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जवाब मांगा था भाजपा सरकार के प्रभारी मंत्री ने, नोटिस दिया अब जब सरकार ही बदल गई

locationदेवासPublished: Apr 28, 2019 12:00:16 pm

Submitted by:

Amit S mandloi

–भुगतान में गड़बड़ी संबंधी जवाब मांगा था लेकिन जिम्मेदारों ने नहीं ली सुध

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देवास. लापरवाह रवैये के चलते विवादों में रहने वाले जिले के बड़े सरकारी अस्पताल में जिम्मेदार काम के प्रति गंभीर है इसको इसी से समझा जा सकता है कि प्रभारी मंत्री के आदेश को भी कुछ नहीं समझा जा रहा। भाजपा सरकार के दौरान प्रभारी मंत्री ने रोगी कल्याण समिति की बैठक लेकर अस्पताल प्रशासन से जवाब मांगे थे लेकिन जिम्मेदारों ने अब तक जवाब नहीं भेजे। जिला प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई है और जब सरकार बदल गई तब जाकर कलेक्टर ने सिविल सर्जन को नोटिस दिया। मामले को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं।
दरअसल जिला अस्पताल में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पिछले दो दिन में कलेक्टर ने दो अलग-अलग दो नोटिस जवाबदारों को थमाए हैं। एक नोटिस सिविल सर्जन डॉ. आरके सक्सेना को दिया गया है। डॉ. सक्सेना को रोगी कल्याण समिति साधरण सभा की बैठक में कार्रवाई विवरण तैयार किए जाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन निर्देश के बावजूद भी कार्रवाई विवरण सिविल सर्जन ने आज तक तैयार नहीं किए। दूसरा नोटिस सिविल सर्जन कार्यालय के अंतर्गत काम करने वाले लिपिक व लेखापाल अनिल वर्मा को दिया गया है व उनसे तीन दिन में हितग्राही मूलक योजनाओं में दो या दो से अधिक बार राशि का भुगतान किए जाने के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
दो बैठक हो गई पर नहीं दी जानकारी

रोगी कल्याण समिति साधारण सभा की बैठक एक ही साल में दो बार हुई, लेकिन जिला चिकित्सालय की विभिन्न गतिविधियों की विभागीय समीक्षा व जानकारी आज तक प्रस्तुत नहीं की गई। इस पर कलेक्टर ने नोटिस दिया है। नोटिस में सचिव रोगी कल्याण समिति सिविल सर्जन डॉ. आरके सक्सेना से पूछा गया है कि 10 जून 18 व 4 अप्रैल 18 को रोगी कल्याण समिति साधारण सभा की बैठक जिला पंचायत सभागृह में तत्कालीन प्रभारी मंत्री सुरेंद्र पटवा की अध्यक्षता में संपन्न हुई थी, जिसमें जिला चिकित्सालय की विभिन्न गतिविधियों की विभागीय समीक्षा व जानकारी प्रस्तुत हुई। उक्त आयोजित रोगी कल्याण समिति साधारण सभा की बैठकों का कार्रवाई विवरण तैयार किए जाने के निर्देश आपको दिए गए थे, इसके बावजूद भी कार्रवाई विवरण तैयार कर आपके दरा प्रसारित नहीं किए गए। इस कारण विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की कार्रवाई समयावधि में संपन्न नहीं हो सकी। कलेक्टर ने नोटिस में लिखा है कि आपको पूर्व में भी समय-समय पर विभागीय समीक्षा बैठकों में समक्ष में कई बार समझाइश भी दी जाती रही है कि बैठकों का कार्रवाई विवरण समयावधि में प्रसारित करें, किंतु आपके दरा 10 जून 18 व 4 अगस्त 18 की बैठक का कार्रवाई विवरण अभी तक प्रसारित नहीं किया गया। आपके दरा वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश/निर्देशों की अवहेलना व अपने पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही/उदासीनता व अनियमितता बरतना स्पष्ट रूप से परिलक्षित हुआ है, यह स्थिति अत्यंत ही खेदजनक है। अत: आप सूचना पत्र प्राप्ति से तीन कार्य दिवस में लिखित जवाब व 10 जून 18 तथा 4 अगस्त 18 की बैठकों का कार्रवाई विवरण सहित प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। यदि आपके दरा नियत समयावधि में लिखित जवाब व कार्रवाई विवरण प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तो यह माना जाएगा कि इस संबंध में आपको कुछ नहीं कहना है प्रकरण में, एकपक्षीय कार्रवाई संपादित कर आपके विरुध्द अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को प्रेषित कर दिए जाएंगे।
7 लाख 53 हजार 500 रुपए अधिक हो गया भुगतान

जननी सुरक्षा व संबल योजना में अधिक भुगतान पर कलेक्टर ने अलग से 25 अप्रैल को नोटिस जारी किया है। नोटिस लिपिक व लेखापाल अनिल वर्मा को जारी किया गया है। नोटिस में उल्लेख है कि जांच के दौरान संबल योजना में 6 लाख 66 हजार रुपए का व जननी सुरक्षा योजना में 87 हजार 500 रुपए का अधिक भुगतान किया गया। दोनों योजनाओं के 135 हितग्राहियों को अधिक भुगतान किया गया है। जिला अस्पताल की ये गड़बड़ एसडीएम जीवनसिंह रजक ने पकड़ी थी जो कि 13 अप्रैल को शिकायत मिलने के बाद जांच के लिए पहुंचे थे। वे पूरा रिकार्ड अपने साथ ले गए थे। लिपिक व लेखापाल अनिल वर्मा के नाम जारी नोटिस में लिखा है कि 13 अप्रैल 19 को जिला चिकित्सालय देवास का निरीक्षण किया गया था, निरीक्षण के दौरान लेखा शाखा में संधारित कैशबुक अद्यतन स्थिति में नहीं पाई गई। वर्ष 2018-19 की संबल योजना, जननी सुरक्षा योजना, परिवार कल्याण योजना के भुगतान में हितग्राहियों को दो या दो से अधिक बार राशि का भुगतान किया जाना पाया गया है। विभिन्न योजनाओं में 71 हितग्राहियों को लगभग 1 लाख 75 हजार रुपए का भुगतान हुआ जबकि वास्तविक भुगतान 87,500 रुपए होना चाहिए था जो कि 87 हजार 500 रुपए का अधिक भुगतान किया गया। शासन की संबल योजना में 64 हितग्राहियों को लगभग 13 लाख 32 हजार का भुगतान हुआ जबकि वास्तविक भुगतान 6 लाख 66 हजार रुपए होना चाहिए था जो कि 6 लाख 66 हजार रुपए का अधिक भुगतान किया गया। शासन की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में हितग्राहीमूलक योजना में लाभान्वित किए जाने में हितग्राहियों को दो बार राशि का भुगतान में खाता नंबर ऑनलाइन प्रविष्ठी में त्रुटि पूर्ण दर्ज किए जाने से उक्त स्थिति निर्मित हुई है। जिसमें शासन को आर्थिक हानि व गंभीर वित्तीय अनियमितता हुई है तथा 30 जून 18 के बाद केशबुक में कोई प्रविष्ठि अंकित नहीं की गई।
नोटिस की जानकारी मुझे आज ही मिली है। अभी नोटिस को देखा नहीं है। रोगी कल्याण समिति की बैठक में निर्देश के अनुसार कार्रवाई विवरण तैयार कर कलेक्टर कार्यालय समय पर ही भेजा गया था, ये क्यों नहीं मिला इसे दिखवाता हूं।
डॉ. आरके सक्सेना, सिविल सर्जन
जिला अस्पताल देवास।
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