मंडलोई वन समिति अध्यक्ष और धाराजी के सरपंच भी थे। वे बुधवार रात नीमनपुर के पास अपने फॉर्म हाऊस पर थे। पीपरी से उनका बड़ा बेटा रात करीब 10 बजे फॉर्म हाऊस पर उन्हें खाने का टिफिन देकर वापस लौट आया था। उदयनगर पुलिस के अलावा एसपी चंद्रशेखर सोलंकी, बागली एसडीओपी एस.एल. सिसौदिया ने भी घटनास्थल का दौरा कर मौका मुआयना किया। जिला मुख्यालय से एफएसएल अधिकारी भी पहुंचीं लेकिन कुछ खास उपलब्धि नहीं हासिल हो सकी। न तो हत्या करने में उपयोग किए गए हथियार या वस्तु के बारे में कोई कुछ स्पष्ट कह पाने की स्थिति में रहा न ही यह पता चल पाया कि मंडलोई की हत्या खाट पर सोते समय ही कर दी गई या फिर आसपास कहीं हत्या करने के बाद खाट पर लाकर लेटाया गया।
अंतिम यात्रा में उमड़ी भीड़ उदयनगर के अस्पताल में पीएम के बाद मंडलोई के पीपरी स्थित निवास से अंंतिम यात्रा निकाली गई जिसमें आसपास के क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। देरशाम पुलिस अधिकारियों व बल की उपस्थिति में धाराजी में अंतिम संस्कार किया गया। जानकारी के अनुसार मंडलोई की दो पत्नियां हैं, एक का परिवार पहले धाराजी में रहता था फिर डूब क्षेत्र में आने के कारण पीपरी शिफ्ट हो गए थे। वहीं दूसरी पत्नी पुंजापुरा में रहती है। अंतिम यात्रा के दौरान रास्ते में पडऩे वाले गांवों में पुरुषों सहित महिलाओं व बच्चों की भी भीड़ लगी रही।
राजनीति प्रतिद्वंद्विता या रंजिश! हत्या का कारण राजनीति प्रतिद्वद्विता या रंजिश हो सकता है। 2013 व 2018 के विधानसभा चुनाव में मंडलोई कांग्रेस से प्रबल दावेदार थे। हालांकि उनको टिकट नहीं मिल सका था।