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कागजों में शहर टॉप-10 में लेकिन हकीकत में बुरे हाल..सड़कों पर बह रहा है गंदा पानी…खुल रही ननि के दावों की पोल

locationदेवासPublished: Apr 19, 2019 12:19:05 pm

Submitted by:

Amit S mandloi

–स्वच्छता सिर्फ बातों और भाषणों में, असलियत में गंदगी से जूझ रहा शहर

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देवास. स्वच्छता के मामले में शहर दसवें पायदान पर भले ही आ गया हो लेकिन यह स्वच्छता शहर की सड़कों पर नजर नहीं आ रही। कागजों में भले ही टॉप-१० का तमगा हासिल हुआ हो लेकिन हकीकत इससे जुदा भी है और हैरान करने वाली भी। शहरवासियों पर जागरूक नहीं होने का दोष मढऩे वाले नगर निगम की लापरवाही के चलते यह स्थिति बनी है। हाल ही में हुई थोड़ी देर की बारिश ने निगम की पोल खोल दी। नाले-नालियां चोक हो गए। सड़कों पर गंदा पानी बह निकला। एबी रोड और एमजी रोड दोनों जगह यही हाल रहे। जिस रोड से अफसरों का गुजरना होता है वहीं गंदा पानी सड़कों पर फैलकर बदबू मार रहा है लेकिन नगर निगम को इससे कोई सरोकार नहीं। सोशल मीडिया पर जब विरोध हुआ तो गुरुवार को सफाई करवाई गई।
दरअसल स्वच्छता अभियान के नाम पर नगर निगम ने खूब दावे किए। दिन-रात तैयारियां करने का ढोल पीटा। मशीनों से सड़कें साफ करवाई। लाखों रुपए बहा दिए और स्वच्छ सर्वेक्षण में शहर दसवें नंबर पर आ गया। निगम प्रशासन श्रेय लूटने में लगा रहा। जश्न मना, दावत दी गई। किसी ने विधायक को क्रेडिट दिया तो किसी ने पुराने कमिश्नर को। कोई ऐसा भी था जो खुद की पीठ थपथपा रहा था लेकिन कागजों में मिले इस तमगे की हकीकत चौंकाने वाली निकली। मंगलवार शाम को हुई बारिश के बाद शहर की असल तस्वीर सामने आई जिसने निगम के स्वच्छता के दावों की तो पोल खोली ही, शहर के दसवें नंबर पर आने की बात को भी आईना दिखाया। नाले-नालियों से बहता गंदा पानी, यहां-वहां फैला कचरा और बदबू मारती गंदगी निगम अफसरों की कार्यप्रणाली और गंभीरता को बताने के लिए पर्याप्त है। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि यदि इस तरह की स्वच्छता के नाम पर ही शहर दसवें नंबर पर आया है तो फिर यह मुकाम किसी काम का नहीं।
खेड़ापति मंदिर के पास फैली गंदगी

शहर के एमजी रोड पर खेड़ापति हनुमान मंदिर के पास नाला चोक हो गया। नाले का गंदा पानी सड़क पर आ गया। मंदिर के सामने जहां लोग दर्शन करने जाते हैं वहां पर बदबूदार गंदा पानी एकत्र हो गया। दर्शन के लिए आने वाले भक्त निगम प्रशासन को कोसते नजर आए। यह बदहाली तब है जब शुक्रवार को हनुमान जन्मोत्सव है। मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। सुबह से रात तक धार्मिक आयोजन होंगे। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस बेहाली के फोटो शेयर कर जिम्मेदारों से सवाल पूछे कि कहां से स्वच्छता।
एबी रोड के किनारे से बहता रहा गंदा पानी

एमजी रोड के साथ ही एबी रोड पर भी यही हाल है। बीते दिनों बारिश के बाद नालियां चोक हो गई जिस कारण पानी सड़कों पर बहा। चामुंडा कॉम्प्लेक्स के बाहर स्थित नाला ओवरफ्लो हो गया और मंडूक पुष्कर की ओर जाने वाली सड़क पर गंदा पानी फैल गया जो यहां से होते हुए भाजपा कार्यालय की ओर गया। पूरे देश में स्वच्छता के नाम झाड़ू लगाने वाले भाजपा नेता इसी गंदे पानी से होकर गुजरते रहे। संगठन के पदाधिकारीगण हो या सत्ता के नेता, गंदगी देखी सबने मगर आंखें मूंदकर चले। विधायक, महापौर दोनों भाजपा के हैं। सभापति भी भाजपा से जुड़े हैं, लेकिन स्वच्छता के नाम पर वाहवाही लूटने वाले जनप्रतिनिधियों ने भी कुछ नहीं किया।
नालियों की सफाई करवा दी

नगर निगम स्वास्थ्य निरीक्षक हरेंद्रसिंह ठाकुर ने बताया कि जिन जगहों की शिकायत मिली थी उन जगहों की नालियों की सफाई करवाकर खुलवा दी है। चामुंडा कॉम्प्लेक्स के सामने की नाली सहित खेड़ापति मंदिर के पास की नाली खुलवा दी है। बरसात के पहले सभी बरसाती नालों की सफाई करवाएंगे।
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patrika IMAGE CREDIT: patrika
अभी से ये हाल तो आगे क्या

पूरे मामले में नगर निगम की कार्यशैली कटघरे में है। सवाल उठ रहा है कि यदि अभी से ये हाल है तो आने वाले महीनों जब बारिश होगी तब क्या होगा। सीवरेज के नाम पर सड़कों को खोदकर शहर को बदसूरत बनाने वाले नगर निगम के जिम्मेदार क्यों मौन है। आपसी खींचतान में उलझे अफसर और जनप्रतिनिधि शहर की सुध क्यों नहीं ले रहे। नालों की साफ-सफाई को लेकर क्यों गंभीरता नहीं दिखाई। सड़कों पर कचरा फेंकने वाले छोटे दुकानदारों पर चालानी कार्रवाई करने वाले निगम के स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की लापरवाही पर कोई कार्रवाई क्यों न हीं हुई। ऐसे कई सवाल जनता के जेहन में है जो जिम्मेदारों से पूछ रहे हैं कि यह उदासीनता, मनमानी कब थमेगी।

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