पैकी प्लाट पर एक अवैध निर्माण के संबंध में सत्ता पक्ष नेता मनीष सेन ने सवाल उठाया कि जो नोटिस संबंधित को दिया गया उसमें समय अवधि का उल्लेख नहीं हैं। इस पर आयुक्त ने भी खामी मानी व ईई चौधरी से पूछा कि मैंने आपसे कहा था कि मौका मुआयना करके आना तो क्या आप गए थे। इस पर चौधरी ने कहा कि मैंने कॉलोनी का नक्शा मंगा लिया था, जो निर्माण हुआ है उसकी जानकारी देता हूं।
इस पर नाराज आयुक्त ने कहा कि आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए व फिर से समय अवधि में कार्रवाई का नोटिस दे। लेकिन इतने से बात नहीं बनी व मनीष सेन ने फिर सवाल उठा दिया कि हम ईई चौधरी के पास चैंबर का छोटा काम भी लेकर जाते हैं तो ये हमें इंदौर की तर्ज पर काम का हवाला देकर हर बार टाल देते हैं। इस पर पार्षद विनय सांगते आगे आए बोले सभापति महोदय आपसे अनुमति चाहता हूं कि ईई के संरक्षण में किस तरह गुणवत्ता पूर्व कार्य हो रहा हैं, आप भी देखिए। सभापति की सहमति के बाद वे आसंदी पर इंदिरा गांधी चौराह के यहांं बाउंड्रीवाल निर्माण में लगने वाली ईंट आसंदी पर लेकर आ गए व सभापति अंसार एहमद को भेंट कर दी। इस दौरान अन्य सभी पार्षद भी नारेबाजी करने लगे, सभी ने कहा कि हमें ऐसा ईइी नहीं चाहिए जो सिर्फ ठेकेदार को लाभ पहुंचाता हो। सांगते बोले इन्होंने आचार संहिता के दौरान ही करोड़ों के टेंडर ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए स्वीकृत कर दिए लेकिन हमारे वार्ड के छोटे.छोटे काम को भी टाल देते हैं।
अन्य पार्षद भी इस दौरान नारेबाजी कर ईई का विरोध करने लगे। इस दौरान आयुक्त ने माहौल संभालने की कोशिश की, लेकिन पार्षद नहीं माने। सभी ने एक स्वर में सभापति से कहा कि ईइी के खिलाफ अगर आपने प्रस्ताव पारित नहीं किया तो हम सभी अभी अपना इस्तीफा अभी दे देेंगे। इसके बाद सभापति ने ईई चौधरी के खिलाफ प्रस्ताव को पास कर दिया, ये प्रस्ताव अब हटाने के लिए राज्य शासन के पास जाएगा।