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शहर में कई जगह आज होगा रावण के पुतले का दहन

locationदेवासPublished: Oct 19, 2018 12:53:48 am

रंगारंग आतिशाबाजी भी होगी

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शहर में कई जगह आज होगा रावण के पुतले का दहन

देवास. बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक विजयादशमी पर्व शुक्रवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। 19 अक्टूबर को शहर में अनेक स्थानों पर रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। वहीं संस्था जन चेतना विकास नगर, परेड ग्राउंड पर भी पुतलों का दहन होगा।
तिलक विचार मंच के संयोजक जयप्रकाश चौधरी ने बताया कि प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी महारानी चिमनाबाई स्कूल परिसर में संस्था द्वारा 19 अक्टूबर को दशहरा मिलन समारोह एवं 51 फीट रावण का दहन रात्रि 9.30 बजे होगा। इस अवसर पर मोती बंगला विकास परिषद के तत्वावधान में 51 फ ीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन स्थानीय शिवशक्ति मैदान पर रात 8 बजे किया जाएगा। आयोजन समिति संयोजक जितेंद्र रघुवंशी, मयंक द्विवेदी, रामबाबू बैरागी ने बताया, इस अवसर पर रंगारंग आतिशबाजी एवं अन्य कार्यक्रम होंगे। संस्था मां तारणेश्वरी द्वारा 19 अक्टूबर की रात 8 बजे श्याम गार्डन इटावा में रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस दौरान रंगारंग आर्केस्ट्रा की भी प्रस्तुति दी जाएगी। इस बार लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए मतदान करना जरूरी है, यही संदेश संस्था द्वारा दिया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन व शहर को साफ बनाने की शपथ भी ली जाएगी। आयोजक राजेंद्रसिंह ठाकुर ने कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है।
सतवास. देवी आराधना के शक्ति पर्व के समापन के साथ ही शुक्रवार को सतवास क्षेत्र में असत्य पर सत्य की जीत का पर्व विजयादशमी हर्षोल्लास से मनाया जाएगा।
इस अवसर पर नगर के दशहरा मैदान पर नगर परिषद द्वारा निर्मिंत ७१ फीट विशाल रावण का दहन होगा, जिसमें हजारों नागरिक शामिल होगे। रावण दहन के पूर्व भव्य आतिशबाजी होगी। विभिन्न समाज प्रमुखों का सम्मान किया जाएगा। इस बार रावण के दस सिर अलग-अलग भागो में विभाजित होकर फि र से जुड़ेंगे।
यह जानकारी देते हुए नगर पंचायत सीएमओ विकास डाबर ने बताया कि धर्मेश्वर मंदिर के संस्थापक संत काशी मुनि उदासीन के सान्निध्य में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। रावण दहन के बाद सभी नागरिक एक-दूसरे को शमी पत्र देकर शुभकामनाएं देंगे। सतवास में रावण दहन की एक अलग विशिष्ट परम्परा है। यहां कागज के रावण के पुतले के दहन के पूर्व रावण कि मिट्टी की प्रतिमा बनाई जाती है। आचार्यो द्वारा उसका विधिवत पूजन नगर के प्रथम नागरिक से कराया जाता है। ऐसा माना जाता है कि रावण बेहद बुद्धिमान और शास्त्रों का ज्ञाता था। इसलिए इस रावण प्रतिमा की मिट्टी को पूजन के बाद नागरिक अपने घर ले जाकर पूजन घर में सहेज कर रखते हैं । जिससे सुख ओर समृद्धि आती है।

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