script

अपने सफाई कर्मचारियों का भरोसा छोड़, नए भवन की सफाई का दिया लाखों में ठेका

locationदेवासPublished: Jan 14, 2019 11:02:46 am

बिना बजट में शामिल किए कर दिया टैंडर पास, उज्जैन की फर्म को दिया काम , एमआईसी मेंबर ने किया इनकार कोई प्रस्ताव नहीं रखा

dewas

अपने सफाई कर्मचारियों का भरोसा छोड़, नए भवन की सफाई का दिया लाखों में ठेका


ये है सफाई कर्मचारियों की स्थिति
187 स्थाई पुराने वेतन 25 से 30 हजार ग्रेड के हिसाब से
322 विनियमितकरण के 12 हजार
500 6 हजार 200
कुल 1009 सफाई कर्मचारी है

देवास.
जिस निगम के पास एक हजार कर्मचारियों की फौज है, इसके बाद भी नए भवन की सफाई का ठेका एक निजी फर्म को दे दिया गया है। वहीं अब इसकी सफाई निजी लोगों ने करना भी शुरू कर दी है।
निगम का नया भवन बनकर तैयार है। इस भवन में व्यवस्थित सफाई का जिम्मा निगम ने निजी एजेंसी को दे दिया है। इसे लेगर सफाई कामगार संगठन के लोग खासे नाराज है। इन लोगों कहना है कि स्थानीय लोगों को काम से दूर करते हुए बाहर के जिले के लोगों को काम दे दिया गया ै।
निगम में वर्तमान में 1009 कर्मचारियों की फौज है। 187 जो पुराने थे वे स्थाई कर्मचारी है। इसके अलावा 322 विनियमितकरण के स्थाई हुए है । वहीं मस्टर पर लगभग 500 लोग काम करते है। जो पुराने कर्मचारी स्थाई हुए है उन्हें ग्रेड के हिसाब से 25 से 30 हजार मिल रहे है। अन्य कर्मचारियों को छह से 12 हजार रुपए मिल रहे है। सूत्रों के मुताबिक सफाई व्यवस्था के लिए निजी कंपनी का मामला एमआईसी में नहीं रखा गया है। साथ ही ये खर्चा सालाना बजट में नहीं जोड़ा गया है। जानकारी के मुताबिक वर्तमान में आठ से 10 लोगों ने काम करना शुरू दिया है। वहीं पांच कर्मचारी और नए भवन की सफाई में बढ़ाए जाने वाले है। सूत्रों की मानें तो ये ठेका 11 महीने के लिए लगभग डेढ लाख रुपए में दिया गया है।
वार्डों में ही सफाई कर्मचारी कम है। कई पार्षद वार्ड में सफाई कर्मचारी बढाने की बात कहते है। नई भर्ती पर प्रतिबंध है, जिसके चलते निजी फर्म को काम सौंपा है। ये बडे व् यावसायिक माल की तर्ज पर भवन की सफाई करेंगे।
विशालसिंह चौहान, आयुक्त नगर निगम
ये मामला पीआयसी में लाया नहीं गया है। साथ ही बजट में भी शामिल नहीं किया। जब हम पार्षद क्षेत्र में विकास की मांग करते है तो अधिकारी बजट नहीं होने का बहाना बना लेते है। अब निजी फर्म को सफाई का ठेका देने का पैसा कहां से आएगा।
अर्जुन चौधरी, एमआयसी सदस्य
एमआयसी में प्रस्ताव पास होना चाहिए। वहीं इसे सालाना बजट में भी नहीं लिया गया है।
राजेश यादव पार्षद

मुझे जानकारी लगी है कि इन लोगों ने ठेका दे दिया है। बाहर के लोगों को ठेका दिया है। पूर्व में मृतक के परिजनों को लगाने के लिए मांग की थी। बीच में साक्षात्कार करके रखा था, जिन्हें बाद में आडिट का बहाना बनाकर हटा दिया। संगठन आपत्त्ति लेने वाला है
रूपेश कल्याणे, अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस अध्यक्ष
ठेके पर देने का हम लोगों ने विरोध किया था। आयुक्त का कहना था कि ठेका मैंने निरस्त कर दिया है। हम किसी गरीब को लगाने की बात बोलते है तो आर्थिक तंगी का बहाना कर स्थानीय को रोजगार नहीं दिया जा रहा है।
धर्मेंद्र रांगवे, जिलाध्यक्ष नगर पालिक निगम एवं पंचायत कर्मचारी संघ

ट्रेंडिंग वीडियो