script32 घंटे लगातार खतरे के निशान से ऊपर रहने के बाद नेमावर में नर्मदा ने दी राहत | Narmada gave relief after being above the danger mark for 32 consecuti | Patrika News

32 घंटे लगातार खतरे के निशान से ऊपर रहने के बाद नेमावर में नर्मदा ने दी राहत

locationदेवासPublished: Aug 18, 2022 12:12:04 am

बुधवार दोपहर करीब एक बजे खतरे के निशान से नीचे आया जलस्तर, शाम को 883 फीट पर था पानी, 885 है खतरे का निशान

32 घंटे लगातार खतरे के निशान से ऊपर रहने के बाद नेमावर में नर्मदा ने दी राहत

32 घंटे लगातार खतरे के निशान से ऊपर रहने के बाद नेमावर में नर्मदा ने दी राहत

देवास. मंगलवार अल सुबह से लेकर बुधवार दोपहर तक नर्मदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार रहा। लगातार 32 घंटे तक रहवासियों सहित पुलिस-प्रशासन की ङ्क्षचताएं बरकरार रहीं। दोपहर करीब 1 बजे के बाद जलस्तर कम होकर 884 पर आ गया, शाम तक इसमें एक फीट की और गिरावट आई। इसके बाद सभी ने राहत की सांस ली, हालांकि जलस्तर पर लगातार नजर पुलिस-प्रशासन, एसडीईआरएफ, होमगार्ड, नप कर्मचारियों ने बना रखी।
जलस्तर कम होने के बाद खाली हुई जगह पर कीचड़ पसरा नजर आया। कई जगह लोग साफ-सफाई करते नजर आए। स्थानीय अधिकारियों व लोगों के अनुसार नर्मदा से बाढ़ नहीं आने का प्रमुख कारण जामनेर व आसपास की अन्य नदियों का जलस्तर सामान्य रहना है। क्षेत्र में बारिश का दौर भी थमा है, इसके अलावा आसपास के क्षेत्र में भी तेज बारिश नहीं हुई है। एएसपी कन्नौद सूर्यकांत शर्मा ने बताया 883 फीट पर जलस्तर कई घंटे तक स्थिर रहा।
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पीलिया खाल में बाइक सहित बहा युवक, 16 घंटे बाद साथियों ने दी सूचना, चल रही तलाश
सोनकच्छ. नगर से जलेरिया मार्ग पर स्थित पीलिया खाल रपटे पर एक व्यक्ति मंगलवार रात बाइक सहित बह गया। साथियों ने सूचना डर के कारण बुधवार को दोपहर में सोनकच्छ पुलिस को परिजनों के साथ आकर दी। इसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा व ताबड़तोड़ टीआई नीता देअरवाल दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंची व खेतों में जाकर हर स्थल का जायजा लिया व वरिष्ठ अधिकारियों सहित एसडीआरएफ दल को सूचित किया गया। प्राप्त जानकारी अनुसार कमलङ्क्षसह पिता ईश्वर ङ्क्षसह चौहान व अन्य दो साथी मंगलवार रात करीब 11.30 बजे पीलिया खाल क्रॉस कर रहे थे, खाल पर पानी बह रहा था वे उसे पार कर रहे थे। कमलङ्क्षसह के साथ दो युवक अन्य थे उसमें से एक युवक उतर गया था जबकि एक गाड़ी पर ही बैठा था जिसे तैरते आता था वो उतर गया। जबकि कमलङ्क्षसह बाइक सहित बह गया। पुलिस ढूढने का प्रयास कर रही है। एसडीओपी पीएन गोयल भी मौके पर पहुंचे व उन्होंने परिजन से मामले की पूरी जानकारी ली है।
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३6 घंटे बाद भी रपट के ऊपर से बह रहा कालीङ्क्षसध का पानी
हाटपीपल्या. टप्पा-हाटपीपल्या मार्ग पर देवगढ़ में कालीङ्क्षसध नदी के रपट पर पानी 36 घंटे बीतने के बाद भी ऊपर बह रहा है। अगर थोड़ी सी बारिश होती है तो फिर कई घंटे तक मार्ग बंद हो जाएगा। बुधवार दोपहर 12 से एक बजे के आसपास लोगों की भीड़ लग गई, बड़ी संख्या में लोग हाटपीपल्या के हाट में जाने वाले थे। इनमें से कई बहाव के बीच से ही निकलने लगे। शाम 6 बजे तक रपट से पानी नीचे नहीं उतरा था। लोनिवि व प्रशासन की लापरवाही के चलते करीब 50 गांव के लोग परेशान हो रहे हैं, नदी उफान पर आते ही इन गांवों का संपर्क तहसील मुख्यालय से कट जाता है। जिनको जरूरी काम होता है वह चक्कर लगाकर अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचते हैं। क्षेत्र के लोगों ने रपट के पाइप में फंसा हुआ कचरा शीघ्र निकालने की मांग की है। इसी के कारण पानी की निकासी बाधित हो रही है और नदी बार-बार उफान पर आ रही है।
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