scriptतीन व्यापारी भागे लेकिन न मंडी बोर्ड का कोई सदस्य आया सामने न ही भाजपा नेताओं ने उठाई आवाज | mandi dewas | Patrika News

तीन व्यापारी भागे लेकिन न मंडी बोर्ड का कोई सदस्य आया सामने न ही भाजपा नेताओं ने उठाई आवाज

locationदेवासPublished: May 08, 2019 12:15:02 pm

Submitted by:

Amit S mandloi

–मंडी में भाजपा नेताओं के दखल के बावजूद किसी ने नहीं ली किसानों की समस्या की सुध

dewas

dewas

देवास. कृषि उपज मंडी में व्यापारियों के भागने के मामले ने सियासी रंग लिया है और कांग्रेस इसे पुरजोर तरीके से भुना रही है। हैरानी इस बात की है कि इस पूरे घटनाक्रम में भाजपा का कोई नेता सामने नहीं आया है। मंडी बोर्ड भी भंग होने से पहले तक भाजपा का ही था लेकिन कुर्सी जाने के बाद से अध्यक्ष प्रतिनिधि मंडी आए ही नहीं। भाजपा के दूसरे नेता भी चुप ही हैं। इधर कांग्रेस नेता तो मंडी पहुंचकर विरोध दर्ज करवा रहे हैं और अफसरों पर दबाव बना रहे हैं लेकिन तीनों घटनाओं के बाद भाजपा का कोई नेता मंडी नहीं पहुंचा न ही इस अहम मुद्दे पर सामने आया। मंडी अध्यक्ष के ख्वाब पालकर बैठे भाजपाई भी इस मुद्दे से मुंह मोड़कर बैठे हैं।
दरअसल अव्यवस्थाओं और लापरवाही का पर्याय बन चुकी देवास की कृषि उपज मंडी में व्यापारी के भागने की तीसरी घटना हुई है। खून-पसीने से उपजाई हुई उपज को किसानों ने मंडी में बेची लेकिन उन्हें उपज का भुगतान तक नहीं मिला और सरकारी लापरवाही और मिलीभगत का फायदा उठाकर व्यापारी भाग गए। दिसंबर २०१८ में एक व्यापारी भागा तो अप्रैल में दूसरा। अब मई में तीसरा व्यापारी भी भाग गया। किसानों ने मंडी में प्रदर्शन किया। चक्काजाम किया। एक मामले में तो भुगतान हो गया लेकिन दो मामले अभी भी चल रहे हैं। लापरवाही की गाज मंडी प्रशासन पर भी गिरी और तीन कर्मचारी सस्पेंड हुए लेकिन किसानों को उनका हक अब तक नहीं मिल सका।
सवाल खड़े कर रही भाजपा नेताओं की चुप्पी

इस मामले में कांग्रेस नेता लगातार मंडी पहुंचकर मंडी प्रशासन को घेर रहे हैं। कलेक्टर से बात कर रहे हैं। किसान कांग्रेस के नेता धरने पर बैठ रहे हैें लेकिन भाजपा की ओर से कोई नेता अब तक नहीं पहुंचा। सियासी गलियारों में ही चर्चा हो रही है कि किसानों के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा का कोई नेता किसानों के हित में आवाज उठाने नहीं पहुंचा। ऐसा भी नहीं है कि भाजपा को मंडी से वास्ता नहीं है। भाजपा के अधिकांश नेता प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से मंंडी से जुड़े हैें। देवास के एक भाजपा नेता का मंडी में खासा दखल है। दूसरे भाजपा नेताओं का भी हस्तक्षेप है लेकिन इस समस्या को लेकर अब तक न किसी का बयान आया न कोई सामने आया। भारतीय किसान संघ ने जरूर किसानों के हक में आवाज उठाई लेकिन बड़े नेता मौन हैं। मंडी के कुछ माह पहले तक भाजपा का ही अध्यक्ष था लेकिन पद जाते ही उन्होंने मुंह मोड़ लिया। वर्तमान में अलग-अलग गुट के नेता मंडी चुनाव की तैयारी कर रहे हैं लेकिन किसानों की समस्या के लिए उनके पास समय नहीं है। भाजपा की इसी कमजोरी का कांग्रेस फायदा उठा रही है। कांग्रेस नेता भी भाजपा नेताओं के खुलकर बोल रहे हैं और बयान दे रहे हैं कि भाजपा नेताओं को किसानों की समस्या के लिए समय ही नहीं है।
राजानी ने उठाए थे भाजपा नेताओं पर सवाल

सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ मंडी पहुंचे थे। यहां अधिकारियों को तो तल्ख लहजे में समझाया ही भाजपा नेताओं को भी घेरा । राजानी ने बयान में कहा कि भाजपा नेताओं के कहने पर ही उठाईगीरों के लायसेंस बने हैं। जो व्यापारी भागे हैं वे सभी भाजपा से जुड़े थे। मंडी बोर्ड कहां गायब है। विधायक कहां है। राजानी के बयान के सोशल मीडिया में वायरल होने क ेबाद भाजपाई दबीजुबान चर्चा करते रहे कि भाजपा इस मोर्चे पर विफल हो गई और किसानों की समस्या को लेकर नेता कुछ नहीं कर पाए। चर्चा तो यहां तक हुई कि मंडी में भाजपा नेताओं के दखल के कारण ही मंडी समिति भी कुछ नहीं कर पाती। कुछ माह पहले ऐसी घटना भी हुई थी जिसमें मंडी अध्यक्ष प्रतिनिधि बद्रीलाल जायसवाल की भाजपा नेताओं से कहासुनी हुई थी। मामला मंडी मेंं कामकाज को लेकर था जिसके बाद जायसवाल भी नाराज हुए थे। हालांकि जायसवाल अपने कार्यकाल के दौरान किसान हितैषी कोई काम नहीं कर सके न ही किसानों से जुड़ी समस्या को लेकर आवाज उठाई। बोर्ड भंग होने के बाद भी किसान नेता के नाते वे मंडी नहीं पहुंचे जिसे लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो