लड़के वाले सगाई के लिए मान गए थे, किंतु लड़की वालों ने मना कर दिया कि अभी मेरी बेटी नाबालिग है, मैं सगाई नहीं कर सकता। दो से तीन बार समाजजनों ने सगाई के लिए बैठकर बात की थी, फिर भी सगाई नहीं हो सकी थी। इस बात को लेकर प्रेमी व प्रमिका ने शहर के मुक्तिधाम मार्ग पर स्थित प्रायवेट स्कूल के बाहर सल्फास की गोलियां गटक ली थी। दोनों को उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से इंदौर रैफर कर दि या था।
इंदौर में उपचार के दौरान लड़की ने दम तोड़ दिया और लड़का बच गया था। पुलिस ने सवा छह माह तक जांच की और लड़के के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर लिया गया। कोतवाली थाने के जांचकर्ता एएसआई कमालसिंह ने बताया कि 7 मार्च 2018 को आरोपित मनीष पिता वीरेंद्र पटेल निवासी खारीबावड़ी व १६ साल की लड़की ने मुक्तिधाम मार्ग पर स्थित प्रायवेट स्कूल के बाहर आकर सल्फास की गोलियां खा ली थी।
दोनों को पहले उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। हालत गंभीर होने पर उपचार के लिए इंदौर रैफर कर दिया, जहां पर लड़की ने दम तोड़ दिया था। लड़के का उपचार चला और वह बच गया। पुलिस ने शुरू में मनीष के खिलाफ आत्महत्या करने का केस दर्ज किया था। इसके बाद जांच शुरू हुई जिसमें पता चला कि मामला प्रेम-प्रसंग का था, जिसके चलते दोनों ने इस तरह का कदम उठाया था।
आत्महत्या के लिए किया था प्रेरित जांचकर्ता सिंह का कहना है कि दोनों एक ही माली समाज के होने से सगाई की बातें भी दो से तीन बार हुई थी, किंतु लड़की पक्ष ने इनकार कर दिया था। इसके बाद लगातार आरोपित मनीष सगाई के लिए लड़की पर दबाव बनाता रहा और एक दिन दोनों ने साथ में सल्फास खा ली थी। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।