भौगोलिक स्थिति के अब राजनीतिक परिदृश्य की बात करें तो चार सीटें भाजपा व चार कांग्रेस के पास है। 2014 में भाजपा के मनोहर ऊंटवाल ने कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा को ढाई लाख से अधिक मतों से पराजित किया था। इस बार गणित थोड़ा अलग है क्योंकि भाजपा ने जज की नौकरी छोड़कर आए महेंद्र सिंह सोलंकी को टिकट दिया है तो कांग्रेस ने कबीर भजन गायक प्रह्लाद सिंह टिपानिया को। दोनों ही उम्मीदवार नए हैं। हालांकि सोलंकी जरूर जज बनने से पहले संघ व भाजयुमो से जुड़े रहे हैं और काम भी कर चुके हैं। टिपानिया के लिए यह सियासी डगर एकदम नई है और अब तक हुए उनके प्रचार में यह बात दिखी भी है। सरल व सहज छवि होने का लाभ तो उनको मिल रहा है लेकिन राजनीतिक दांवपेंच से अनभिज्ञता चिंता बढ़ा रही है। भाजपा प्रत्याशी इस मामले में आगे जरूर हैं लेकिन उनका खुद का व्यवहार उनके लिए मुसीबत बना हुआ है।
जुबां से निकलने वाले तल्ख अल्फाज उनकी छवि पर विपरीत असर डाल रहे हैं तो भाजपा के कई पदाधिकारी उनसे खफा तक हो गए हैं। ऐसे में पार्टी ने प्रत्याशी का नाम पीछे कर मोदी का चेहरा आगे कर दिया जबकि कांग्रेस ने इसी बात को भुनाते हुए अपने प्रत्याशी की छवि का सहारा लेकर उनका चेहरा आगे किया। अब प्रचार खत्म हो चुका है और 19 तारीख को मतदान का इंतजार है। अगले कुछ घंटों में बूथ मैनेजमेंट की रणनीति बनेगी और टीमों को तैनात किया जाएगा। अभी तक हुए जनसंपर्क की समीक्षा कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
प्रतिदिन तीस गांवों का औसत इधर दोनों प्रत्याशियों ने जनसंपर्क में कोई कसर नहीं छोड़ी। कांग्रेस प्रत्याशी टिपानिया ने अप्रैल के पहले सप्ताह से जनसंपर्क शुरू किया तो भाजपा प्रत्याशी सोलंकी ने 10 अप्रैल से क्षेत्र का भ्रमण करना आरंभ किया। इस लिहाज से कांग्रेस प्रत्याशी को करीब एक सप्ताह का समय अधिक मिला। औसत के लिहाज से देखा जाए तो प्रतिदिन तीस गांवों में जनसंपर्क किया। इस लिहाज से भाजपा प्रत्याशी करीब 1110 गांवों में पहुंचे तो कांग्रेस प्रत्याशी 1260 गांवों में पहुंचे। कांग्रेस प्रत्याशी तो बाइक लेकर गांवों में निकल गए थे। जो गांव छूट गए थे उनको सम्मेलनों के सहारे साधा और एक जगह बाकी के गांवों को एकत्र कर अपनी बात लोगों तक पहुंचाई। दोनों उम्मीदवारों के परिजन भी उनके साथ रहे और अपने स्तर पर गांवों का दौरा किया। मतदाताओं के बीच पहुंचे। दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं से हुई बातचीत के आधार पर यह आंकड़े सामने आए हैं। इस मामले में दोनों प्रत्याशियों से संपर्क करना चाहा लेकिन दोनों से बात नहीं हो सकी।