पहले तो एसडीएम ने इसे गंभीरता से नहीं लिया व कहा कि मंडी निरीक्षक को अवगत करा देते हैं आगे से ट्रैक्टर ट्राली आड़ी तिरछी नहीं लगेगी। लेकिन शेड के अंदर जाते-जाते अन्य किसान भी कुछ किसानों की दादागिरी की शिकायत लेकर पहुंच गए व बोले कि जानबुझकर मंडी के अंदर ट्रैक्टर-ट्रालियां ऐसी खड़ी की जा रही है कि अन्य किसान जो समय पर पहुंच रहे है उनके वाहन खड़े नहीं हो सके। हरेली के किसान पवन कुमार ने बताया कि वे मंगलवार रात 1 बजे ही मंडी में उपज बेचने के लिए पहुंच गए थे लेकिन उनकी गाड़ी को अन्य कुछ किसानों ने आड़ा ट्रैक्टर लगाकर मंडी परिसर में बिक्री की जगह पर खड़े नहीं होने दिया।
इस दौरान किसान अजयसिंह रजावत ने एसडीएम से कहा कि कुछ ट्रैक्टर-ट्राली अभी भी ऐसे ही जगह रोककर खड़े है, जहां अन्य टै्रक्टर-ट्राली नहीं लग सकते। इस पर एसडीएम ने कहा मुझे बताओ ऐसे वाहन कहां-कहां खड़े हैं।
इस दौरान किसान अजयसिंह रजावत ने एसडीएम से कहा कि कुछ ट्रैक्टर-ट्राली अभी भी ऐसे ही जगह रोककर खड़े है, जहां अन्य टै्रक्टर-ट्राली नहीं लग सकते। इस पर एसडीएम ने कहा मुझे बताओ ऐसे वाहन कहां-कहां खड़े हैं।
किसानों ने साथ ले जाकर आड़े तिरछे खड़ी ट्रैक्टर-ट्राली बताना शुरू की तो फिर एसडीएम सुरक्षा गार्ड व मंडी के अन्य कर्मचारियों पर जमकर नाराज हो गए। बोले जो मनमानी कर रहा है उसके वाहन की हवा निकाल दो, उसे मंडी परिसर से भी बाहर का रास्ता दिखा देना। एक किसान से पूछा भैया जरा मुझे बताना ट्रैक्टर ऐसा आड़ा क्यो लगाया, किसान बोला ये तो प्रथा है। इस पर एसडीएम ने किसान को जमकर फटकार लगाई व निर्देश दिए कि इनका 500 रुपए का चालान काटो। कुछ आगे भी ऐसे ही ट्रैक्टर-ट्राली खड़ी मिली तो पूछा, ऐसा खड़ा करने का लाजिक क्या है, क्या अन्य लोग मूर्ख है। यहां भी चालान काटने के निर्देश दिए। मूंगाडिय़ा से आए किसान अजयसिंह रजावत ने बताया कि आढ़ा टैक्टर लगाकर कुछ दबंग किसान तीन टैक्टर-ट्रालियों की जगह रोकते हैं। इसके बाद उनके अन्य टै्रक्टर नीलामी के समय आते हैं व रोकी गई जगह पर आकर लगा देते हैं। जो किसान समय पर से पहले भी मंडी आ जाते हैं लेकिन कुछ किसानों की मनमानी के चलते उनके वाहन शेड के नीचे खड़े नहीं हो पाते हैं।
मेरे साथ भी हादसा हुआ, जब से मिली प्रेरणा कृषि उपज मंडी में एसडीएम जीवनसिंह रजक ने खड़े रहकर ट्रालियों के पीछे रेडियम लगवाया। एसडीएम रजक ने बताया कि वे जहां भी रहे हैं वहांं पर प्राथमिकता के साथ इस काम को करते हैं। इसके पूर्व खातेगांंव एसडीएम रहते भी मैंने ट्रालियों के पीछे रेडियम लगवाया था। एसडीएम रजक ने बताया कि कुछ साल पहले वे भी एक हादसे में बाल-बाल बचे थे। उस समय मेरी कार आगे जा रही ट्रैक्टर-ट्राली की चपेट में आ गई थी। हादसे के वक्त ट्राली के पीछे रेडियम लगा नहीं होने से वो दिखाई नहीं दी थी। इसके बाद ही मैंने अभियान चलाकर ट्रालियों के पीछे रेडियम लगाने का काम शुरू किया। इस समय बड़ी संख्या में गांव-गांव से ट्रैक्टर-ट्राली उपज लेकर पहुंचती है। ऐसे में अधिकांश ट्रालियों के पीछे रेडियम लग जाएगा। अगर इस काम से एक भी हादसा रूका तो ये हमारे लिए बड़ी उपलब्धि होगी।
आगे से टै्रक्टर-ट्राली मंडी में आड़े तिरछे खड़े रहने की शिकायत मिली तो जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई होगी। साथ ही जो व्यक्ति ट्रैक्टर ट्राली सही खड़ी नहीं करेगा उसके चालन बनेंगे। इस सीजन में अधिकांश टै्रक्टर-ट्रालियां कृषि उपज मंडी में पहुंचती है। मेरा उद्देश्य है कि आने वाली ट्रालियों के पीछे रेडियम लग जाए।
जीवनसिंह रजक
एसडीएम देवास।
आगे से टै्रक्टर-ट्राली मंडी में आड़े तिरछे खड़े रहने की शिकायत मिली तो जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई होगी। साथ ही जो व्यक्ति ट्रैक्टर ट्राली सही खड़ी नहीं करेगा उसके चालन बनेंगे। इस सीजन में अधिकांश टै्रक्टर-ट्रालियां कृषि उपज मंडी में पहुंचती है। मेरा उद्देश्य है कि आने वाली ट्रालियों के पीछे रेडियम लग जाए।
जीवनसिंह रजक
एसडीएम देवास।