में लाखों रुपए का आहरण हो जाता है।लगाए गए पौधरोपण भी देखरेख के आभाव में सूख जाते है और मेंटनेस कागजी खाना पूर्ति तक ही सिमट रहा हैं। वन विभाग के जिमेदारों की मिली भगत के चलते अवैध सागौन की कटाई हो रही है। साथ अवैध अतिक्रमण भी जंगल बढ रहा है जिसके चलते बडे पैमाने पर हरे भरे पेडों की कटाई अवैध तरीके से हो रही हैं।
जीनवानी रेंज के जंगल मे भारी मात्रा मे सागवान होने के कारण हर सागवान माफिया की नजर जंगल पर हैं और उसी के कारण जंगल में सबसे अधिक सागवान की अवैध कटाई होती है साथ ही जंगल में अवैध अतिक्रमण भी तेजी से बढ़ रहा है जिससे पर्यावरण बुरी तरह प्रभावित होता नजर आ रहा है।
शासन द्वारा प्रतिवर्ष जंगल के उत्थान के लिए लाखों रुपए आवंटित होते हैं फिर भी अवैध कटाई नहीं रुक पा रही है साथ ही पर्यावरण संरक्षण की जिमेदारी वन अमले को है लेकिन ये समझ से परे है की वन विभाग मे बैठे जिमेदार अपने कर्तव्य से दूर क्यों भाग रहे हैं।
माफियाओं द्वारा सैकड़ों हरे भरे सागौन के पेड़ों की कटाई कर दी जाती है और वन अमला नींद मे सो रहा है । हरे भरे पेड़ो की अवैध कटाई ओर बढ़ते अतिक्रमण के कारण जंगल का घनत्व दायरा तेजी से सिकुड़ रहा है इससे वन्य प्राणियों के अस्तित्व पर गहरा संकट मंडरा रहा है इसके बावजूद अधिकारी बेपरवाह बने हुए है जिनवानी वन परिक्षेत्र सीमा क्षेत्र के जंगल मे हरे भरे पेड़ कटे पड़े है चारों तरफ ठूंठ ही ठूंठ दिखाई दे रहे है जो भारी भरकम वन अमले की पोल खोलता साफ साफ दिखाई देता है। मुयालय स्थायी सुरक्षा चौकियां अस्थायी सुरक्षा कैंप सुरक्षा के नाम पर केवल लाखों खर्च ओर जंगल दिन प्रतिदिन दयनीय स्थति कई प्रश्न चिन्ह खड़े करती है।
साथ ही जंगलों को हरा.भरा करने के लिए प्रतिवर्ष जंगलों में प्लांटेशन लगाकर हजारों की संया में पौधे लगाए जाते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर यह योजना भी साकार होती नजर नहीं आ रही है।
वन सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी यदि जीनवानी वन परिक्षेत्र मे अवैध तरीके वन को नुकसान हो रहा हैं तो मामले को दिखवा कर जिमेदारों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
अजय यादव सीसीएफ वन विभाग उज्जैन

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