scriptबजट में राशि तो रख दी अब देखते है कितना लक्ष्य पूरा होता | Keep the amount in the budget now, let's see how much the goal is acco | Patrika News

बजट में राशि तो रख दी अब देखते है कितना लक्ष्य पूरा होता

locationदेवासPublished: Jul 11, 2019 10:51:07 am

Submitted by:

mayur vyas

शहर के अंदर अलग-अलग वर्ग ने बजट को सराहा, बोले राज्य के विकास को गति मिलेगी

dewas

patrika

देवास. कांग्रेस की सरकार ने अपना पहला बजट बुधवार को पेश किया। वित्तमंत्री तरूण भनोत ने जब बजट विधानसभा की पटल पर रखा तो कृषि, शिक्षा, ऊर्जा आदि के लिए बजट में सरकार ने राशि रख विकास कार्य के लिए अपना इरादा प्रस्तुत किया। शहरवासियों का कहना था कि सरकार ने अलग-अलग क्षेत्रों के लिएबजट में राशि तो रख दी लेकिन अब देखना होगा कि इससे सरकार विकास का अपना कितना लक्ष्य पा सकेगी। महंगाई कितनी कम होगी व रोजगार कितना बड़ेगा। किसानों की नजर कर्ज माफी के लिए रखी गई राशि पर है, सभी को उमीद है कि सरकार इस बजट के बाद अपना वचन पूरा करेगी। वहीं सरल बिजली योजना के तहत कम राशि रखे जाने से भी लोग निराश है।
पूरी तरह से नहीं हुआ कर्ज माफ
राज्य सरकार के इस बजट से किसानों में आशा जागी है। कृषि का बजट पूर्व में 11 हजार करोड़ का होता था, इसमें इस बार 146 प्रतिशत की वृध्दि की गई है। बजट से किसान आशान्वित है। जय किसान फसल ऋण माफी योजना में अभी पूरी तरह से किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ है। इसमें सरकार को अभी काफी कुछ करना है। दो लाख तक का कर्ज माफ करने का वादा किया था, अगर ये पूरा नहीं हुआ तो हम फिर से आंदोलन करेंगे। इसे लेकर सीएम कमलनाथ को भी आवेदन दे चुके हैं।
त्रिलोक गोठी, प्रदेश उपाध्यक्ष
राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ
चिकित्सा क्षेत्र को होगा फायदा
इस बजट में चिकित्सा क्षेत्र के लिए 2309 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। सरकार को आयुष विभाग के अंतर्गत बड़ी संया में सरकारी अस्पतालों के लिए आयुष डॉक्टरों की भर्ती निकालना चाहिए ताकि दूर दराज के सरकारी अस्पतालों में आयुष के डॉक्टर अपनी सेवा दे सके। इससे सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने में भी सहायता मिलेगी व प्राचीन इलाज की पध्दति का भी आमजन में प्रचार होगा। इससे देश की करोड़ों गरीब जनता तक आसान इलाज पहुंचेगा।
शीबा शेख, मेडिकल छात्रा
यूनानी मेडिकल कॉलेज देवास।
कानून व्यवस्था होगी मजबूत
बजट में कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए खासा जोर दिया गया है। गृह विभाग की योजनाओं के लिए बजट में 76 34 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। केंद्रीकृत पुलिस कॉल सेंटर व नियंत्रण कक्ष तंत्र के लिए 122 करोड़ रुपए का प्रावधान बताता है कि सरकार कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिएगंभीर है।
एआर शेख, वकील
कोई नया टैक्स नहीं लगाकर दी राहत
इस बजट में खास बात तो यह है कि कोई नया टैक्स राज्य सरकार ने नहीं लगाया है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन को दोगुना करने का लाभ भी गरीबों को मिलेगा। सरकार फूड प्रोसेसिंग पर भी ध्यान दे रही है जिसकी झलक भी इस बजट में दिखी है। कुल मिलाकर ये बजट लोगों की उमीदों के अनुसार ही है।
गरिमा त्रिवेदी, गृहिणी
उच्च शिक्षा में बहुत सुधार की जरूरत
उच्च शिक्षा के लिए राज्य सरकार ने जरूर अपना बजट बढ़ाया है। इस बार बजट मेंइसके लिए 2342 करोड़ का प्रावधान किया गया है। लेकिन इसके साथ ही शिक्षा को रोजगार से जोडऩे की योजना पर ध्यान नहीं दिया गया है। सरकार कला, विज्ञान, वाणिज्य कॉलेज के लिए बजट में राशि का प्रावधान जरूर कर रही है लेकिन देखना चाहिए कि ये कोर्स कितनों को रोजगार मिलेगा।
रीना पंवार, छात्रा
महिलाओं की ई रिक्शा अच्छी योजना
राज्य सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने की सोचा ये अच्छी बात है। लेकिन महिलाओं के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। महिलाओं के लिए ई रिक्शा योजना अच्छी है। मुयमंत्री कन्यादान योजना में राशि बढ़ाने का फैसला भी गरीब बेटियों की शादी में सहायक होगा।
रीता शर्मा, गृहिणी।
खाने पीने को पहचान मिलेगी
हम सभी सुबह के समय जो नाश्ता करते है उसे अब सरकार पहचान भी देगी ये सरकार का स्वागत योग्य कदम है। ये सोचकर ही दिल खुश हो रहा है कि जलेबी, बर्फी, लड्डू, मावा बाटी और नमकीन की सरकार ब्रांडिग करेगी। राज्य सरकार के इस बजट में काफी पैसा रख गया है लेकिन ये समझ नहीं आ रहा कि सरकार योजनाओं को पूरा करने के लिए पैसा कहां से लाएगी। जीएसटी के चलते तो वैसे भी सरकार की कर उगाही कम हो गई है।
संदीप शर्मा, व्यापारी।
एक्सपर्ट व्यू
बजट बढ़ाने से कुछ नहीं होगा
शिक्षा में शोध को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है। जब तक सरकार शोध कार्य में पैसा नहीं देगी तब तक शिक्षा में गुणवत्ता नहीं आएगी और न ही बच्चे कुछ सीख सकेंगे। आज शिक्षा क्षेत्र की स्थिति बेहद खराब हो गई है। सरकारी स्कूलों व कॉलेजों में नियमित पढ़ाने वालों की व्यवस्था हो सकेगी ये अभी भी इस बजट में नजर नहीं आ रहा है। क्या हम उमीद कर सकते है कि बिना नियमित शिक्षकों के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल जाएगी। यही हाल उच्च शिक्षा का है। वहां पर भी प्रोफेसरों की भारी कमी बनी हुई है। बजट में अलग-अलग नामों से शिक्षा में बजट जरूर रखा गया है लेकिन इससे अभी हालत सुधरते हुए नहीं दिख रहे हैं। सरकार अगर अपने इरादे में गंभीर है तो उसे हर हाल में शोध को बढ़ावा देना चाहिए।
जीवनसिंह ठाकुर, शिक्षाविद्
एक्सपर्ट व्यू
सरकार को भी आयुष का महत्व समझ में आ गया
ये अच्छी बात है कि सरकार ने अपने बजट में चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र की तरफ काफी ध्यान दिया है। बजट में दिख रहा है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार ने 32 प्रतिशत की वृध्दि की है, जिसे अच्छी वृध्दि माना जा सकता है। बजट बढऩे से स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में सरकार अच्छे से काम कर सकेगी, जिसका फायदा सीधे आमजन को मिलेगा। इस बजट की एक ओर खास बात ये है कि इस बार चिकित्सा शिक्षा के अंतर्गत आयुष विभाग के लिएभी काफी बजट सरकार ने अलग से रखा है। ये पहली बार है। जन साधारण का एलोपेथी से रूझान कम हुआ है। लोग आयुष पध्दति की तरफ तेजी से आकर्षित हुए हैं, इसी बात का ध्यान रखते हुए आयुष का बजट बढ़ाया गया है। राज्य सरकार ने आयुष के लिए अलग से 48 1 करोड़ रुपए रखे हैैं, इससे शासन की मंशा जाहिर होती है कि जन स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए शासन गंभीरता से काम करना चाहती है। हमारे लिए ये हर्ष की बात है।
डॉ. हन्नान फारूखी, प्रोफेसर
यूनानी मेडिकल कॉलेज देवास।
रोजगार बढ़ाने के कुछ उपाय बजट में किए गए हैं। प्रदेश में निवेश के लिए अक्टूबर में इंदौर में कार्यक्रम प्रस्तावित है, इससे कुछ सार्थक परिणाम निकलेंगे तो ही युवाओं को लाभ मिलेगा। पिछली सरकार के समय भी इस तरह के कार्यक्रम अपेक्षाकृत अधिक सफल नहीं हुए थे।
-चंद्रप्रकाश कुशवाह, युवा।
पेट्रोल और डीजल के दामों की अधिकता के कारण परिवार पर बोझ बढ़ रहा है। कहीं न कहीं महंगाईबढऩे का भी यह एक कारण है, इससे परिवहन महंगा होता है और वस्तुओं की कीमतों में उछाल आता है, दाम करने पर काम होना चाहिए था।
-चेतन सिंह, कर्मचारी।
बारहवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद रोजगारोन्मुखी शिक्षा दी जाना चाहिए। बेरोजगारी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है, इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार को समन्वय बढ़ाकर काम करना चाहिए।
-वैभव पवार, छात्र
स्वास्थ्य सेवाएं पिछले कुछ सालों में और बेहतर हुई हैं लेकिन अभी भी काफी काम किए जाने की आवश्यकता है। मूलभूत सुविधाओं में यह सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। जिला स्तर के अस्पतालों में सुविधाओं का और विस्तार होना चाहिए।
-धर्मेंश्वरी कुशवाह, कर्मचारी।
प्राथमिक व उच्च शिक्षा की दिशा में सरकार द्वारा काफी प्रयास किए गए हैं। शिक्षकों के हजारों पद रिक्त पड़े हैं, भर्ती प्रक्रिया लेट होने के कारण युवा निराश हो रहे हैं।
-ललितेश्वर कुशवाह, शिक्षक।
बुजुर्गों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित हैं, इनका और विस्तार होना चाहिए। महिला सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, इसके लिए और गंभीरता से काम किए जाने की जरूरत है।
-तुलसी परमेश्वरी, सेवानिवृत्त शिक्षिका।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को सरकार की ओर से कुछ सुविधाएं दी जा रही हैं लेकिन जरूरत और है। निजी स्कूलों में प्रभावी आरटीई की तरह बड़े कोचिंग संस्थानों में कुछ व्यवस्था की जाना चाहिए।
-मोनिका कुशवाह, छात्रा।
रिसर्च करने वाले विद्यार्थियों को सरकार की ओर से मदद का दायरा और बढ़ाया जाना चाहिए। महिलाओं के लिए बजट में ई रिक्शा योजना नारी सशक्तीकरण की दिशा में एक अच्छा कदम है।
-स्वाति कुशवाह, छात्रा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो