scriptनर्मदा खतरे के निशान से तीन फीट ऊपर पहुंंची, बरोठा क्षेत्र में एक नाले में बहा | Narmada reaches three feet above danger mark, sheds in a drain | Patrika News

नर्मदा खतरे के निशान से तीन फीट ऊपर पहुंंची, बरोठा क्षेत्र में एक नाले में बहा

locationदेवासPublished: Sep 14, 2019 11:38:10 am

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mayur vyas

– खतरे का निशान है 8 8 5 फीट, जलस्तर 8 90 फीट पर जाते ही डूब जाएंगे 20 गांव

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पत्रिका टीम. लगातार बारिश से नदी-नालों की बाढ़ पुलियाओं से नहीं उतर रही है। रास्ता बंद होने से अंचल के कई गांवों का संपर्क तहसील मु?यालय से कट गया है। गुरुवार के बाद शुक्रवार को भी जमकर बरसात हुई। लगातार बारिश के चलते सोयाबीन की फसल भी अब पीली पडऩे लगी है। उधर नेमावर में नर्मदा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। स्थानीय प्रशासन अलर्ट है। बरोठा के करीब गांव का एक बुजुर्ग शुक्रवार को नाले में बह गया। बुजुर्ग की तलाश जारी है।
चार दिन पहले किया दूसरी जगह पर शि?ट
नेमावर. नर्मदा शुक्रवार को फिर खतरे के निशान को पार कर गई। नर्मदा का जलस्तर खतरे के निशान से 3 फीट ऊपर बह रहा था। नर्मदा के खतरे का निशान 8 8 5 फीट पर है। शुक्रवार को नर्मदा का जलस्तर 8 8 8 पर जा पहुंचा। अगर नर्मदा का जलस्तर 8 90 पर पहुंचा तो नर्मदा किनारे के करीब 20 गांव डूब जाएंगे। नेमावर तहसीलदार अलका एक्का ने बताया कि खतरे या चिंता कीकोई बात नही है। जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जरूर गया है लेकिन स्थिति सामान्य है। निचले इलाकों ंकी बस्तियों के परिवारों को चार दिन पहले ही दूसरी जगह शि?ट किया जा चुका है। मेडिकल सुविधा भी गांवों तक पहुंचाई जा रही है। पुलिस प्रशासन की टीम मुस्तेद है और हर स्थिति पर नजऱ बनाए हुए है। नेमावर में बारिश के कारण एक मकान की दीवार ढह गई थी जिस पर प्रशासनिक अमले ने राहत कार्य किया। उक्त परिवार को दूसरी जगह शि?ट करने का कहा लेकिन उन्होंने जाने से मना कर दिया। एनडीआरएफ की टीम, गोताखोर, होमगाड्र्स के जवान तैनात हैं। नावों की व्यवस्था की गई है।
खोकरिया नाले में बुजुर्ग बहा
बरोठा. बरोठा क्षेत्र के गांव खोकरिया में नाले के तेज बहाव में गांव का एक बुजुर्ग शुक्रवार को बह गया। जानकारी के अनुसार कांशीराम उर्फगत्ला(6 5) पैर फिसलने से नाले के बहाव में पहुंच गया। आसपास मौजूद ग्रामीणों ने नाले के किनारे-किनारे दौड़ लगाई काफी दूर तक आगे गए लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। सूचना मिलने पर बरोठा थाने का पुलिस बल मौके पर पहुंचा और ग्रामीणों से जानकारी ली। बुजुर्ग की तलाश भी की गई। बताया जा रहा है कि गणेश विसर्जन के दौरान कुछ लोग नाले किनारेएकत्रित हुए थे तभी हादसा हो गया। गांव के राजेंद्रसिंह दरबार ने बताया कि मामले की सूचना मिलने पर हाटपीपल्या विधायक मनोज चौधरी मौके पर पहुंचे, बाद में बुजुर्ग के घर जाकर परिजन से चर्चा की व हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
जोरदार बारिश से क्षेत्र के जलाशय लबालब हो चुके है। नगर व क्षेत्र के गांवों के कुएं, बावडी, तलाई व तालाब जोरदार बारिश से लबालब भरा गए हैं। नगर में क्षेत्र का सबसे बड़ा तालाब भी इस वर्ष की झमाझम बारिश में लबालब भराकर ओवर ?लो हो गया है। सबसे बड़ा तालाब गुरुवार रात में हुई बारिश में ओवर ?लो हो गया। बरोठा का तालाब करीब 6 वर्ष बाद लबालब भराया है। कई वर्षों बाद लबालब भराए। तालाब को देखने नगर के लोग तालाब पर जा रहे हैं।
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मकान धंसा, बालिका घायल
पुंजापुरा. तालाब का पानी घरों में घुसने से एक कच्चा मकान गिर गया। घटना स्थल पर 6 साल की बालिका अनुष्का खड़ी थी, जिसके सिर में चोट आई। शुक्रवार शाम 6 बजे रातातलाई में तालाब बना हुआ है तालाब के रीसन से घरों में पानी घुसने लगा। तालाब का पानी घर में घुसने से दयाराम पिता उमराव का मकान गिर गया। हादसे में पास खड़ी बालिका को सिर में चोट आई। बालिका पुंजापुरा में स्वामी विवेकानन्द स्कूल में कक्षा एक की छात्रा है। अचानक मकान गिरने से घर में रखा सामान भी खराब हो गया। साथ ही घर के अंदर बंधे मवेशी भी चोटिल हो गए। शिक्षक बाबूलाल चौहन ने तत्काल बालिका को उपचार के लिए पुंजापुरा भेजा। पीडि़त परिवार को आर्थिक मदद के लिए गांव के सरपंच शैतानसिह डोडवे आदि ने मांग की है।
छह दिन से तहसील मु?यालय से कट गएगांव
हाटपीपल्या. लगातार 6 दिनों से हो रही क्षेत्र में बारिश के चलते क्षेत्र के नदी नाले उफान पर है। तहसील मु?यालय को जोडऩे वाले आसपास क्षेत्र के गांव 6 दिन से तहसील मु?यालय से कटे हुए हैं। क्षेत्र के समीप ग्राम देवगढ़ की कालीसिंध नदी लगातार छठे दिन भी उफान पर है, जिसके कारण आवागमन बंद है। क्षेत्र के लोग कालीसिंध नदी के उफान के कारण बड़ी मुश्किल समस्या का सामना कर रहे हैं। क्षेत्र के लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोग राशन दवाई के लिए तरसने लगे हैं। लंबी दूरी तय कर लोग तहसील मु?यालय आ रहे हैं। तहसील मु?यालय से जुड़े चालीस गांव कालीसिंध नदी में पानी ऊफान पर आने के कारण कटे हुए हैं। ग्राम बढिय़ा मांडू के प्रवीण वर्मा ने बताया कि में ग्राम बढिय़ा मांडू से प्रतिदिन तहसील मु?यालय आकर अपनी सैलून की दुकान चलाता हूं किंतु कालीसिंध नदी में उफान आने के कारण में पिछले 6 दिन से अपनी दुकान नहीं खोल पाया हूं, जिसके कारण मेरी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। ग्राम खेड़ा के सरपंच प्रतिनिधि विक्रम सिंह कलेसरिया व गणेश पाटीदार, अमला ताज के सरपंच देवेंद्र सिंह सेंधव, उन्नत सोसाइटी संस्था के पूर्व अध्यक्ष कृष्णपाल सिंह सेंधव, अमला ताज पूर्व सरपंच भारत सिंह जादौन, देवगढ़ के जितेंद्र मालवीय ने बताया कि क्षेत्र के 40 गांव तहसील मु?यालय से कालीसिंध नदी में बाढ़ आने से कटे हुए हैं।
कालीसिंध नदी पर बड़ी पुलिया नहीं होने के कारण इस क्षेत्र के लोगों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। क्षेत्र में अगर कोई बीमार हो जाए, या फिर प्रसूता को गांव से ले जाना हो तो फिर दूरदराज के सोनकच्छ या सिद्धिगंज मरीजों को लेकर जाना होता है या फिर 20 किलोमीटर का राउंड घुमकर रमल खेड़ी पर बनी बड़ी पुलिया से होकर व स्माइलखेड़ी होकर तहसील मु?यालय पर आना होता है। क्षेत्र के लोग कई समय से कालीसिंध नदी पर बड़ी पुलिया की मांग कर रहे हैं, किंतु प्रशासन ने आज तक इन लोगों की समस्या को नहीं सुना। कालीसिंध नदी पर बड़ी पुलिया बन जाए तो इस क्षेत्र के 40 गांव को समस्याओं का समाधान हो जाएगा। ग्राम देवगढ़ के महेश पाटीदार बताते हैं कि वर्षों से क्षेत्र के लोगों की कालीसिंध नदी पर बड़ी पुलिया की मांग है, जो अब तक पूरी नहीं हुई है। पूर्व मार्केटिंग सोसायटी अध्यक्ष केशरसिंह देवगढ़ ने बताया कि वर्षों पुरानी कालीसिंध नदी पर पुलिया की मांग सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी से हमने की है। गुरुवार को क्षेत्र में आए सांसद को कालीसिंध नदी पर पुलिया की समस्या को लेकर हमने एक आवेदन दिया है और शीघ्र ही काली सिंध नदी पर पुलिया बनाने की मांग की गई हैं।
उफान, जिसके चलते गांवों के रास्ते बंद हुए।
अपने खर्च से कराई नाले की सफाई
चौबाराधीरा. लगातार बारिश से अब आम लोगों की दिनचर्चा अस्त व्यस्त हो गई है। लगातार बारिश से किसान भी चिंता में हैं। सोयाबीन फसल अधिक बारिश होने से नष्ट होने लगी हैं। वहीं नालों का पानी घरों में घुसने लगा तो ग्रामीण खुद ही आगे आए हैं व ग्रामीणों ने स्वयं के पैसे खर्च करके नालों की सफाई करवाई है। चौबाराधीरा के पास के गांव जीवाजीगढ़, खाड़ी, इकलेरा के ग्रामीणों के लिए बागदी नाला सबसे बड़ी परेशानी बना हुआ है, जिससे ग्रामीण अधिक परेशान हो रहे हैं। चार-पांच दिनों से ग्रामीणों का रास्ता बंद होने के बाद भी प्रशासन नहीं जागा तो इकलेरा के ग्राम वासियों ने समस्या को देखते हुए अपने निजी पैसे खर्च करके नालों की जेसीबी द्वारा सफाई करवाई, जिससे कुछ घंटे में रास्ता चालू हो गया था। गणेश पाटीदार, आनंद व्यास, प्रमोद पाटीदार, प्रदीप पाटीदार, ललित पाटीदार आदि समाजसेवी लोगों ने समस्या को दूर करने के लिए आगे आए थे।
नाले की सफाई कराई तो खुला रास्ता।
ग्रामीण के घर में घुसा पानी
पांदाजागीर. वैसे क्षेत्र में पिछले करीब 30 दिनों से सतत बारिश का दौर जारी हैं। शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे तेज बारिश शुरू हुई, जो लगातार 2 घंटे तक होती रही, जिससे समस्त क्षेत्र जलमग्न हो गया व नदी नाले उफान पर आ गए। तेज बारिश से पांदाजागीर से गुर्जर गुराडिया पहुंच मार्ग पर बनी पुलिया के ऊपर पानी बहने लगा, जिससे पांदा, गुर्जर गुराडिया मार्ग का आवागमन 2 घंटे के लिए प्रभावित हुआ। इसी पुलिया पर एक कुत्ता भी पानी के अधिक बहाव में बह गया एवं पांदा जागीर निवासी जगदीश चौधरी के मकान में पानी घुस गया।
पांदा जाएगी १४०३- घर में घुसे पानी को निकालते।
किसानों के लिए आफत की बारिश
भमोरी. पहले सूखा, फिर कीट का प्रकोप व अफलन से सोयाबीन फसल पर संकट था। रही कसर लगातार बारिश से पूरी हो रही है। भारी बारिश ने किसानों की उ?मीदों पर पानी फेर दिया है। सोयाबीन,मूंग,उड़द की फसल पर संकट खड़ा हो गया है। अधिक बारिश से हर खेत में जलभराव की स्थिति बन रही है। भमोरी के किसान श्रवण पाटीदार, सागरमल पाटीदार, दरियाव सिंह पाटीदार, राजेश पाटीदार, नारायण मंडलोई ने बताया कि लगातार 20 दिन की बारिश से फलिया गलने लगी है इससे उत्पादन भी घटेगा। कृषि विभाग के एसडीओ राजेश धारे ने बताया कि लगातार बारिश व खेतों में पानी रूकने से फसल को नुकसान की आशंका है। जब तक बारिश नहीं थमती तो पूर्ण रूप से दाना भी नहीं भरेगा
30 साल का रिकार्ड टूटा, 49 इंच बारिश
टोंकखुद. पिछले 15 दिनों से बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। अत्यधिक बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त होने के साथ किसानों की चिंता बड़ गई है। खेतों में सोयाबीन की फसल अधपकी होकर पीली पडऩे लगी है। वही नदी नाले उफान पर आने से सभी गांवों का मु?यालय से संपर्क टूटा हुआ है। टोंकखुर्द में गत वर्ष 17 इंच बारिश हुई थी, लेकिन इस बार 49 इंच बारिश हो चुकी है। टोंकखुर्द राष्ट्रीय राजमार्ग को जोडऩे वाली सडक़ का नाला पुलिया की बराबरी से बह रहा है। यह नाला बारिश में कई बार खतरे के निशान से ऊपर जा चुका है। अत्यधिक वर्षा के कारण कई घरों में पानी घुस गया, वहीं मकान की पक्की छत भी टपकने लगी हैं। ग्राम पंचायत देवमुण्डला के अंतर्गत आने वाले गांव के घरों में पानी भरा गया। बरदु से जमोनिया मार्ग कई घंटों बंद रहा। नगर सहित क्षेत्र में कई कच्चे मकान भरभराकर गिर गए।
देवास-बागली मार्ग तीन घंटे बंद रहा
नेवरी. नेवरी क्षेत्र में शुक्रवार सुबह से ही तेज बारिश शुरू हुई। बारिश इतनी तेज हुई की दोपहर 2.30 बजे क्षेत्र की सबसे बड़ी नदी गांगी नदी उफान पर आ गई, जिससे देवास-बागली मार्ग करीब 3 घंटे बंद रहा, जिससे आने जाने वाले मोटरसाइकिल,बसे को रोकना पड़ा। कुछ ही देर मेंं नदी के दोनों तरफ छोटे-बड़े सैकड़ों वाहनों की लाइनें लग गई। सुरक्षा की दृष्टि से नेवरी पुलिस चौकी प्रभारी लोकेंद्र चौधरी बल के साथ मौजूद रहे। सैनिक भगवान सिंह राजपूत व्यवस्था देखते रहे। यहां मार्ग शाम को 5 बजे चालू हुआ।
नदी-नाले उफान पर, कई गांवों का संपर्क टूटा
कुसमानिया. प्रदेश में हो रही बारिश ने अब परेशानी का रूप ले लिया है। आसमान से आफत की बारिश लगातार जारी है। बारिश की एक एक बंूद लोगों को भारी पड़ रही है। क्षेत्र में हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त.व्यस्त हो गया है। ग्रामीण घर से बाहर नहीं निकल पा रहे है। लगातार बारिश से क्षेत्र के नदी नाले उफान पर होने से कई गांवों का संपर्क मु?य मार्गों से टूट गया है। शुक्रवार को विक्रमपुर की नदी पुलिया के ऊपर बहने से कई घंटे मार्ग बंद रहा। इधर भारी बारिश से पशु-पक्षियों का जीवन भी प्रभावित हुआ है।
रास्ता धंसने से बंद हुआ गांव का रास्ता
टोककलां. भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो रहा हैं। परंतु बारिश का दौर अनवरत जारी है। टोककलां में टिल्लर नदी उफान पर आ गई जिससे टोककलां गांव में जाने सहित रंधनखेड़ी मार्ग भी बंद हो गया। टोककलां में टिल्लर नदी उफान पर रही जिससे नदी के किनारे सीमेंट का रास्ता पूरी तरह धंस गया। रास्ता धरने से मु?य मार्ग बंद हो गया जिससे पड़ाव पर से गांव का संपर्क टूट गया। वहीं टोककला-रंधनखेड़ी मार्ग की पुलिया पर से भी पानी आने से मार्ग पूरी तरह बंद हो गया। वही गांव के कंजर मोहल्ले के पन्द्रह से बीस घरों में टोंकखुर्द चौराहे पर बने ब्रिज के नीचे से आने वाला पानी घरों में घुस गया। नाराज कंजर समाज के लोगों ने फोरलेन निर्माण कर रही ओरिएंटल कंपनी की प्रति नाराजगी जाहिर कर सर्विस रोड पर जाम करने की कोशिश की। ग्रामीणों की कहना था कि ओरिएंटल कंपनी की लापरवाही के कारण पानी हमारें घरों में घुस रहा हैं। टोंकखर्द रोड तरफ से आ रहे पानी की उचित निकासी नहीं होने से ये स्थिति बनी है। मौके पर टोककलां पुलिस चौकी प्रभारी पवन कुमार, उपसरपंच बसंत सिंह राजपूत पहुंचे और कंपनी के अधिकारियों को अवगत कराया, तब कंपनी की पानी निकासी के लिए जेसेबी आई और रंधनखेड़ी मार्ग तरफ सडक़ के दोनो और नाली खोदी जिससे थोड़ी बहुत राहत हुई। वही लोगों ने कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाया, समय रहते पानी निकासी हो जाती तो लोगों के घरों में पानी नहीं घुसता। समीप के गांव उपडी ग्राम पंचायत लसुडलिया कुलमी में विगत पांच छह दिनों से हो रही अधिक वर्षा से गांव में बने पांच मकान गिर गए। मकान गिरने वाले में गोरधन सिंग,सोहन सिंह, पीरूलाल, पूनमचंद्र, पोप सिंह, बालू सीह शामिल है। विगत दिनों हल्का के पटवारी प्रदीप भंडारी, ग्रामीण डा. सुरेश गुर्जर ने गांव का भ्रमण कर मौके का जायजा लिया तथा पंचनामा बनाया।
स्कूल तो पहुंच गए लेकिन घर जाते वक्त अटके
भौरासा. नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही जोरदार बारिश से जनजीवन अस्त.व्यस्त हो रहा है। भौरासा-टोंकखुर्द मार्ग जो की सवरसी, कूलाला, बुदासा, जिरवाय, पांडी कई गांव को जोड़ता है वहां आज सुबह से ही बंद हो गया। जिला कलेक्टर ने शासकीय और निजी स्कूलों की छुट्टी रखने के आदेश दिए थे, लेकिन एक निजी स्कूल ने आदेश को नहीं माना। बच्चे स्कूल तो पहुंच गए लेकिन जाते वक्त नाले की बाढ़ के चलते वे फंस गए। दोपहर 1 बजे से बच्चे नाले की बाढ़ के उतरने का इंतजार करते रहे ताकि घर पहुंच जाए। पुलिस प्रशासन पूरी मुस्तैदी से दोनों पुल पर तैनात रहा। थाना प्रभारी केके सिंह लोगों को नाला पार करने से रोकते रहे। वही भौंरासा का रानी दमयंती तालाब भी अब ओवर ?लो होने लगा है।

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