जानकारी के मुताबिक माता टेकरी पर बीते कुछ समय से अव्यवस्थाएं हावी हैं। वर्तमान जिला प्रशासन के मुखिया और नगर निगम के अफसरों की उदासीनता के कारण यह हालात बने हैं क्योंकि अधिकारियों ने टेकरी पर ध्यान देना ही बंद कर दिया। इसकी पोल तब खुली जब दो बार टेकरी की झाडिय़ों में आग लगी और दमकल आग बुझाने गई तो पानी नहीं मिला। टंकियां खाली थी। मामले ने तूल पकड़ा और अफसरों की आलोचना हुई तो नवरात्रि में व्यवस्थाएं चाकचौबंद की गई लेकिन नवरात्रि खत्म होते ही फिर से पुराना ढर्रा लौट आया। अधिकारी टेकरी पर ध्यान नहीं दे रहे और व्यवस्थाएं बिगड़ती जा रही हैं।
नहीं मिला पीने का पानी रविवार को अवकाश का दिन होने से माता टेकरी पर काफी लोग दर्शन के लिए पहुंचे। दिन में तो भीड़ कम थी लेकिन शाम होते ही भीड़ बढ़ी। लोग जब चामुंडा माता के दर्शन करके सामने पानी पीने के लिए आए तो मशीन में पानी ही नहीं था। लोगों ने आसपास से जानकारी ली तो बताया कि मशीन बंद है। दूसरी जगह जाकर पानी पी लो। लोगों ने इस अव्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन के साथ ही शासकीय देवस्थान प्रबंध समिति को कोसा। अफसरों को खरीखोटी सुनाई। इसके पहले भी टेकरी पर पीने के पानी की समस्या आ चुकी है लेकिन अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे और टेकरी की व्यवस्था बिगड़ती जा रही है।